राहु के गोचर का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। क्योंकि राहु को अनिश्चितता का कारक कहा जाता है और इसकी प्रवृत्ति को समझना बड़ा मुश्किल है। राहु कब, कैसे और कहां व्यक्ति का भाग्य बदल दे, इसका आभास नहीं लगाया जा सकता है। मित्रों अगरदही मे गुड मिला जाय और उसे दो दिन के लिये रख दिय
जाये,तीसरे दिन जो दही का रूप बनेगा वह अगर पी लिया जाये तो जो कुछ भी पहले का खाया पिया सुबह को साफ़ हो जायेगा.पुराने जमाने मे भदावर क्षेत्र मे इस मिश्रण को सन्नाटे के रूप में बारात की लौटती की पंगत में दिया जाता था। इस मिश्रण को देने का एक ही उद्देश्य होता था कि जो भी बारात मे उल्टा सीधा चिकनाई और मिठाई आदि के साथ खाया पिया है वह पेट मे इकट्ठा रहने पर शरीर को दिक्कत दे सकता है जैसा हो सकता है या अतिशार जैसी बीमारी हो सकती है इस मिश्रण को पीने के बाद यह पेट की सफ़ाई कर देता है.उसी प्रकार से जबजब व्यक्ति अपनी हैसियत से अधिक कमा लेता है और उसे खर्च करने के लिये कोई रास्ता नही मिलता है तो वह अपनी हैसियत को बरबाद करने के लिये राहु शुक्र के घेरे मे आजाता है। यानी जो भी कार्य उसके पूर्वजों ने धन जोडकर किये है और वह आगे की पीढी के लिये मौज मस्ती को करने के लिये काफ़ी होते है उस जोडे गये धन और इज्जत आदि को जब तक बरबाद नही किया जायेगा उल्टे दिन नही माने जायेंगे। इसे एक प्रकृति का कारण भी माना जाता है कि वह हमेशा हर व्यक्ति हर वस्तु और हर कारक पर अपना बेलेन्स बनाने की क्रिया को करती है। एक कहावत भी कही जाती है कि जब दादा ने इज्जत धन मान मर्यादा शौहरत आदि कमाई होती है तो पिता को अपने जीवन में परेशानी नही होती है और वह अपने जीवन को मस्ती के जीवन मे जीता है उसके बाद जो सन्तान पैदा होती है वह सन्तान पिता के द्वारा कुछ नही करने के कारण तथा मौज मस्ती के जीवन की शैली को अपनाने के कारण दादा की हैसियत को बरबाद करने का कारण बन जाती है। यानी तीसरी साख में कंडुआ पैदा होना माना जा सकता है। राहु की दशा वास्तव मे एक नशा है और वह जिस जिस भाव मे गोचर करता है और जिस राशि से अपनी युति बनाता है जिस ग्रह को अपने चपेटे मे लेता है उसी के अनुसार जातक को नशा देता चला जाता है। राहु का नशा अगर धन भाव का है तो व्यक्ति किसी भी कारण को एक तरफ़ करने के बाद केवल धन को ही कमाने के लिये अपनी हर कोशिश को जारी रखेगा उसे किसी भी प्रकार के कानून धर्म जाति और जीव के प्रति दया भाव नही रहेगा,उससे अगर कहा भी जायेगा कि यह बात गलत है तो वह उस बात को अपने तर्क से दूर करने की पूरी कोशिश को करेगा भी और सच को झूठ बताकर किसी प्रकार का आक्षेप देने के बाद अपने ही मन की करता जायेगा। जिन लोगों की जन्म कुंडली मे राहु कन्या का है तो हर भाव मे जाकर वह कर्जा दुश्मनी बीमारी और लोन आदि के कारण ही पैदा करेगा,जिसकी कुंडली में राहु वृश्चिक राशि का है तो वह मरने मारने वाले कामो से लेकर किसी भी प्रकार की रिस्क किसी के भी प्रति लेने से नही चूकेगा उसे वही खेल भी अच्छे लगेंगे जो खेल या