रविवार, 1 जुलाई 2018

राहु रतन गोमेद

गोमेद गारनेट रत्‍न समूह का रत्‍न है जिसे अंग्रेजी में हैसोनाइईट  कहते हैं। के कारण लाभ प्राप्त होने आरंभ हो जाते हैं।https://youtu.be/3Uvq4Hc6BTM


    गोमेद रत्न राहु की उर्जा तरंगों को अपनी उपरी सतह से आकर्षित करके अपनी निचली सतह से धारक के शरीर में स्थानांतरित कर देता है जिसके चलते जातक के आभामंडल में राहु का प्रभाव पहले की तुलना में बलवान हो जाता है तथा इस प्रकार राहु अपना कार्य अधिक बलवान रूप से करना आरंभ कर देते हैं। यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि राहु का रत्न गोमेद किसी कुंडली में राहु को केवल अतिरिक्त बल प्रदान कर सकता है तथा गोमेद किसी कुंडली में राहु के शुभ या अशुभ स्वभाव पर कोई प्रभाव नहीं डालता। इस प्रकार यदि किसी कुंडली में राहु शुभ हैं तो गोमेद धारण करने से ऐसे शुभ राहु को अतिरिक्त बल प्राप्त हो जायेगा जिसके कारण जातक को राहु से प्राप्त होने वाले लाभ अधिक हो जायेंगें जबकि यही राहु यदि किसी जातक की कुंडली में अशुभ है तो राहु का रत्न धारण करने से ऐसे अशुभ राहु को और अधिक बल प्राप्त हो जायेगा जिसके चलते ऐसा अशुभ राहु जातक को और भी अधिक हानि पहुंचा सकता है। इस लिए राहु का रत्न गोमेद केवल उन जातकों को पहनना चाहिये जिनकी कुंडली में राहु शुभ रूप से कार्य कर रहे हैं तथा ऐसे जातकों को राहु का रत्न कदापि नहीं धारण करना चाहिये जिनकी कुंडली में राहु अशुभ रूप से कार्य कर रहें हैं।गोमेद का रंग हल्के संतरी भूरे रंग से लेकर, गहरे संतरी भूरे अथवा शहद के रंग जैसा या बहुत गहरा भूरा काले जैसा दिखने वाला रंग भी हो सकता है तथा संसार के विभिन्न भागों से आने वाले गोमेद विभिन्न रंगों के हो सकते हैं। यहां पर इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि विभिन्न जातकों के लिए गोमेद के भिन्न भिन्न रंग उपयुक्त हो सकते हैं जैसे किसी को हल्के रंग का गोमेद अच्छे फल देता है जबकि किसी अन्य को गहरे रंग का गोमेद अच्छे फल देता है। इसलिए गोमेद के रंग का चुनाव केवल अपने ज्योतिषी के परामर्श अनुसार ही करना चाहिए तथा अपनी इच्छा से ही किसी भी रंग का गोमेद धारण नहीं कर लेना चाहिये क्योंकि ऐसा करने से ऐसा गोमेद लाभ की अपेक्षा हानि भी दे सकता है। रंग के साथ साथ अपने ज्योतिषी द्वारा सुझाये गये गोमेद के भार पर भी विशेष ध्यान दें तथा इस रत्न का उतना ही भार धारण करें जितना आपके ज्योतिषी के द्वारा बताया गया हो क्योंकि अपनी इच्छा से गोमेद का भार बदलने से कई बार यह रत्न आपको उचित लाभ नहीं दे पाता जबकि कई बार ऐसी स्थिति में आपका गोमेद आपको हानि भी पहुंचा सकता है।अलग अलग भावों के राहु के प्रभाव के लिये अलग अलग तरह के रंग के और प्रकृति के रत्न धारण करवाये जाते है,अधिकतर लोग गोमेद को राहु के लिये प्रयोग करवाते है,लेकिन गोमेद एक ही रंग और प्रकृति का नही होता यह जरूरी नही ऐक ही तरह का गोमेद पहनाया जाएगा,जैसे धन के भाव को राहु खराब कर रहा है,और अक्समात कारण बनने के बाद धन समाप्त हो जाता है,तो खूनी लाल रंग का गोमेद ही काम करेगा,अगर उस जगह पीला या गोमूत्र के रंग का गोमेद पहिन लिया जाता है,तो वह धार्मिक कारणों को करने के लिये और सलाह लेने का मानस ही बनाता रहेगा.
