आचार्य राजेश (ज्योतिष,वास्तु , रत्न , तंत्र, और यन्त्र विशेषज्ञ ) जन्म कुंडली के द्वारा , विद्या, कारोबार, विवाह, संतान सुख, विदेश-यात्रा, लाभ-हानि, गृह-क्लेश , गुप्त- शत्रु , कर्ज से मुक्ति, सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक ,पारिवारिक विषयों पर वैदिक व लाल किताबकिताब के उपाय ओर और महाकाली के आशीर्वाद से प्राप्त करें07597718725-०9414481324 नोट रत्नों का हमारा wholesale का कारोबार है असली और लैव टैस्ट रत्न भी मंगवा सकते है
सोमवार, 1 मई 2017
ज्योतिष क्या है आज के दौर में ज्योतिष एक फैशन बन गया है. ज्योतिष व्यवसायीकरण के युग में एक प्रोडक्ट बन गया है जिसका उपाय किसी इंस्टंट नूडल की तरह बताया जा रहा है .मन की मनुष्य के जीवन में लाभ-हानि, अनुकूलता-प्रतिकूलता, शुभता-अशुभता या अच्छा-बुरा कब-कब होगा इसको ज्योतिष के माध्यम से ही जाना जा सकता है. लेकिन वास्तव में ज्योतिष का अर्थ होता है व्यक्ति को जागरुक/ सचेत करना, परन्तु समाज में इसके गलत प्रयोग करने ,लोगो को सही जानकारी देने की बजाए उनको भयभीत कर धन कमाने के कारण कई बार इस बिद्या की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है. ज्योतिष समय का विज्ञानं है . तिथि , वार, नक्षत्र , योग और कर्म इन पांच चीजों का अध्ययन कर भविष्य में होने वाली घटनायों का आकलन किया जाता है . संभावनायों और भविष्यवाणी के बजाय ज्योतिष शास्त्र का सही उपयोग परामर्श , मानव जीवन को अनुशासित और जिंदगी के हर पल का एक समुचित मार्गदर्शन के साधन के तौर पर समाज में प्रस्तुत करने की अंत्यत आवश्यकता है . केवल भविष्यवाणियों में सिमित न रह कर , ज्योतिष का आधार लेकर मनुष्य की जीवन की कई समस्यायों का हल निकाला जा सकता है. ज्योतिष भविष्य को बदलता नहीं बल्कि मनुष्य को सही और उचित सलाह देता है . प्रथम तो हमें यह समझ लेना चाहिए की ज्योतिष है क्या ? ज्योतिष प्रकाश का नाम है | प्रकाश अँधेरे को दूर करता है अँधेरा लाता नहीं | ज्योतिष कर्म को निश्चित करता है कर्म से भटकाता नहीं | ज्योतिष व्यर्थ के प्रयासों से बचते हुए सफलता के लिए मदद करता है व्यर्थ के कार्य नहीं करवाता है | वस्तुतः ज्योतिष हमें हमारे अन्तर्निहित शक्ति का ज्ञान करवाते हुए सही दिशा प्रदान करता है | 12 राशि, 9 ग्रह और 27 नक्षत्रों को लेकर कुंडली बनाई जाती है। सही गणना के लिए तारीख, वक्त, स्थान तीनों सही होने चाहिए। ग्रहों के अलावा पिछले पूर्वजन्म भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जन्मकुंडली के अलावा हस्तरेखा, प्रश्नकुंडली आदि तरीकों से भी भाग्य बांचा जाता है। बाहरी दुनिया के साथ हमारे संपर्कों को जानने-समझने का तरीका है ज्योतिष। यह ऐसा विज्ञान है, जो वातावरण द्वारा मनुष्य पर पड़नेवाले प्रभावों की स्टडी करता है। इसमें समुद्र तल से ऊंचाई, देशांतर-अक्षांश, पर्यावरण, स्तंभन, चुंबकत्व, गुरुत्वाकर्षण, रेडिएशन ईश्वर, पुनर्जन्म, पूर्वजन्म और मनुष्य का विवेक मायने रखता है।ज्योतिष महज संकेत करता है, उससे जानना और समझना हमारे ऊपर है। इसके लिए देश-पात्र-काल जरूरी है लेकिन कर्म और संगत का भी असर होता है। प्रश्नकर्ता को घरवालों के ग्रह भी प्रभावित करते हैं। साथ ही, आप कैसा सोचते हैं, क्या करते हैं, ये सब बातें भी प्रभावित करती हैं। हर दो घंटे में लग्न बदलता है। कई बार एक मिनट के अंतर से भी लग्न बदल जाता है, मसलन अगर 2 बजे लग्न बदल रहा है और जन्म 1:59 मिनट पर हुआ तो दूसरा लग्न होगा। तब जन्म समय में 1 मिनट के फर्क से ही गणना में बहुत ज्यादा अंतर आ जाएगा। अगर लग्न नहीं बदला है तो थोड़ा अंतर हो सकता है।