सोमवार, 25 फ़रवरी 2019

बुध +शनि एक साथ (बुध शनि की युति)Conjunction of Mercury and Saturn - budh शनि युति

https://youtu.be/hb9Ouf_rST4मित्रों आज बात करेंगे बुध और शनि की युति जब एक ही भाव में एक साथ हो या किसी भी तरह की युति बन रही है, तो कल क्या होगा दो ग्रहों के मेल से एक नए ग्रह का प्रभाव जागृत होता है l बुध बुद्धि और शनि परख है l बुद्धि और परख का तालमेल अगर खराब हो जाए तो नुकसान झेलना पड़ता है l

बुध को खराब करने पर शनि भी negative फल देना शुरू कर देता है l शनि बुध के अधीन है lकुंडली में तो उसका क्या फल होता है, बुध व्यापार प्रधान ग्रह है,सूर्य का साथी है,जाति से बनिया है,स्वभाव से राजकुमार है,कार्य से बातूनी है,अधिक मजाक करना इसकी सिफ़्त है,ह्रदय से जिसके साथ चलदे उसी की गाने लगता है,घर में घरानी और बाहर राजरानी वाला भी स्वभाव अपनाता है। बातूनी होना और अपनी बात को सामने रखकर अपनी ही कहते रहना इसका प्राकृतिक स्वभाव है। शनि कर्म का दाता है,प्रकृति से ठंडा और मन से चालाक है,रात का कारक,अन्धेरे का राजा है,नीची बस्तियों मे रहने वाला,नीच की संगति करने वाला,माना जाता है

,बुध और शनि के मिल जाने से कार्य के लिये कहा जा सकता है कि वह बातों की खेती करने वाला,बातों की खेती बडे आराम से नहीं की जा सकती है,उसके लिये बुद्धि की जरूरत पडती है,और बुद्धि को देने वाला बुध नहीं होता है,बुद्धि को देने वाला गुरु होता है,अगर किसी प्रकार से गुरु बुध शनि से पीछे बैठा है,तो वह अपने द्वारा बुध शनि को बातों की खेती करने के लिये ज्ञान देने लग जाता है। वह किस प्रकार की बातों की खेती करता है इसका प्रभाव गुरु के बैठने वाले स्थान से जाना जा सकता है,जैसे कर्क का गुरु ऊंची बातों की खेती करेगा,और मकर का गुरु नीची बातें करेगा। इसके साथ ही जो टोपिक बातों के होंगे वे बुध शनि के आगे के भावों के द्वारा देखने को मिलते है,जैसे बुध शनि के आगे अगर सूर्य बैठा है तो बातों की खेती में पिता या पुत्र के प्रति बातें की जायेंगी,लेकिन पिता के प्रति बातें करने के लिये भी सूर्य को देखना पडेगा कि वह किस भाव में है,अक्सर सूर्य बुध के आसपास ही होता है,या तो साथ चलता है अथवा आगे पीछे चलता है,अगर अधिक पास है तो बातों के अन्दर घमंड होता है,और अगर आसपास के भाव में अलग बैठा है तो अहम की मात्रा में उतनी ही कमी होती जाती है। सूर्य से पीछे बैठा है तो बातों में अहम होता है,और सूर्य से आगे बैठा है तो बातों के अन्दर दब्बूपन है। शनि और बुध दोनों ही दोस्त है,कारण बुध का स्वभाव लालकिताब के अनुसार हिजडे के जैसा बताया गया है,हिजडे का अर्थ नपुंसक होने से ही नहीं,मनसा वाचा कर्मणा सभी तरह से व्यक्ति के अन्दर हिजडापन दिखाई देने लगता है,जुबान के अन्दर भी चालाकी।कुंडली मे बुध शनि की युति अगर शिक्षा के क्षेत्र मे होती है तो जातक पढाई लिखाई के प्रति आलसी होता है वह व्यापारिक कला मे प्रवीण होता है। शिक्षा मे देर होने का कारण करके सीखने वाली बुद्धि से भी माना जाता है,बुध को बुद्धि से देखा जाता है और शनि को कार्य से देखा जाता है। जातक करके सीखने वाले कामो मे सफ़ल हो जाता है। शनि को मिट्टी और बुध को आकार बनाने के लिये भी माना जाये तो जातक का कार्य मिट्टी से बने बर्तन आदि बनाने के लिये और उनकी कलाकारी के लिये भी माना जाता है  शनि से लकडी और बुध से खिलौने बनाने का रूप भी देखा जाये तो जातक इसी प्रकार के कार्य करने मे सफ़ल हो सकता है। बुध भाषा से और शनि लिखने के लिये माना जाये तो जातक उन्ही बातो को लिखता है जो इतिहास की द्रिष्टि से मजबूत और हमेशा के लिये याद रखने के लिये मानी जा सकती है। जातक की कुंडली मे बुध शनि जिस भाव मे होते है उसी भाव मे कोई न कोई दोष का होना भी माना जाता है। अगर ग्यारहवे भाव मे यह युति होती है तो जातक की पीठ मे कोई कूबड नुमा उठान होता है। जातक के चौथे भाव मे होने पर पुरुष है तो स्त्री जैसे स्तन बन जाते है और अगर यह स्त्री की कुंडली मे होता है तो वक्ष स्थल के मजबूत होने की बात देखी जाती है लेकिन संतान के मामले मे यह युति स्त्री जातको को दिक्कत देने के लिये भी मानी जाती है। दसवे भाव मे यह युति होने से अक्सर जातक का का काम भूमि सम्बन्धी कामो से होता है जमीनी नाप जोख तथा जमीनी लेखा बन्धी के लिये भी माना जा सकता है।