तो जान से मार सकते है या किसी प्रकार के बडे जोखिम मे डाल सकते है। वह जो भी कार्य करेगा वह गुप्त रूप से करने का स्वभाव उसके अन्दर जरूर ही होगा। उसे खुल कर सामने आने से डर भी रहेगा और भीतरी अपघात करना केवल शमशानी प्रभाव ही पैदा करना और किस प्रकार से गुप्त युक्ति फ़रेब आदि से धन को शरीर की पालना को अपनी शौहरत को बढाने का अवसर मिलेगा वह लगातार अपने को इन्ही क्षेत्रो मे ले कर चलने वाला होगा। अगर राहु मीन राशि का है तो वह हर बात से डरना सीखेगा और डर की बजह से बिना किये गये कार्यों में भी उसे खर्चा और अपमान सहना पडेगा साथ ही कोई करेगा और भरना इस राशि वाले राहु के साथ होगा,बेकार का खर्चा,अक्समात खर्चा जिस भाव मे है उसी भाव के प्रति माना जा सकता है। जैसे मीन का राहु चलते चलते वृष मे आ गया है तो कुटुम्ब के सदस्यों के साथ अचानक हादसे होने लगेंगे,किसी प्रकार की चाल फ़रेब के कारण धन का अक्समात ही खर्चा होने लगेगा और इस कारण से जातक के अन्दर कोई न कोई नशा या दवाई आदि लेने की आदत भी पड जायेगी।राहु के साथ शुक्र का अन्तर आने पर अगर व्यक्ति जवान है तो प्रेम करने और प्रेम विवाह करने का एक भूत सवार हो जायेगा उसे अपने परिवार जाति मर्यादा आदि का ध्यान नही रहेगा। वह अपने अनुसार युक्तियां बनायेगा और जब तक उसका भूत प्रेम का चढा रहेगा वह किसी की भी बात को नही मानेगा,वह दिन रात सोते जागते एक ही ख्वाब देखेगा कि कैसे प्रेम विवाह किया जाये,कैसे पसंद की गयी लडकी या लडका उसकी गिरफ़्त मे आये,और वह ख्वाब भरी जिन्दगी को एक ऊंची उडान के साथ जीने के लिये अपने प्लान बनाता रहेगा। राहु शुक्र की युति मे ही लोग महंगी और चमक दमक वाली गाडियों की तरफ़ भी अपना रुझान बनाने लगते है। उन्हे सजावट मे अधिक समय लगने लगता है,खुशबू और महंगे परफ़्यूम लगाने का शौक पैदा हो जाता है। मेरे ख्याल से जितने भी सजावटी चीजे है वे सभी राहु और शुक्र की युति मे ही ईजाद की गयी होंगी।राहु शुक्र के अन्तर में अगर कुंडली मेष लगन की है तो जातक के अन्दर जीवन साथी से सम्बन्धित बडी बडी सोच पैदा हो जायेंगी वह हमेशा शादी विवाह वाले कारणो को सोचता रहेगा उसे केवल अपने और अपने जीवन साथी के लिये ही उत्तेजना वाली बाते याद रहेंगी। वह अपने जीवन साथी को बहुत ही सुन्दर रूप मे देखने का आकांक्षी होगा। किसी भी रूप मे वह अपने जीवन साथी को चमक दमक मे ही देखना चाहेगा। अगर राहु का गोचर इस अन्तर में मेष राशि पर है तो जातक अपने ही ख्वाब मे खोया रहेगा तरह के शायरी वाले कारण पैदा करेगा आपनी ख्वाबी बाते लिखेगा और फ़ोटोग्राफ़ी कैमरा और इन्टर्नेट पर अपने विचार उसी भाषा मे प्रसारित करने की युक्ति को पैदा करेगा,उसे फ़िल्म बनाने और फ़िल्म को दर्शाने तथा फ़िल्मो मे केवल प्यार मोहब्बत की बातों का ही खुलाशा करने का भूत सवार रहेगा। राहु हमेशा उल्टी गति से चलता है इसलिये वह जिस भाव मे होता है उससे आगे के भाव को देता है और पीछे के भाव से लेता है। यानी वह अगर किसी की मेष लगन मे विराजमान है तो वह बाहरी शक्तियों से प्राप्त करेगा और कुटुम्ब और धन आदि के क्षेत्रो को देगा.