दो तरह से असर होता है। एक राशि या लग्न बदल जाना और दूसरे ग्रह की ताकत बदल जाना। लेकिन वक्त काफी मायने रखता है। 3.40 सेकंड में नवांश (नवां हिस्सा) बदल जाता है और एक मिनट के फर्क से गणना में 20-25 फीसदी बदलाव आ जाता है। मिनटों का अंतर भी गणना में फर्क ला देता है। सही गणना के लिए सही वक्त और जगह का होना जरूरी है। लेकिन यह भी सच है कि एक ही वक्त पर एक ही जगह जन्मे सभी बच्चों का भविष्य एक नहीं होगा। कर्मयोग और वातावरण से बदलाव आ सकता है। ज्योतिष में ECMCDIP का फॉर्म्युला चलता है, यानी एजुकेशन, करियर, मैरिज, चिल्ड्रन, डेथ, इलनेस और प्रॉपर्टी के बारे में जानने में लोगों की सबसे ज्यादातर दिलचस्पी होती है। लेकिन ज्योतिष महासागर है। बीते या आनेवाले वक्त की सभी बातें सटीक बताना नामुमकिन नहीं हैं।करियर, रिश्ते, कामयाबी, एजुकेशन, बच्चों आदि के बारे में बता सकते हैं लेकिन अगर कोई यह पूछे कि आज मैंने क्या खाया था तो यह नहीं बताया जा सकता।प्रफेशन, बीमारी, देश-विदेश का योग, विवाह, बच्चे, रिश्ते सभी के बारे में बता सकते हैं लेकिन ये सिर्फ संभावनाएं झहोंगी। कर्म तो करना ही पड़ेगा। अगर कोई ये कहे कि इस बंजर जमीन पर फसल कब उगेगी तो बताना मुश्किल है।बस मार्गदर्शक या संकेतक का काम कर सकता है ज्योतिष। अगर ईश्वर न चाहे या किसी ने अपना आत्मबल काफी मजबूत किया हुआ है तो ग्रह चाल का असर काफी कम होगा। : हठयोग के आगे ज्योतिष हार जाता है। अगर किसी को बताया जाए कि बुरा वक्त है और वह सावधान हो जाता है तो वक्त टल सकता है लेकिन तब वही व्यक्ति कहेगा कि ज्योतिषी का बताया गलत साबित हुआ। लोग अक्सर इंटरप्रेट भी गलत कर लते हैं।ज्योतिष बस दिशा दिखाता है। कर्म किए बिना फल की उम्मीद बेकार है।सब कुछ लिखा है। हर बारीक से बारीक बात लिखी है। उपायों से थोड़ा-बहुत बदल सकते हैं। अगर हल्का मारक है यानी ग्रह की पावर कम है तो टाला जा सकता है, प्रबल मारक को रोका नहीं जा सकता। रेखाएं बनती-बिगड़ती हैं। भाग्य भी बदलता है। कर्म और दूसरे उपायों से 50 फीसदी तक बदलाव मुमकिन है। काफी बदलाव किया जा सकता है। हालांकि भाग्य का लिखा मिटता नहीं है सिर्फ कुछ हद तक फेरबदल किया जा सकता है। मसलन, एक बच्चे के ग्रह अच्छे हैं लेकिन बुरी संगति में पड़कर बिगड़ सकता है।बाजारू ज्योतिषी उपाय बताएगा और उपाय खुद करने के नाम पर पैसे एंठेगा। आपकी कुंडली देखकर जो आपके बारे में मोटी-मोटी बातें सही बता दे, उसे विषय का जानकार मान सकते हैं। अच्छे ज्योतिषी के पास तकनीकी, बौद्धिक और नैतिक उत्कृष्टता होती है।जो अपने विषय का जानकार हो, पढ़ा-लिखा हो और तार्किक तरीके से सोचे। तामझाम और आडंबर के चक्कर में नहीं आना चाहिए। उपाय भी ऐसे होने चाहिए, जो आप खुद कर सकें। अच्छा ज्योतिषी सामने बिठाकर या चित्र देखकर फैमिली बैकग्राउंड जानकर बताएगा। किसी की गणनाएं कितनी सही निकलती हैं, इस आधार पर भी पता लगाया जा सकता है। वैसे, दूसरे क्षेत्रों की तरह ज्योतिषियों के लिए डिग्री जरूरी होनी चाहिए। 12 राशियां हैं और 600 करोड़ लोग हैं। ऐसे में एक राशि में आए 50 करोड़ लोग। तो भला इतने लोगों का भविष्य एक जैसा कैसे हो सकता है। दैनिक राशिफल बेकार होते हैं। राशिफल करने वाले लोग को मैं ज्योतिष नहीं मानता ज्योतिष से उन लोगों का नाता हो ही नहीं सकता आचार्य राजेश
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