Solar eclipse (सूर्य) ग्रहण)ओर काल सर्पSolar eclipse (सूर्य) ग्रहण)ओर काल सर्प Acharya Rajesh:
मित्रो साल 2021का आखिरी ग्रहण सुर्य ग्रहण4 दिसंबर को होने वाला ग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। यह साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण होगा।
मित्रो साल 2021का आखिरी ग्रहण सुर्य ग्रहण4 दिसंबर को होने वाला ग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। यह साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण होगा।
- हिंदू पंचांग की ज्योतिषीय गणना के आधार पर यह सूर्यग्रहण विक्रम संवत 2078 के कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा।
- भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा इस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।क्योकिभारत में इस सूर्य ग्रहण को देखा नहीं जा सकेगा। इसी दिन शनि अमावस्या भी है जब भी अमावस्या की तिथि शनिवार के आती है इसे शनि अमावस्या कहा जाता है सूर्य ग्रहण सुबह लगभग 11 बजे शुरू हो जाएगा। दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर ग्रहण खत्म हो जाएगा। करीब 01 बजकर 57 मिनट पर यह ग्रहण पूर्ण रूप से चंद्रमा की छाया में रहेगाबीते दो वर्षों में दिसंबर के महीने में सूर्यग्रहण लगता आ रहा है। इस साल दिसंबर में सूर्य ग्रहण की हैट्रिक लगने जा रही है। यानी लगातार 3 वर्षो से दिसंबर में सूर्यग्रहण का संयोग बना रहा है। लेकिन इस बार के सूर्यग्रहण की खास बात यह है कि इस बार सूर्यग्रहण धनु राशि में नहीं बल्कि वृश्चिक शाशि में लगने जा रहा है। इससे पहले के दोनों सूर्यग्रहण धनु राशि में घटित हुए थे। मित्रों 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण होगा औरसूर्य ग्रहण के अगले दिन ही मंगल अपनी राशि वृश्चिक में आकर सूर्य से मिलेंगेओर उसके साथ ही 5 दिसंबर को सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाएंगे जिसको ज्योतिष भाषा में कालसर्प योग कहा जाता है
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि 2019 में भी ऐसा सूर्य ग्रहण लगा था और उस समय भी कालसर्प योग का निर्माण हुआ था उसके बाद कोरोना वायरस पुरी दुनिया में भयंकर रूप से फैल गया इस वायरस से कई लोगों की जान ले गई इसीलिए दोस्तों अभी भी यह समय काफी दिक्कत वाला कहा जा सकता है इसीलिए हमें जो भी सरकार की तरफ से निर्देश है उसका पालन करते रहना चाहिए मित्रों सूर्य और चंद्र ग्रहण के समय बनने वाली कुंडली का विशेष महत्व दिया गया है। इसमें बताया गया है कि ग्रहण का प्रभाव उन स्थानों पर अधिक होता है जहां वह दृष्टिगोचर यानी दिखाई देते हैं किन्तु गोचर में बन रही विशेष ग्रह स्थिति के कारण ग्रहण का कुछ प्रभाव लगभग सर्वत्र ही दिखाई देता है। अभी हाल ही में 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन पड़ा आंशिक चंद्र ग्रहण भारत में केवल पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्र में आंशिक रूप से दृश्य था, किन्तु इसी दिन ‘कृषि-कानूनों’ को रद्द करने की प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा ने देश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया।अब आगे 4 दिसंबर के सूर्य ग्रहण के बादओर 5 दिसम्बर के गोचर को देखते हुए सर्दी के मौसम के तेज़ी से करवट लेने के साथ-साथ भारत की राजनीति में कुछ ‘गरमा-गर्मी’ और अप्रिय-संवाद के चलते कुछ बड़ी हलचल होगी। किसान आंदोलन के कारण उत्तर-प्रदेश की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल होगी।