सूर्य के सबसे निकटतम बुध ग्रह है। इसका हमारे जीवन में गहरा प्रभाव पड़ता है। पौराणिक चरित्रों में चंद्रमा के पुत्र हैं बुध। जिनकी माता का नाम रोहिणी और वे अथर्ववेद के ज्ञाता माने गए हैं।
उनका विवाह वैवस्वत मनु की पुत्री इला से हुआ। उन्हें बुध ग्रह का स्वामी माना गया है। देवों की सभा में बुध को राजकुमार कहा गया है। बुध सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे निकट स्थित ग्रह है। यह व्यक्ति को विद्वता, वाद-विवाद की क्षमता प्रदान करता है। यह जातक के दांतों, गर्दन, कंधे व त्वचा पर अपना प्रभाव डालता है।प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बुध का काफी महत्व है। बुध, बुद्धि का कारक है। सामाजिक जीवन में, पारिवारिक जीवन में, आध्यात्मिक जीवन में या किसी अन्य क्षेत्र में अच्छे बुध वाला व्यक्ति उत्तम निर्णय लेकर सदैव उचित कार्य करता है। जिस व्यक्ति का बुध अच्छा होता है, वह अपने कामों की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करता है।जिस व्यक्ति का बुध अन्य सभी ग्रहों से पावरफुल हो तो वह जातक बुध प्रधान कहलाता है। ऐसे व्यक्ति के पास अच्छी सूझबूझ और निर्णय लेने की क्षमता होती है। अन्य लोग ऐसे व्यक्ति से सलाह-मशविरा करने आते हैं। ऐसे व्यक्ति किसी कम्पनी के प्रतिनिधि के रूप में, सलाहकार के रूप में अथवा समाज के अन्य क्षेत्र में अच्छे कार्य अपनी तार्किक विचारशक्ति के कारण करते हैं। वैसे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बुध शुभ फलदायी होता है।लेकिन अगर कुंडली में बुध खराब प्रभाव में हो तो इंसान की जिंदगी में मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है.इंसान बीमारियों के चंगुल में फंस जाता है. शरीर की आभा खत्म होने लगती है.
-कर्ज से परेशान रहने लगता है और आर्थिक तौर पर बुरी तरह प्रभावित रहता है.
-बुध खराब होने पर पद प्रतिष्ठा, मान सम्मान, यश बल सबसे गिरावट आने लगती है.
-इंसान शिक्षा में कमजोर हो जाता है, सूंघने की शक्ति घट जाती है, अपनी बातों के जरिए प्रभावशाली नहीं बन पाता है.
-बुद्धिवान होने के अंहकार से ग्रसित हो जाता है
इसीलिए कहा जाता है ग्रह कोई भी हो, छोटा हो बड़ा हो. उसका प्रभाव किसी भी दूसरे ग्रह से कमतर नहीं आंका जा सकता है.कुंडली में बुध अगर कमजोर हो तो समस्याएं व्यापक हो जाती हैं. बुध के कमजोर होने से बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है और वाणी में दोष आ जाता है. साथ ही बुध के कमजोर होने से इंसान की सुंदरता भी प्रभावित होती है
लाल किताब अनुसार बुध ग्रह के बुरे प्रभाव को शांत करने के लिए दुर्गा की पूजा करने की हिदायत दी गई है। यह कुंडली में बारहवें स्थान के स्वामी होने के साथ ही दलाली और व्यापार के कार्यों में मदद करते हैं।
कन्या और मिथुन राशि के स्वामी बुध के सूर्य, शुक्र और राहु मित्र, चंद्र शत्रु और मंगल, गुरु, शनि और केतु सम। लेकिन अकेले शुक्र के साथ बुध बैठकर बलशाली बन जाते हैं।यदि आप पर बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ रहा है तो आपको व्यापार, दलाली, नौकरी आदि कार्यों में नुकसान उठाना पड़ेगा। आपकी सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाएगी। समय पूर्व ही दांत खराब हो जाएंगे। आपके मित्रों से संबंध बिगड़ जाएंगे। संभोग की शक्ति क्षीण हो जाएगी। बहन, बुआ और मौसी किसी विपत्ति में है, तो भी आपका बुध ग्रह अशुभ प्रभाव वाला माना जाएगा।
इसके अलावा यदि आप तुतले बोलते हैं तो भी बुध ग्रह अशुभ माना जाएगा। व्यक्ति खुद ही अपने हाथों से बुध ग्रह को खराब कर लेता है, जैसे यदि आपने अपनी बहन, बुआ और मौसी से संबंध बिगाड़ लिए हैं तो बुध ग्रह विपरीत प्रभाव देने लगेगा।
कुंडली में यदि बुध ग्रह केतु और मंगल के साथ बैठा है तो यह मंदा फल देना शुरू कर देता है। शत्रु ग्रहों से ग्रसित बुध का फल मंदा ही रहता है। ऐसे में यह उपरोक्त सभी तरह के संकट खड़े कर देता है। आठवें भाव में बुध ग्रह शनि और चंद्र के साथ बैठा है तो पागलखाना, जेलखाना या दवाखाना किसी भी एक की यात्रा करा देता है। हालांकि बुध ग्रह को अच्छे प्रभाव देने वाला भी बनाया जा सकता है।आपकी बहन, मौसी और बुआ की स्थिति ठीक है तो यह माना जाएगा कि आपका बुध ग्रह भी ठीक है। यदि बुध ग्रह शुभ प्रभाव दे रहा है तो वह आपमें बोलने की क्षमता का विकास करेगा। आपको ज्ञानी और चतुर बनाएगा। आपकी देह सुंदर और सोच स्पष्ट होगी। आपकी बातों का असर होगा।
ऐसे में आपकी सूंघने की शक्ति गजब की होती है। व्यापार और नौकरी में किसी भी प्रकार की अड़चन नहीं आएगी और आप उन्नति करते जाएंगे। ईमानदारी और सच्चाई छोड़ देने से बुध ग्रह अपना शुभ प्रभाव छोड़ देता है।सामान्य उपाय :
यदि कुंडली में बुध ग्रह नीच का या शत्रु ग्रहों के साथ बैठा है तो आपको मां दुर्गा की भक्ति करना चाहिए। बेटी, बहन, बुआ और साली से अच्छे संबंध रखने चाहिए।* बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और साबूत हरे मूंग का दान करना चाहिएइसके अलवा नाक छिदवाना चाहिए जिससे बुध का बुरा असर जाता रहेगा।लाल किताब के किसी विशेषज्ञ को अपनी कुंडली की जांच कराएं, तभी उपाय करें क्योंकि कुंडली के प्रत्येक खाने के हिसाब से बुध के अलग प्रभाव और उपय होते हैं और घर को वास्तु अनुसार ठीक कराएं ।
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