शनिवार, 16 जनवरी 2021

यदि राशिफल ज्योतिष शास्त्र के अघार पर सही नहीं है तो विभिन्न अंतपत्र-पत्रिकाएं और अखबार क्यों राशि-भविष्य आदि छापते हैं?

www.acharyarajesh.inयदि राशिफल ज्योतिष शास्त्र के अघार पर सही  नहीं है तो विभिन्न अंतपत्र-पत्रिकाएं और अखबार क्यों 
राशि-भविष्य आदि छापते हैं?
 
यह प्रश्न कई बार हमसे लोगों ने किया है, मित्रों इस बारे मेंने पहले भी विस्तार पूर्वक आपको जानकारी दी है उसके जवाब के लिये पहले एक मजेदार कथा सुनें- इंग्लैंड के एक स्कूल में मैडम ने बच्चों से पूछा कि अब तक पृथ्वी पर सबसे महान विभूति कौन सी हुई है, यदि यह सवाल कोई बच्चा बता दे तो मैं उसे दस डालर दूँगी। कई बच्चों ने कई प्रकार के जवाब दिये, जैसे आइंस्टीन, गैलिलीयो, सेंट थॉमस, सेंट पीटर, मदर टेरेसा आदि, लेकिन मैडम ने सभी को नकार दिया। फ़िर एक गुजराती बच्चा बोला- मैडम मेरा जवाब है “ईसा मसीह”। मैडम ने खुश होकर कहा- वेलडन बच्चे एकदम सही जवाब, ये लो दस डालर। मुझे खुशी है कि तुमने एक भारतीय होकर भी राम और कृष्ण का नाम नहीं लिया और जीसस का नाम लिया।
गुजराती बच्चा बोला- मेरा दिमाग भी जवाब में कृष्ण ही कहता है, लेकिन धंधा तो धंधा है।ठीक इसी प्रकार अखबारों और पत्रिकाओं के लिये भी ज्योतिष सम्बन्धी समाचार, भविष्यवाणियाँ, विज्ञापन, तस्वीरें आदि लगातार छापना उनकी व्यवसायगत मजबूरी है। भारत की जनसंख्या यदि एक अरब बीस करोड़ भी मान लें, तो औसतन बारह राशियों के हिसाब से एक राशि के दस करोड़ लोग तो होंगे। अब रोजाना भविष्यवाणी में कुछ भी ऊटपटाँग लिखा भी जाये तो जाहिर सी बात है। कि लाखों व्यक्तियों पर वह कथन सही ही बैठेगा (Law of Probability), किसी का प्रमोशन होता है, किसी की दुर्घटना होती है, किसी का विवाह तय होता है, कोई यात्रा करता है, किसी को धंधे में नफ़ा-नुकसान होता है, इसमें कोई नई या वैज्ञानिक बात नहीं है।अखबारों का या पत्रिकाओं में प्रकाशित होने वाली भविष्यवाणियाँ राशि आधारित होती हैं, जाहिर है। कि वे पूरी तरह से अवैज्ञानिक और सिर्फ़ अनुमान भर हैं, क्योंकि उसमें लग्नराशि, ग्रहयोग या कुंडली स्थान बल आदि पर विचार नहीं किया जाता। यहाँ तक कि अग्रगामी और आधुनिक कहे जाने वाले कई अखबार भी ये भविष्यवाणियाँ आदि छापते रहते हैं, क्योंकि ये धंधे का सवाल है, यदि अखबार मालिक तर्कबुद्धि से विचार करने लगें तो उन्हें लाखों रुपये रोजानाक का नुकसान हो सकता है“सिर्फ़ सिद्धांतवाद से काम नहीं चलता, धंधा-पानी और कमाई ज्यादा महत्वपूर्ण है”।।भारत के समाचार पत्र ही नहीं “
न्यूयॉर्क टाइम्स और अन्य पाश्चात्य अखबार भी इस प्रकार की राशियाँ आदि छापते रहते हैं। सिगरेट के पैकेट पर छपी चेतावनी को नजरअंदाज करके भी करोड़ों लोग लगातार धूम्रपान करते ही रहते हैं, यदि उसी प्रकार सभी ज्योतिषी यदि राशिफल पर यह छापने लगें कि राशिफल के आधार पर भविष्य पर विश्वास करना मूर्खता है” तब भी उनकी कमाई में कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा। लोकसत्ता के सम्पादक श्री माधव गड़करी ने खुद एक बार यह स्वीकार किया था कि अखबार में छपने वाला राशि भविष्य उन्होंने कई बार उलट-पुलट कर वही-वही वाक्य अलग-अलग बार दोहरा कर छाप दिये। लोग उन भविष्यवाणियों को पढ़ते हैं एक आनंद लेने के तौर पर। यदि उसमें व्यक्ति के पक्ष का कुछ लिखा हो तो वह खुश हो जाता है, विपक्ष का कुछ लिखा हो तब भी वह उसे खास महत्व नहीं देता। इसलिये सिर्फ़ अखबारों में या यत्र-तत्र ज्योतिष के बारे में लिखा जाता हैया TV channelपर कहा जाता है यह कहकर ज्योतिष को विज्ञान या महान शास्त्र नहीं कहा जा सकता।
ज्योतिष एक, ज्ञान है विज्ञान से भी परे है जहां विज्ञान खत्म होता है वहां से ज्योतिष शुरू होता है लेकिन बड़े-बड़े एस्ट्रोलॉजर ज्योतिषी एक ही गलती कर रहे हैं कि वह टीवी पर अखबारों पर राशिफल का गुणगान कर रहे हैं क्योंकि सभी बड़े ज्योतिषी जिनका नाम बड़े बड़े अक्षरों में लिया जाता है वह एक ही गलती करते हैं इसलिए एक दूसरे की गलती को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि वह खुद गलत  हैं।  एक अच्छा ज्योतिषी ऐसा कभी नहीं करेगा ऐसा कभी नहीं करेगा क्योंकि उसे पता है कि राशिफल कभी सही नहीं हो सकता हर आदमी का एक अलग horoscope होता है कुंडली होती है और जब तक उसका गोचर के साथ मिलान ना किया जाए तब तक उस आदमी का भविष्य नहीं बताया जा सकता फिर एक राशिफल केअघार पर भविष्य कैसे एक राशि के अंदर सैकड़ों लोगों का भविष्य बताया जाना कितना गलत है आप लोग खुद सोच सकते हो यहां तक कि हमारे हाथों की लकीरें भी एक दूसरे से मेल नहीं खाती  भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है यही आसान काम नहीं है लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी और निरन्तर संघर्षों से एक सामान्य आदमी घबरा जाता है, कई बार निराश-हताश हो जाता है (दुःख, परेशानियाँ, कष्ट लगभग 95 प्रतिशत लोगों के जीवन में होते ही हैं) । यह मानव स्वभाव है, कि कष्टों में जहाँ से उसे मानसिक आधार मिले उसे वह अपना मान लेता है। उसके दुःख के सामने उसकी सामान्य तर्कबुद्धि भी काम 

लाल का किताब के अनुसार मंगल शनि

मंगल शनि मिल गया तो - राहू उच्च हो जाता है -              यह व्यक्ति डाक्टर, नेता, आर्मी अफसर, इंजीनियर, हथियार व औजार की मदद से काम करने वा...