सरकार के द्वारा जनता के हित में कुछ कल्याणकारी कदम उठाने का संकेत है। पेट्रोल और डीज़ल के दामों में कुछ कमी से जनता को महंगाई से राहत मिलेगी। 5 दिसंबर को मंगल के वृश्चिक राशि में आने के कुछ दिनों के भीतर खाने-पीने के सामान के दामों में कमी का लाभ भी जनता को मिलेगा। कुछ बड़े निर्णयों से जनता को लाभ होगा। सुप्रीम कोर्ट के दबाव में केंद्र सरकार को प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कोई नई नीति बनानी पड़ सकती है। सूर्य ग्रह यहां भी दिखाई देगा जहां एक बड़े समुद्री तूफान और बेमौसमी वर्षा से देश के पश्चिमी हिस्से में भारी क्षति पहुंच सकती है। जल तत्व की राशि वृश्चिक में पड़ रहे इस सूर्य ग्रहण की राशि को 7 दिसंबर से मंगल प्रभावित करेंगे जिसके 45 दिन के भीतर जहां कुछ बड़े तूफान आएंगे तो भारत में रिकॉर्डतोड़ सर्दी जनता को कष्ट देगी। इस वर्ष सर्दी के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा गेहूं और मक्के के किसानों को लाभ देगी।
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि 2019 में भी ऐसा सूर्य ग्रहण लगा था और उस समय भी कालसर्प योग का निर्माण हुआ था उसके बाद कोरोना वायरस पुरी दुनिया में भयंकर रूप से फैल गया इस वायरस से कई लोगों की जान ले गई इसीलिए दोस्तों अभी भी यह समय काफी दिक्कत वाला कहा जा सकता है इसीलिए हमें जो भी सरकार की तरफ से निर्देश है उसका पालन करते रहना चाहिए मित्रों सूर्य और चंद्र ग्रहण के समय बनने वाली कुंडली का विशेष महत्व दिया गया है। इसमें बताया गया है कि ग्रहण का प्रभाव उन स्थानों पर अधिक होता है जहां वह दृष्टिगोचर यानी दिखाई देते हैं किन्तु गोचर में बन रही विशेष ग्रह स्थिति के कारण ग्रहण का कुछ प्रभाव लगभग सर्वत्र ही दिखाई देता है। अभी हाल ही में 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन पड़ा आंशिक चंद्र ग्रहण भारत में केवल पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्र में आंशिक रूप से दृश्य था, किन्तु इसी दिन ‘कृषि-कानूनों’ को रद्द करने की प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा ने देश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया।अब आगे 4 दिसंबर के सूर्य ग्रहण के बादओर 5 दिसम्बर के गोचर को देखते हुए सर्दी के मौसम के तेज़ी से करवट लेने के साथ-साथ भारत की राजनीति में कुछ ‘गरमा-गर्मी’ और अप्रिय-संवाद के चलते कुछ बड़ी हलचल होगी। किसान आंदोलन के कारण उत्तर-प्रदेश की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल होगी।सरकार के द्वारा जनता के हित में कुछ कल्याणकारी कदम उठाने का संकेत है। पेट्रोल और डीज़ल के दामों में कुछ कमी से जनता को महंगाई से राहत मिलेगी। 5 दिसंबर को मंगल के वृश्चिक राशि में आने के कुछ दिनों के भीतर खाने-पीने के सामान के दामों में कमी का लाभ भी जनता को मिलेगा। कुछ बड़े निर्णयों से जनता को लाभ होगा। सुप्रीम कोर्ट के दबाव में केंद्र सरकार को प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कोई नई नीति बनानी पड़ सकती है। सूर्य ग्रह यहां भी दिखाई देगा जहां एक बड़े समुद्री तूफान और बेमौसमी वर्षा से देश के पश्चिमी हिस्से में भारी क्षति पहुंच सकती है। जल तत्व की राशि वृश्चिक में पड़ रहे इस सूर्य ग्रहण की राशि को 7 दिसंबर से मंगल प्रभावित करेंगे जिसके 45 दिन के भीतर जहां कुछ बड़े तूफान आएंगे तो भारत में रिकॉर्डतोड़ सर्दी जनता को कष्ट देगी। इस वर्ष सर्दी के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा गेहूं और मक्के के किसानों को लाभ देगी।
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