बुधवार, 21 सितंबर 2016

जो इंसान जिंदगी के मज़े ले रहा हो उसे मालिक बनने की कोई चाह नहीं होती है, क्योंकि वह जीवन के असली आनंद के बारे में जानता है, वह जानता है की ख़ुशी कभी खरीदी नहीं जा सकती.

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कर्म फल और ईश्वर

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