मित्रों आज वात करते हैं एक ऐसे योग की जो वोहोत ही खराब माना जाता है सुर्य ओर राहु का मेल
राहु की गणना सूर्य और चन्द्र के आधार पर की जाती है. अगर सूर्य प्राण है तो चन्द्रमा मन है, राहु इसी मन और प्राण का रहस्य है.
https://youtu.be/QE0ad0pGkAUराहु का सहयोगी केतु मुक्ति और मोक्ष का द्वार खोल सकता है यह जीवन के तमाम ज्ञात अज्ञात रहस्यों को खोल सकता है अतः इसे रहस्यमयी ग्रह भी कहते हैं. पूर्वजन्म से किस तरह के कर्म और संस्कार आप लेकर आये हैं और जीवन पर उसका क्या प्रभाव होगा, यह बात कुंडली मैं राहु के अध्ययन से जानी जा सकती है. राहु का पूर्वजन्म और वर्तमान जन्म का सम्बन्ध समझकर ही आप अज्ञात बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं.गुरु की तरह ही यदि राहु सूर्य एक साथ आकर बैठ जाए तो सूर्य के प्रभाव को अशुभ बनाने लगता है, किंतु सूर्य जैसा बेहद मजबूत ग्रह फिर भी अपना संघर्ष नहीं छोड़ता है। कुछ इसी प्रकार के व्यवहार वाले होते हैं वे लोग जिनकी कुंडली में ये दो ग्रह एकसाथ होते हैं।
सूर्य के साथ राहु का होना भी पितामह के बारे में प्रतिष्ठित होने की बात मालुम होती है,एक पुत्र की पैदायस अनैतिक रूप से भी मानी जा सकती है,जातक के पास कानून से विरुद्ध काम करने की इच्छायें चला करती है किंतु इन दो ग्रहों की युति जातक को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी देती हैं। सूर्य और राहु का एक जगह पर होना ‘ग्रहण योग’ को जन्म देता है, जिसका सबसे पहला शिकार जातक की आंखें बनती हैं। इसके अलावा यह पिता के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है,पिता की मौत दुर्घटना में होती है,या किसी दवाई के रियेक्सन या शराब के कारण होती है,जातक के जन्म के समय पिता को चोट लगती है,जातक को सन्तान भी कठिनाई से मिलती है,पत्नी के अन्दर गुप चुप रूप से सन्तान को प्राप्त करने की लालसा रहती है,पिता के किसी भाई को जातक के जन्म के बाद मौत जैसी स्थिति होती है।
कुंडली में यदि सूर्य ग्रहण दोष हो तो होती हैं ये परेशानियां
नौकरी और व्यापार में अचानक अवांछित समस्याएं।
जीवन में देरी से परिणाम मिलना।
पुराने रोग और बीमारियां पैर, श्वास, गर्दन, फेफड़े और आंखों से संबंधित परेशान करती हैं।
मानसिक असंतुलन या अवसाद।
समाजिक और कानूनी समस्या।यदि प्राइवेट ऑफिस में कार्यरत हैं तो अपने अधिकारियों के कोप का सामना करना पड़ेगा।
व्यापारियों को टैक्स आदि मुकदमे झेलने होंगे।
सामान की बर्बादी होगी।
मानसिक व्यथा का सामना करना पड़ता है।
पिता से अच्छा तालमेल नहीं बैठ पाता। जीवन में कम से कम एक बार किसी आकस्मिक नुकसान या दुर्घटना के शिकार होते हैं।
जीवन के अंतिक समय में जातक का पिता बीमार रहता है या स्वयं को ऐसी बीमारी होती है जिसका पता नहीं चल पाता।
विवाह व शिक्षा में बाधाओं के साथ वैवाहिक जीवन अस्थिर बना रहता है।
वंश वृद्धि में अवरोध दिखाई पड़ते हैं। काफी प्रयास के बाद भी पुत्र/पुत्री का सुख नहीं होगा। गर्भपात की स्थिति पैदा होती है।
आत्मबल में कमी रहती है। स्वयं निर्णय लेने में परेशानी होती है। वस्तुतः लोगों से अधिक सलाह लेनी पड़ती है
परीक्षा एवं साक्षात्मार में असफलता मिलती है। मित्रों सुर्य प्रकाश है, तेज़ है, ओज है, ज़िम्मेदार मर्द है, मान है, सम्मान है, घमंड है, पिता है, राजा है | कुंडली में सुर्य की अच्छी स्थिति जातक को मान- सम्मान देती है, पिता का सुख और सरकार के घर से भी लाभ देती है | और सुर्य जातक के बोस का भी कारक होता है | यदि कुण्डलीमे सूर्य राहु केतु शनि के द्वारा देखा जाता हो या युतिमे हो तब जातक को बोस से दिक्कत होती है दोसतो और मित्रों के बीच भी जातक की खास जगह नहीं होती,खराब या कमज़ोर सुर्य के | सुर्य की कमज़ोरी के कारण ही शरीर में विटामिन डी की कमी रहती है, जिसके कारण खाना अच्छे से नहीं पचता, जातक का लिवर डिसट्रब रहता है, जिसकी वझा से शरीर में किसी भी कार्य को लम्बे समय तक एकाग्रता और उर्जा से करने की कमी होती है | जातक सुर्य उदय से पहले उठ नही सकता, सारा दिन कोई भी काम नियत समय में पूरा नही कर सकता, सकूल, कालेज या फ़िर नौकरी पर समय से नहीं पहुंच सकता, एकाग्रता की कमी रहती है | सुर्य यदी कमज़ोर हो तो आंखें कमज़ोर होंगी, चश्मा लग जाता है | आगे बढ कर दूसरो की मदद करने की हिम्मत नही होती, किसी भी नये काम को हाथ में लेने का कान्फ़िडेन्स नही होता | जातक में परुपकार करने की भावना नहीं होती, पिता से सम्बन्ध अच्छे नही रहते | चेहरे पर एक तेज़ नही होता, वो उर्जा आँखो में नही दिखाई देती | गुस्सा और चिढ़चिढ़ापन रहता है | और यदी कुण्डली में सुर्य राहु या केतु के साथ हो या फ़िर राहु या केतु की द्रिश्टि में हो, तब पित्रदोष की घम्भीर स्थिति घर में बनी होती है | ऐसे में घर में लोग घुल मिल कर नहीं रहते, घर की तरकी नही होती, घर के लोगों को नौकरी में प्रमोशन नहीं मिलते, शत्रु से परेशानी रहती है, सुर्य उदय से पहले घर में लोग उठेगे नहीं, रिश्तेदार घर में आकर खुश नही रहते और धीरे धीरे अच्छे मित्रों और रिश्तेदारो से साथ छूटता चला जाता है और चालाकी और धोखा देने वाले लोग ज़िन्दगी में आने लग जाते हैं |मित्रों अगर आपको भी इस तरह की परेशानियां और दिखते आ रही है तो आप अपनी कुंडली दिखा कर हम से उपाय ले सकते हैं
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