शुक्रवार, 25 नवंबर 2016

नाडी ज्योतिष में दशायें नाडी ज्योतिष के अनुसार जो दशायें सामने आती है वे इस प्रकार से मानी जाती हैं:- पहली दशा जन्म दशा कहलाती है. दूसरी दशा सम्पत्ति की दशा कहलाती है. तीसरी दशा विपत्ति की दशा होते है. चौथी दशा कुशल क्षेम की दशा होती है. पांचवी दशा शरीर या परिवार से पृथक होने की दशा होती है. छठी दशा शरीर या मन को साधने की दशा कही जाती है. सातवीं दशा में मृत्यु योग को अन्य के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है. आठवीं दशा में जो कारक मृत्यु योग प्रस्तुत करना चाहते वे मित्रता करते हैं. नौवीं दशा परममित्र की दशा होती है,जिसके अन्दर मनसा वाचा कर्मणा सभी मित्र होते है.

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