गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

महामृत्युंजय मंत्र


महामृत्युंजय मंत्र ऋग्वेद का एक श्लोक है.शिव को मृत्युंजय के रूप में समर्पित ये महान मंत्र ऋग्वेद में पाया जाता है.स्वयं या परिवार में किसी अन्य व्यक्ति के अस्वस्थ होने पर मेरे पास अक्सर बहुत से लोग इस मन्त्र की और इसके जप विधि की जानकारी प्राप्त करने के लिए आते हैं. इस महामंत्र के बारे में जहांतक मेरी जानकारी है,वो मैं पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ महामृत्युंजय गायत्री संजीवनी मंत्र ऊँ हौं जूं स: ऊँ भूर्भुव: स्व: ऊँ त्रयंबकंयजामहे ऊँ तत्सर्वितुर्वरेण्यं ऊँ सुगन्धिंपुष्टिवर्धनम ऊँ भर्गोदेवस्य धीमहि ऊँ उर्वारूकमिव बंधनान ऊँ धियो योन: प्रचोदयात ऊँ मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ऊँ स्व: ऊँ भुव: ऊँ भू: ऊँ स: ऊँ जूं ऊँ हौं ऊँ अक्सर हम लोग घर मे ईसका पाठ करवाते है यातो विमारी से छुटकारा पाने के लिऐ या गृह पिङा शांत करने के लिऐ मित्रो पर वात फिर भी नही वनती कभी सोचा है आपने इस मंत्र का फल क्यो नही मिलता हजारो रुपऐ खर्च करने के वाद भी कई कारण है मित्रो यह विघा मुझे वहुत कठीन प्रयास के वाद ऐक पहुचे हुऐ सिद्ध तपस्वी योगी जी से मिली यह मेरी खुशाकिस्मती है पहला कारण इसमें ऐक वीज मंत्र- कम है यानी पासवर्ङ छुपा दिया गया जो जानकारी कर्मकांड करने वाले पंङित ओर पुजारी लोगो को पता नही दुसरा इसमें आचरन की शुद्धि तथा तपोवल की वहुँत जरुरत है तीसरा खुद की सिद्दि जी यह मंत्र जव तक किसा का सिद्द नही तव तक काम नही करेगा वस आपको तसल्ली हो जाती है कि आपने सवा लाख का जाप करवा लिया अव हमारे योगीयो ने वो वीज इस लिऐ छुपा दिया क्योकि इस मंत्र मे वहुँत शक्ति है ओर इसका गलत प्रयोग भी हो सकता है दुसरा कारण शांत वातावरन ओर ऐकान्त या घ्यान लग जाऐ ओर यह सव रात के समय ही संभव है पुजारी लोग सिर्फ कर्मकांङ पर ही घ्यान देते है वस ओर कुछ नही यह मंत्र जाप मानसिक ओर घ्यान से सम्वघित है पर कलयुग का वोलवाला है दोस्तो सच ना तो कोई सुनना चाहता है ना मानना पुरी पोस्ट पङ कर कुछ लोगो को वुरा लग सकता है पर सच तो सच ही है वाते तो ओर भी इसके सम्वन्घ मे पर आज नही आचार्य राजेश

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