https://youtu.be/sXMcp0IapGE
मित्रोंआमतौर पर हम अपनी सुविधा के लिए रोज सुबह टीवी पर ही अपना राशिफल देखते हैं कई अखबार का भी इस्तेमाल करते हैं बहुत सारे लोग अपने मोबाइल मेंyoutube या किसी अन्य सोशल साइट्स पर भी राशिफल देखते हैं ।
मित्रोंआमतौर पर हम अपनी सुविधा के लिए रोज सुबह टीवी पर ही अपना राशिफल देखते हैं कई अखबार का भी इस्तेमाल करते हैं बहुत सारे लोग अपने मोबाइल मेंyoutube या किसी अन्य सोशल साइट्स पर भी राशिफल देखते हैं ।
क्या वो टीवी या कही और देखा हुवा राशीफल सभी के लिए एकसमान होता हैं ?
इसमें प्रश्न उठना स्वाभाविक है ऐसा क्यों? मान लीजिए किसी व्यक्ति का मेष राशि है मेष राशि वाले सिर्फ आप ही होंगे! मेष राशि लाखों-करोड़ों लोगों का हो सकता हैं
कोई गरीब हो सकता है कोई अमीर हो सकता है कोई सामान्य वर्ग का हो सकता है अब इसमें जो भविष्यवाणियां बताई जाती है क्या वह सभी के लिए सही होती है?
नहीं हो सकती क्योंकि जन्म कुंडली में ग्रहों की भिन्न-भिन्न स्थितियां होती हैं सब का विचार बहुत जरूरी है आपके ऊपर किस ग्रह की महादशा चल रही है हो सकता हैहो सकता है किसी की शनि की चल रही हो किसी की गुरु की किसी की राहु की
वैसे भी 12 राशियां हैं और 600 करोड़ लोग हैं। ऐसे में एक राशि में आए 50 करोड़ लोग। तो भला इतने लोगों का भविष्य एक जैसा कैसे हो सकता है। हमारे भारत देश की जनसंख्या है 130 करोड़ से ज्यादा है तो एक राशि के अंदर कितने लोग हो गए सब के अलग-अलग कर्म है उन कर्मों के आधार पर ही आपकी जन्मकुंडली का निर्माण होता है और जन्म कुंडली से ही आपका सही भूत भविष्य और वर्तमान का फल कथन किया जा सकता हैसबसे पहले आइए आप समझे कि दैनिक राशिफल और सप्ताह का राशिफल कैसे निकाला जाता है? राशिफल का फलादेश मुख्यत: चंद्रमा के भ्रमण पर निर्भर रहता है। चंद्रमा सप्ताह भर में लग्न या राशि से जिस भाव में भ्रमण करता है, उस तरह से दैनिक/साप्ताहिक राशिफल निर्धारित किया जाता है। ठीक अब यह तो आप समझ गए जैसे कि आपको यह भी बता दूं कि 27 नछतर होते हैं 12 राशियां और जिस तरह सूर्य मेष से लेकर मीन तक भ्रमण करता है, उसी तरह चन्द्रमा अश्विनी से लेकर रेवती तक के नक्षत्र में विचरण करता है तथा वह काल नक्षत्र मास कहलाता है। यह लगभग 27 दिनों का होता है इसीलिए 27 दिनों का एक नक्षत्र मास कहलाता हैप्रत्येक नक्षत्र को चार चरणों में बांटा गया है | एक नक्षत्र13डीग्री20| का होता है अतः नक्षत्र के एक चरण की दूरी 13/20|/4 = 30/20| होती है | सवा दो नक्षत्र अर्थात ९ चरण (30/0 ) की एक राशि होती है | चंद्रमा सवा दो दिन में एक राशि पार कर लेता है अर्थात 30/0 आगे बढ़ जाता है यानी सवा दो दिन तक चंद्रमा एक ही राशि में रहता है | 27 दिन में सभी १२ राशियाँ और नक्षत्र पार कर लेता है | इन चरणों के लिए कुछ अक्षर निश्चित किये गए हैं, जिसके हिसाब से किसी जातक का नामकरण किया जाता है |