यह युति जमीनी व्यापार करने के लिये भी उत्तम मानी जाती है जैसे यह युति अगर अष्टम मे होती है तो जातक जमीनी व्यापार करने के लिये अपनी बुद्धि का अच्छा प्रयोग करता है लेकिन शर्त यह है कि जातक के लिये केतु भी अपना बल दे रहा हो। जातक व्यापार कार्य के लिये अपनी बुद्धि को अच्छी तरह से प्रयोग कर सकता है तथा खरीद बेच मे अपने को माहिर बना सकता है। जो भी जमीनी कार्य होते है उनके अन्दर जातक सफ़लता प्राप्त करता जाता है। अक्सर यह भी देखा जाता है कि इस युति मे जो भी भाई बहिन होते है उनके अन्दर एक भाई किसी प्रकार से आगे नही बढ पाता है और उसके लिये जीवन मे किये जाने वाले कार्य साधारण ही होते है वह कितनी ही मेहनत करे लेकिन वह सफ़ल नही हो पाता है,अगर बडा भाई या बहिन होती है,तो वह भी व्यापारिक कला मे जाना अच्छा समझता है। कुंडली मे शनि को पहले जन्मा हुआ माना जाता है इसलिये शनि को बडे भाई बहिन की उपाधि दी जाती है। अगर यह युति पंचम नवम और लगन मे होती है तो जातक का विवाह भी इसी काम से जुडे लोगो के साथ होता है। प्लास्टिक से जुडे काम प्लास्टिक को री साइकिल करने वाले काम टायर ट्यूब के काम गाडियों की सजावट के काम भी फ़ायदा देने वाले होते है। इस युति की किसी भी खराबी के लिये जातक को बच्चो को खिलौने दान मे देना चाहिये,अथवा जब भी कोई घर मे शनि वाला काम करे तो या कोई शनि से सम्बन्धित वस्तु घर मे लाये तो खिलौना आदि भी साथ मे लाने से वह वस्तु नुकसान नही देती है। मित्रों बुध शनि की युति जातक की कुंडली में हर भाव में अपना  अलग प्रभाव देगी और उस पर कितना शुभ प्रभाव है और कितना पाप प्रभाव है इस पर भी युति का फल निर्भर होगा  अगर आपकी कुंडली में बुध शनि एक साथ किसी भाव में बैठे हैं तो आप भी इसका फल जानने के लिए अपनी कुंडली दिखा कर हम से फलादेश प्राप्त कर सकते हैं

2 टिप्‍पणियां:

  1. बुध शनि की युति पर भी मैंने आर्टिकल लिखे हैं आप उसे पढ़ सकते हैं

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  2. बुध श
    नि की युति पर भी मैंने आर्टिकल लिखे हैं आप उसे पढ़ सकते हैं

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