आचार्य राजेश (ज्योतिष,वास्तु , रत्न , तंत्र, और यन्त्र विशेषज्ञ ) जन्म कुंडली के द्वारा , विद्या, कारोबार, विवाह, संतान सुख, विदेश-यात्रा, लाभ-हानि, गृह-क्लेश , गुप्त- शत्रु , कर्ज से मुक्ति, सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक ,पारिवारिक विषयों पर वैदिक व लाल किताबकिताब के उपाय ओर और महाकाली के आशीर्वाद से प्राप्त करें07597718725-०9414481324 नोट रत्नों का हमारा wholesale का कारोबार है असली और लैव टैस्ट रत्न भी मंगवा सकते है
शुक्रवार, 22 जुलाई 2016
मित्रो लाल किताव वास्तव मे दुख दुर करने की कुंजी है अव कुछ ज्योतिषी भाई लोगो ने किताबें लिखी या लिखाई हैं अथवा अपनी सुविधानुसार बनाई या बनवाई हैं जैसे लाल किताब ऐको घ्यान मे रखकर लाल ,नीली ,पीली ,हरी ,गुलाबी आदि हर कलर में किताबें लोगों ने अपने अपने मन से एक एक किताब बनाकर रख ली है । इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि कुछ पढ़ना लिखना नहीं पड़ता है ओर लोगो पर प्रभाव भी ङल जाता है ज्योतिष के नाम पर जो मन आवे सो बोलो या बकवास करो जब प्रमाण देने की बात आवे तो तथाकथित अपनी अपनी किताबों का नाम बता दो बचाव हो जाएगा। केवल उन नामों के पीछे अमृत या मणि या यन्त्र या तन्त्र लाल लिखना बहुत जरूरी होता है। ये अमृत आदि शब्द इतने अधिक आकर्षक होते हैं कि किसी परेशान व्यक्ति को फाँसने में बड़ा सहयोग मिलता है क्योंकि इन नामों के प्रति हमारे समाज में असीम आस्था होती है। संसार में लोगों को जितने प्रकार की आवश्यकता होती है उन सारी बातों के आगे अमृत या मणि या यन्त्र तन्त्र लिखना बहुत होता है। जैसे -कब्ज दूर करने करने के लिए कब्ज निरोधक मणि अथवा कब्ज हर यन्त्र या कब्ज हर अमृत ।इसी प्रकार यदि आप कुंडलियों के धंधे में कूदना चाहते हैं तो कंप्यूटर से कुंडली बनाकर उसके आगे भी अमृत मणि या यन्त्र लिख सकते हैं । जैसे -गुलाबी किताब अमृत ,हरी किताब मणि ,या पीली किताब यन्त्र आदि या लाल किताव मंथन नामों से वही दो सो रूपए वाली कंप्यूटर कुंडली पाँच हजार रूपए में आराम से बिक जाती है अव ईस से वङिया घन्घा हो भी नही सकता अव तो अब लगने लगा है कि पढ़े लिखे शास्त्रीय ज्योतिषियों के पास मटक मटक कर झूठी तारीफों के पुल बाँधने वाली एक सुन्दर सी लड़की नहीं होती थी उसी झुट्ठी के बिना पिट गए बेचारे। क्योंकि उसे देखने के चक्कर में बड़े बड़े फँसने के बाद होश में आते हैं तब ज्योतिषशास्त्र को गाली देते हैं उन्हें यह होश ही नहीं होता है वो जिस के चक्कर में पड़े थे वो वह ज्योतिष नहीं थी कुछ लोगों ने Tv के माघ्य से भी ईस तरह का प्रचार किया अने ही लोग खङे किये जाते है जो तारीफो के पुल वाघते है अपने ही लोगो से फोन करवाऐ जाते है ओर भोले भाले लोग वो सव असली समझ कर फंस जाते है अव तो ज्योतिषीयो ने चोले भी पहन लिऐ ओर वावा गिरी भी करने लग गऐ है tv पर ही आखे वन्द करके फोन पर वता रहे होते है यह कैसी वचकानी हरकते है खैर हम तो कुछ नही वोलेगे वोलेगे तो कहोगे के वोलते है आचार्य राजेश 07597718725 09414481324
मित्रो लाल किताव वास्तव मे दुख दुर करने की कुंजी है अव कुछ ज्योतिषी भाई लोगो ने किताबें लिखी या लिखाई हैं अथवा अपनी सुविधानुसार बनाई या बनवाई हैं जैसे लाल किताब ऐको घ्यान मे रखकर लाल ,नीली ,पीली ,हरी ,गुलाबी आदि हर कलर में किताबें लोगों ने अपने अपने मन से एक एक किताब बनाकर रख ली है । इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि कुछ पढ़ना लिखना नहीं पड़ता है ओर लोगो पर प्रभाव भी ङल जाता है ज्योतिष के नाम पर जो मन आवे सो बोलो या बकवास करो जब प्रमाण देने की बात आवे तो तथाकथित अपनी अपनी किताबों का नाम बता दो बचाव हो जाएगा। केवल उन नामों के पीछे अमृत या मणि या यन्त्र या तन्त्र लाल लिखना बहुत जरूरी होता है। ये अमृत आदि शब्द इतने अधिक आकर्षक होते हैं कि किसी परेशान व्यक्ति को फाँसने में बड़ा सहयोग मिलता है क्योंकि इन नामों के प्रति हमारे समाज में असीम आस्था होती है। संसार में लोगों को जितने प्रकार की आवश्यकता होती है उन सारी बातों के आगे अमृत या मणि या यन्त्र तन्त्र लिखना बहुत होता है। जैसे -कब्ज दूर करने करने के लिए कब्ज निरोधक मणि अथवा कब्ज हर यन्त्र या कब्ज हर अमृत ।इसी प्रकार यदि आप कुंडलियों के धंधे में कूदना चाहते हैं तो कंप्यूटर से कुंडली बनाकर उसके आगे भी अमृत मणि या यन्त्र लिख सकते हैं । जैसे -गुलाबी किताब अमृत ,हरी किताब मणि ,या पीली किताब यन्त्र आदि या लाल किताव मंथन नामों से वही दो सो रूपए वाली कंप्यूटर कुंडली पाँच हजार रूपए में आराम से बिक जाती है अव ईस से वङिया घन्घा हो भी नही सकता अव तो अब लगने लगा है कि पढ़े लिखे शास्त्रीय ज्योतिषियों के पास मटक मटक कर झूठी तारीफों के पुल बाँधने वाली एक सुन्दर सी लड़की नहीं होती थी उसी झुट्ठी के बिना पिट गए बेचारे। क्योंकि उसे देखने के चक्कर में बड़े बड़े फँसने के बाद होश में आते हैं तब ज्योतिषशास्त्र को गाली देते हैं उन्हें यह होश ही नहीं होता है वो जिस के चक्कर में पड़े थे वो वह ज्योतिष नहीं थी कुछ लोगों ने Tv के माघ्य से भी ईस तरह का प्रचार किया अने ही लोग खङे किये जाते है जो तारीफो के पुल वाघते है अपने ही लोगो से फोन करवाऐ जाते है ओर भोले भाले लोग वो सव असली समझ कर फंस जाते है अव तो ज्योतिषीयो ने चोले भी पहन लिऐ ओर वावा गिरी भी करने लग गऐ है tv पर ही आखे वन्द करके फोन पर वता रहे होते है यह कैसी वचकानी हरकते है खैर हम तो कुछ नही वोलेगे वोलेगे तो कहोगे के वोलते है आचार्य राजेश 07597718725 09414481324
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