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सोमवार, 13 फ़रवरी 2017
मित्रो कुछ बातें हम लोग देख सुन कर अनजान हैं। उसमे एक है चरण स्पर्शमित्रो जव मै छोटा था तो घर मे कोई भी आस पङोस की महिला या मेहमान आता तो हमारी दादी माँ मुझे पैरीपैना करने को कहती मित्रो हम पंजावी है। पंजावी मे चरण स्पर्श को पैरी पैना कहते है। यह आदत आज भी वनी हुई है। पैरों में विष्णु निवास माना जाता है। चरण स्पर्श करने वाले को ना केवल जिसके सामने झुका गया है बल्कि विष्णु भगवान का आशीर्वाद भी स्वतः मिल जाता है। लेकिन आज Hello hi का जमाना आ गया है मित्रो वच्चो को हमे यह संस्कार देने चाहिऐ ऐक तो तो हमे आशीर्वाद मिलता है। दुसरा हम झुकना सिखते है। आशीर्वाद मे वङी ताकत होती है। इसका भी तरीका - नियम होता है चरण स्पर्श का १) भोजन करते हुए स्त्री /पुरुष के चरण स्पर्श नही करना चाहिए। जैसे हम किसी के घर जाते हैं और सामने वाला भोजन कर रहा हो। सभ्यता तो यही है कि अगर सामने वाला उम्र में बड़ा है , आशीर्वाद के लिए झुका जाये। यहाँ पर हम सिर्फ प्रणाम कर के बैठ जाएँ और सामने वाले के भोजन खत्म करके हाथ धोने का इंतज़ार करें तो बेहतर है। क्यूंकि जूठे हाथों से आशीर्वाद देना उचित नहीं है। २) जब हम मंदिर में जाएँ और कोई उम्र से बड़ा मिल जाये , या कोई जागरण - सत्संग हो रहा हो वहां भी चरण स्पर्श उचित नहीं है। सत्संग के वाद आप चरण स्पर्श कर सकते है
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