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शुक्रवार, 27 जनवरी 2017
मित्रो 01-01-2017 को प्रातः 11:30 पर सपा के विशेष प्रतिनिधि सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ जो सर्व - सम्मति से स्वीकृत हुआ। यह समय चंद्र महादशा में गुरु की अंतर्दशा का हुआ जो सामान्य है और 13 दिसंबर 2017 तक रहा , इसीलिए उनके लिए स्थितियाँ भी सामान्य ही बनी रहीं और बनी रहेंगी। फिर 13 जूलाई 2019 तक शुभ समय रहेगा। 13 मार्च 2023 तक श्रेष्ठ समय भी रहेगा लेकिन 13 जूलाई 2019 से 12 दिसंबर 2020 तक बीच के समय में ज़रूर सतर्कता पूर्वक चलना होगा। उस समय लखनऊ में कुम्भ लग्न चल रही थी जो एक स्थिर राशि की लग्न है ।यही कारण है कि, यह पद चुनाव स्थिर रहने वाला है और सभी सम्झौता प्रस्ताव किसी भी कारण से असफल रहे हैं। लग्न में ही मंगल, केतू व शुक्र ग्रह स्थित हैं। जहां मंगल, केतु नेतृत्व क्षमता में दृढ़ता के परिचायक हैं वहीं शुक्र सौम्यता, मधुरता व दूरदर्शिता के लक्षण बताता है जिस कारण वह किसी दबाव या प्रलोभन में झुक न सके दुसरे भाव में जो राज्यकृपा का होता है मीन लग्न स्थित है जिसका स्वामी ब्रहस्पति अष्टम भाव में बैठ कर पूर्ण सप्तम दृष्टि से उसे देख रहा है अतः उन पर आगे भी राज्य - योग कृपा बनाए रखेग। तृतीय भाव में जो जनमत, पराक्रम व स्वाभिमान का होता है मेष लग्न स्थित है जिसका स्वामी मंगल लग्न में ही बैठ कर अनुकूलता प्रदान कर रहा है और इसी कारण पार्टी पदाधिकारियों के 90 प्रतिशत का समर्थन ही उनको न केवल मिला वरन जनमत सर्वेक्षणों में भी लोकप्रियता हासिल रही है। इस प्रकार उनका स्वाभिमान आगे भी बरकरार रहने की संभावनाएं बनी हुई हैं। चोथा भाव में जो लोकप्रियता व मान -सम्मान का होता है वृष राशि स्थित है जिसका स्वामी लग्न में बैठ कर उनमें दूरदर्शिता का संचार कर रहा है अतः आगामी चुनावों में भी उनको इसका लाभ मिलने की संभावनाएं मौजूद हैं। पंचम भाव में जो लोकतन्त्र का होता है मिथुन लग्न स्थित है जिसका स्वामी बुध लाभ के एकादश भाव में सूर्य के साथ स्थित है। बुध सूर्य के साथ होने पर और अधिक बलशाली हो जाता है तथा सूर्य - बुध मिल कर आदित्य योग भी बनाते हैं जो कि, राज्य योग होता है। अतः चुनावों में अखिलेश जी की सफलता लोकतन्त्र को मजबूत करने वाली ही होगी क्योंकि इससे फासिस्ट शक्तियों को मुंह की खानी पड़ेगी। सातवा भाव में जो सहयोगियों, राजनीतिक साथियों व नेतृत्व का होता है सिंह राशि स्थित है जिसका स्वामी सूर्य एकादश भाव में गुरु की राशि धनु में बुध के साथ स्थित है। इसके अतिरिक्त इस भाव में राहू भी बैठ कर कुम्भ लग्न को देख रहा है जो उसकी अपनी राशि भी मानी जाती है। इस प्रकार अखिलेश जी अपनी पार्टी के बुद्धिजीवियों, नेताओं और साथियों में अधिकांश का समर्थन पाने में सफल रहे हैं जो फिलहाल जनतंत्र व जनता के लिए उत्तम स्थितियों का ही संकेत करता है। उम्मीद है कि, अपने बुद्धि कौशल से वह ग्रहों की अनुकूलता का पूर्ण लाभ उठाने में सफल रहेंगे।
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