दक्षिण-पश्चिम दिशा में दरवाजे/खिड़की: वैज्ञानिक कारण और वास्तु-भ्रम का विश्लेषण
-----------111111111-- वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय स्थापत्य विज्ञान है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसी भी संरचना को प्रकृति के पाँच तत्वों (पंचभूत) और ऊर्जा के प्रवाह के साथ सामंजस्य बिठाना है। दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) में दरवाजे या खिड़की को 'अशुभ' मानने के पीछे कई सदियों पुराने कारण हैं, जो अंधविश्वास से कहीं अधिक, जलवायु, खगोल विज्ञान और मानव स्वास्थ्य पर आधारित हैं। वहम और भ्रम को दूर करने के लिए, हमें इसके पीछे की भौतिक और वैज्ञानिक तर्क को समझना होगा। १. सूर्य का तीव्र ताप (थर्मल लोड) दक्षिण-पश्चिम दिशा दोपहर के बाद और देर शाम तक सूर्य की सबसे तीव्र और सीधी किरणों का सामना करती है। हमारे भारत जैसे उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) और उपोष्णकटिबंधीय (सबट्रॉपिकल) क्षेत्रों में, दोपहर के बाद की धूप अत्यधिक गर्म होती है। दक्षिण-पश्चिम में बड़ा दरवाजा या खिड़की होने से घर के अंदर अत्यधिक ऊष्मा (हीट) प्रवेश करती है। यह ऊष्मा घर के तापमान (थर्मल लोड) को बढ़ा देती है, जिससे कमरा असहज हो जाता है और एयर कंडीशनिंग (ए.सी.) जैसे कूलिंग उपकरणों पर निर्भरता बढ़ती है। हानिकारक पराबैंगनी किरणें (हार्मफुल यूवी रेज़) सूर्य की किरणें, विशेष रूप से दोपहर के बाद, अपने साथ उच्च मात्रा में पराबैंगनी किरणें लाती हैं। जिसे राहु की किरणें भी कहा जाता है, दोपहर की धूप में UV-A और UV-B किरणों बस की तीव्रता अधिक होती है। इसके कारण हवा गर्म हो जाती है और गर्म हवा हल्की होकर आपके घर में प्रवेश करके सब जगह फैल जाती है। इसी कारण से इस दिशा को थोड़ा ऊंचा उठाकर भारी रखने के लिए कहा जाता है ताकि गर्म हवा के दबाव के कारण वहां रहने वाले लोगों को नुकसान न पहुंचे। इसलिए, जहां पर खिड़की और दरवाजे बंद रखना चाहिए, वहां पर मोटे पर्दे डालकर रखना चाहिए। यही इसका वैज्ञानिक कारण है जो मैंने आपको समझाया है। अब, अगर आपके घर में कोई वास्तु शास्त्री वास्तु चेक करने वाला आता है, तो वह यहां पर खिड़कियां और दरवाजे देखकर ही आपको डरा देगा और अपना कोई न कोई सामान वहां पर लगाकर उपाय करवा देगा, जिससे आपको लाखों रुपए का नुकसान हो सकता है। मित्रों, मेरी कोशिश यही रहती है कि मैं आपको सही जानकारी दे सकूं। इस दिशा में बनने वाले कमरे को घर के मुख्य को देने के लिए कहा जाता है। इसका भी एक वैज्ञानिक कारण है।उम्र बढ़ाने के साथ-साथ खून की गर्मी भी काम हो जाती है। सर्दियों के दिनों में अगर यहां पर थोड़ी घुप आती है तो उसमें मुखिया के लिए अच्छा रहता है धूप से उसकी हड्डियों को विटामिन डी कैल्शियम मिलती है।और शरीर गर्म रहता है। इसलिए घर के मुखिया के कमरे में खिड़की होना भी जरूरी है। जिससे सर्दियों के दिनों में धूप आ सके अब इतना सब कुछ जानने के बाद भी आपको बहम हैया भ्रमित स्थिति बनी रहती ।है तो फिर उसके बाद तो मैं कुछ भी नहीं कर सकता मित्रों
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