मित्रों आपको पता ही है कि भारत और चीन में सीमा पर तनाव चल रहा है।इस वक्त देश और दुनिया में कई लोग भारत और चीन के बीच युद्ध की आशंका व्यक्त कर रहे हैं। इसी आशंका के चलते कई ज्योतिष और भविष्यवक्ता अपने अपने यूट्यूब चैनल या सोशल मीडिया को चमकाने के लिए युद्ध की तरीख तक करने में लगे हैं। पिछले कुछ सालों से भारत और पाकिस्तान को लेकर हर साल युद्ध होने की भविष्यवाणी की जाती है लेकिन युद्ध तो होता हुआ नहीं दिखाई देता। हां, सर्जिकल स्ट्राइक जैसे जरूर कुछ होता रहा है। आखिर इन भविष्यवाणियों का सच क्या है। भविष्य के गर्त में क्या छुपा है। आओ आज हम भी थोड़ा कुछ जान लेते हैं। भविष्यवाणियों के बारे में।
कोई दोनों देशों की कुंडली खंगाल रहा है तो कोई ग्रहण एवं ग्रहों के परिवर्तन के आधार पर भविष्यवाणी कर रहा है
मित्रों जब भी सूर्य ग्रहण होने वाला रहता है तो उसके कुछ दिन पूर्व भूकंप, तूफान आता है और समाज में जनविद्रोह की भावना भड़कती है। यदि ऐसा पहले नहीं होता है तो सूर्य ग्रहण के कुछ दिन बाद ऐसा होता है। दूसरा यह कि जब भी चंद्र ग्रहण होता है तो लोगों का मन बैचेन हो जाता है और वे उनमें हत्या या आत्महत्या के खलाल बढ़ जाते हैं। समुद्र के भीतर तूफान और भूकंप का जन्म होता है। इसी तरह जब भी कोई ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करता है या दूसरे ग्रह के उपर से गुजरता है तो भी धरती पर भारी परिवर्तन देखने को मिलते हैं। अपनें देखा होगा ऐसा सवकुछू घटित होते हुए मित्रों मैंने पहले ही यह सब कुछ अपने ब्लॉग पर पिछले कुछ लेख लिखकर आप को बता दिया था आप मेरे ब्लॉग पर ऐ पिछले Articles पढ़ सकते हैं। हऐसे में यह एक ओर सोशल मीडिया पर तीसरा विश्व युद्ध होने के चर्चे हैं, लेकिन मेरा ज्योतिषीय गणना के अनुसार कोई युद्ध नहीं होगा। उनके अनुसार, ‘ दुनिया में थोड़ी हलचल तो जरूर रहेगी, लेकिन यह किसी बड़े युद्ध का कारण नहीं बनेगी।
अभी उथल-पुथल इसलिए है क्योंकि 6 ग्रह एक ही घर में एकसाथ आ गए हैं। इसके कारण यह उथल-पुथल मची हुई है। लेकिन कुछ दिनों बाद शनि ग्रह के मकरमे सिंघी चाल से राशि में आने के बाद से स्थिति में सुधार होना शुरू हो जाएगा।’
इस कारण विश्व में विस्फोटक गतिविधियां हो रही हैं।विश्वयुद्ध को लेकर किसी तरह का विचार मन में लाने की कोई जरूरत नहीं है। इसका कारण यह कि शनि फिलहाल राशि मकर में वक्री है। शनि जब अपनी स्वराशि में होते हैं तो शांति बहाल होती है। शनि न्यायधीश हैं और शांति कायम करना उनका काम है। ऐसे में विश्व युद्ध की आशंका में कोई दम नहीं है। जानकारी के अनुसार 2020 से पहले शनि के मकर राशि में वक्री रहते हुए ऐसे तीन ग्रहण 1962 में हुए थे। 58 साल पहले 17 जुलाई को चंद्र ग्रहण, 31 जुलाई को सूर्य ग्रहण और 15-16 अगस्त की मध्य रात्रि में चंद्र ग्रहण हुआ था। इस साल में भी चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं थी। 1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध हुआ था। कुछ दिनों बाद 1 सितंबर 1962 को ईरान में भारी भूकंप आया था। 2020 में भी ऐसे ही ग्रहण हो रहे हैं। पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं और आगे भी इसका खतरा बना रहेगा। भारत और चीन के बीच सिक्किम सेक्टर में पिछले कई दिनों से तनाव है. जहां भूटान सीमा के पास चीन सड़क बनाने की तैयारी कर रहा है. चीन की तरफ से लगातार उकसावे वाले बयान आ रहे हैं. वहां के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर भारत की तरफ से विवाद का निपटारा सही तरीके से नहीं हुआ, तो जंग छिड़ सकती है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया कि अगर जंग हुई तो भारत का 1962 से बुरा हाल होगा. लगातार भड़काऊ बयान से दोनों देशों के संबंध काफ़ी तनावपूर्ण दौर में हैं. एक और रिपोर्ट में कहा गया कि अगर भारत ने सेना नहीं हटाई तो उसे बलपूर्वक खदेड़ दिया जाएगा.
तो क्या ये माना जाए कि भारत और चीन के बीच जंग के आसार हैं.अगली पोस्ट में जानते हैं आचार्य राजेश
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