इसके अलावा भी राहु के लिये गोमेद को कुंडली के हिसाब से ही  पहनाया जाना बहुत जरूरी है,ऐसा करने से भी राहु अपनी सिफ़्त को कन्ट्रोल में रखता है।यदि धारणकर्ता को सूट किया तो दर-दर ठोकरें खाने वाले को राजमहल में पहुंचा दे। यदि सूट नहीं किया तो सिंहासन पर से उतरवाकर जंगल-जंगल भटका दे, समझिए उसे ही गोमेद कहते हैं। पं. नेहरू, इंदिरा गांधी गोमेद के ही कृपापात्र रहे हैं। तमाम रोगों में तो यह औषधि का कार्य करता है। यह तंत्र-मंत्रों की सिद्धियां व अलौकिक शक्तियों का प्रदाता होता है।ईस लिए मित्रोंकुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण कर अनुकूल राहू के लिए गोमेद रत्न (Garnet gemstone) का धारण जातक को राजनीति में सफलता, धन सम्पदा, शारीक सुन्दरता आदि के साथ अचानक ऐश्वर्य (sudden fortunes) जैसे लाटरी या शेयर बाजार में अचानक लाभ आदि देने में समर्थ कर देता है|
खासकर राहू के रत्न गोमेद (Garnet gemstone) को कुंडली के गहन विश्लेषण के बाद ही धारण किया जाना चाहिये| कई बार राहू के साथ युति करने वाले ग्रहों को भी सशक्त करने के लिए गोमेद को दुसरे रत्नों के संयुक्ति (combination) से पहनना पड़ता है|
मैं स्वयं एक रत्न विशेषज्ञ (Gemologist) एवं ज्योतिषी हूँ, इसकर कोई भी रत्न निर्धारण से पूर्व बड़ी ही बारीकी और गहन विश्लेषण के बाद ही रत्नों को निर्धारित करता हूँ| अच्छी quality और अच्छे price के, मेरी अपनी लैब में चेक किये हुए गोमेद रत्न (Garnet gemstone) न केवल मैं उपलब्ध कराता हूँ अगर आप रतन मंगवाना चाहते हैं या कुंडली दिखाने या वनवाना चाहते हैं तो हमसे हमारी नम्वर पर वात करें हमारी service paid है 07597718725-09414481324
   ज्योतिष शास्‍त्र में इसे राहू का रत्‍न माना जाता है। यह लाल रंग लिए हुए पीला एकदम गोमूत्र के रंग जैसा होता है। यह भी एक प्रभावशाली रत्‍न है जो राहू के दोषों को दूर करता हैगोमेद भी खानों से निकाला जाता है। भारत, ब्राजील और श्रीलंका में सबसे अच्‍छा गोमेद प्राप्‍त होता है। इसके अलावा ऑस्‍ट्रेलिया, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका के साथ कई अन्‍य देशों में भी पाए जाते हैं।यह गारनेट समूह का रत्‍न है। जो कि कैल्‍शियम-एल्‍युमीनियम मिनरल है। इसका रसायनिक सूत्र Ca3Al2(SiO4)3 है। यह चमकदार लेकिन अपारदर्शी होता है। इसकी कठोरता 7 होती है। इसका घनत्‍व 4.65 होता है।     ज्योतिष के अनुसार राहु का प्रत्येक कुंडली में विशेष महत्व है   तथा किसी कुंडली में राहु का बल, स्वभाव और स्थिति कुंडली से मिलने वाले शुभ या अशुभ परिणामों पर बहुत प्रभाव डाल सकती है। राहु के बल के बारे में चर्चा करें तो विभिन्न कुंडली में राहु का बल भिन्न भिन्न होता है जैसे किसी कुंडली में राहु बलवान होते हैं तो किसी में निर्बल जबकि किसी अन्य कुंडली में राहु का बल सामान्य हो सकता है। किसी कुंडली में राहु के बल को निर्धारित करने के लिय बहुत से तथ्यों का पूर्ण निरीक्षण आवश्यक है हालांकि कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि कुंडली में राहु की किसी राशि विशेष में स्थिति ही राहु के कुंडली में बल को निर्धारित करती है जबकि वास्तविकता में किसी भी ग्रह का किसी कुंडली में बल निर्धारित करने के लिए अनेक प्रकार के तथ्यों का अध्ययन करना आवश्यक है। विभिन्न कारणों के चलते यदि राहु किसी कुंडली में निर्बल रह जाते हैं तो ऐसी स्थिति में राहु उस कुंडली तथा जातक के लिए अपनी सामान्य और विशिष्ट विशेषताओं के साथ जुड़े फल देने में पूर्णतया सक्षम नहीं रह पाते जिसके कारण जातक को अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में कुंडली में निर्बल राहु को ज्योतिष के कुछ उपायों के माध्यम से अतिरिक्त उर्जा प्रदान की जाती है जिससे राहु कुंडली में बलवान हो जायें तथा जातक को लाभ प्राप्त हो सकें। राहु को किसी कुंडली में अतिरिक्त उर्जा प्रदान करने के उपायों में से उत्तम उपाय है राहु का रत्न गोमेद धारण करना जिसे धारण करने के पश्चात धारक को राहु के बलवान होने

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