क्रमांक नक्षत्र नक्षत्र चरण चरणाक्षर राशि
1 अश्विनी 1,2,3,4 चू, चे, चो, ला मेष मेष राशि में तीन नछतर होते हैं और 9चरणआप ज्योतिष की थोड़ी समझ रखते हैं तो सोचिए विचार करिए इस तरह अन्य राशियां आजकल अधिकांश व्यक्ति प्रात:काल समाचार पत्र में सर्वप्रथम दैनिक राशिफल वाले स्तंभ में अपनी राशि का फलित देखकर अपने दिन का पूर्वानुमान लगाने में उत्सुक रहते हैं और सांझ ढलते ही महसूस करते हैं कि उनकी राशि का जो फलित दैनिक राशिफल में बताया गया था, वह तो असत्य निकला। इसके बाद वे ज्योतिष शास्त्र को कोसने लगते हैं। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। तो मैं उन ज्योतिषीयों को दोषी मानता हूं जो अपने नाम के आगे आचार्य या Dr लगाते हैं और जनता को ऐसा लगता कि यह बहुत ही विद्वान और पढ़े लिखे ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता होंगे लेकिन जो लोग दैनिक राशिफल का काम करते हैं ऐसे लोगों को ज्योतिष आता ही नहीं है मित्रों यह आपको समझना होगा आजकल जिस प्रकार दैनिक राशिफल बताया जाता है, वह पूर्णत: भ्रामक व अप्रामाणिक होता है। उसका कोई शास्त्रोक्त व ज्योतिषीय आधार नहीं होता।
ज्योतिष शास्त्र में फलित के लिए ग्रह स्थिति मुख्यरूपेण उत्तरदायी होती है, चाहे वह जन्म पत्रिका की ग्रह स्थिति हो या गोचर की। ज्योतिष शास्त्र में किसी जातक के फलित के लिए उसकी जन्म पत्रिका की लग्न कुंडली को सर्वाधिक महत्ता प्रदान की गई है तत्पश्चात नवमांश कुंडली, उसके बाद वर्ग कुंडली, फिर विंशोत्तरी दशाएं, उसके बाद योगिनी दशाएं और सबसे अंत में गोचर को मान्यता दी गई है। जब गोचर को ही फलित करते समय सबसे अंतिम पायदान पर रखा जाता है तो केवल चंद्र के गोचर व नक्षत्र से दैनिक राशिफल निकालना कहां तक उचित व प्रामाणिक है?
अब उपर्युक्त आधार पर क्या यह मान लिया जाए कि ज्योतिष शास्त्र में दैनिक राशिफल होता ही नहीं है?
नहीं, ऐसा कदापि नहीं है। दैनिक राशिफल भी ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत ही आता है किंतु वह प्रत्येक जातक का निजी होता है और उसका आधार प्रश्न कुंडली व नष्टजातकम् पद्धति होता है।
उस दैनिक राशिफल के लिए व्यक्ति को ज्योतिषी से प्रश्न करना होता है कि 'मेरा आज का दिन कैसा रहेगा?
' तब ज्योतिषी प्रश्न कुंडली के आधार पर अथवा उस व्यक्ति से कोई अंक पूछकर उसके दिन के बारे गणना कर उस दिन का भविष्य संकेत उसे देता है।
इस प्रकार का दैनिक राशिफल व्यक्तिगत होता है, न कि सार्वजनिक। अत: हमारे मतानुसार समाचार पत्रों व न्यूज चैनलों में प्रसारित-प्रकाशित होने वाले दैनिक राशिफल के फलित को गंभीरता से न लेते हुए अपनी जन्म पत्रिका की ग्रह स्थितियों, दशाओं व अपनी राशि गोचर पर ही विश्वास करना चाहिए। आचार्य राजेश