इसी प्रकार से अगर वृष राशि में राहु गोचर कर रहा है तो वह व्यक्ति को अपने परिवार के प्रति अधिक सोच पैदा करेगा वह अपने परिवार के लिये ही समर्पित रहेगा,उसे यह ख्याल नही रहेगा कि वह अन्य को भी सजा दे रहा है या अन्य लोग भी उसके कामो से दुखी है वह अपने परिवार की जरूरतो को पूरा करने के लिये शरीर की किसी भी हानि से नही डरेगा,वह अपने नाम को भी बरबाद कर सकता है,उसे अपनी सेहत का भी ख्याल नही रहेगा,वह जो भी कुछ करेगा वह अपने छोटे भाई बहिनो के लिये हमेशा करने के लिये तत्पर रहेगा उसका अधिक से अधिक खर्चा केवल कमन्यूकेशन के साधनो और पहिनावे पर ही जायेगा उसे इस बात की चिन्ता नही रहेगी कि वह भोजन भी करेगा और उसे शिक्षा तथा अन्य कारणो को भी देखना है। इस राशि का राहु हमेशा ही जीवन साथी के लिये अपमान जान जोखिम और मृत्यु जैसे कारण पैदा करता है। धन का एक भूत उस व्यक्ति पर सवार रहेगा वह खाने पीने वाली चीजो का शौकीन होगा लेकिन वही खाने पीने की चीजो को प्रयोग मे लायेगा जो किसी न किसी प्रकार का नशा देती हो या शरीर के लिये दिक्कत का कारण बन रही हो। मिथुन लगन में राहु के गोचर करने पर जातक का धन अधिकतर घर बनाने माता या पानी वाले साधनो या लम्बी लंबी यात्राओं मे ही खर्च होगा वह अपने बचत किये धन को भी इन्ही कामो मे लगाने से नही चूकेगा। कर्क राशि का राहु शिक्षा के क्षेत्र और मनोरंजन में ही खर्च करने के लिये माना जाता है वह अपने लिये जल्दी से धन कमाने के कारणो को खोजना शुरु करेगा और जो भी उसके पास है वह अपने छोटे भाई बहिनो और कमन्यूकेशन के साधनो से ही प्राप्त करने के बाद अपने परिवार सन्तान और इसी प्रकार के कारणो में खर्च करेगा उसे प्यार मोहब्बत का भी शुरुर चढेगा वह अपने धन को अपने कमन्यूकेशन के साधनो को इन्ही पर खर्च करता चला जायेगा उसे होश नही रहेगा कि वह जो खर्चा कर रहा है वह किसी के लिये कितना कष्टकारी भी हो सकता है। राहु तो राहु है भाई क्या कहने इसके। आपका दोस्त हुआ तो आप माया मछिन्दर नाथ। दुश्मन हुआ तो पागलखाने में या फिर जिंदगी भर माया जाल में फस कर जीवन व्यतीत करने वाले।राहु मस्त तो सब पस्त।राहु पस्त तो समझ जाओ पिछले जन्म में बड़े भारी कुकर्म किये है। इसी वजह से इस जन्म में पूरी जिंदगी राहु की भयंकर जकड़ में हो। नही विश्वास तो अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाऐ
आचार्य राजेश (ज्योतिष,वास्तु , रत्न , तंत्र, और यन्त्र विशेषज्ञ ) जन्म कुंडली के द्वारा , विद्या, कारोबार, विवाह, संतान सुख, विदेश-यात्रा, लाभ-हानि, गृह-क्लेश , गुप्त- शत्रु , कर्ज से मुक्ति, सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक ,पारिवारिक विषयों पर वैदिक व लाल किताबकिताब के उपाय ओर और महाकाली के आशीर्वाद से प्राप्त करें07597718725-०9414481324 नोट रत्नों का हमारा wholesale का कारोबार है असली और लैव टैस्ट रत्न भी मंगवा सकते है
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