शनिवार, 14 सितंबर 2019

राहु दशाफल भाग (4)

राहु दशा भाव (4)

काल पुरुष की कुंडली में आठवें भाव में वृश्चिक राशि मंगल की सकारात्मक राशि है। भावनात्मक राशि के लिये मेष को जाना जाता है। राहु को ग्रहों में छाया ग्रह के रूप मे जाना जाता है,लेकिन विस्तार की नजर से इस छाया ग्रह का वही प्रभाव वही सामने आता है जैसे कडक धूप के अन्दर छाया का आनन्द आता है,या सादा से दिखने वाले तार में बिजली का करण्ट झटका मारता है या एक बुद्धू से दिखाई देने वाले व्यक्ति के अन्दर से असीम ज्ञान का भण्डार उमड पडता है। इस राहु के बारे में कहा जाता है कि बारह साल में रुडी के दिन भी घूम जाते है,या बेकार से लोग राख से साख पैदा कर देते है अथवा बडी बडी दवाइयों के फ़ेल होने के बाद भी सादा सी भभूत काम कर जाती है। वैसे सादा व्यक्ति के लिये इस राशि का राहु बहुत ही खतरनाक माना जाता है,इस राहु के जन्म समय मे वृश्चिक राशि में होने के समय मे राहु की दशा या राहु के गोचर के समय जिस जिस भाव में जिस जिस ग्रह पर अपना प्रभाव डालता है वह भाव ग्रह अपने अपने अनुसार समाप्त होता जाता है।आठवें घर का संबध शनि और मंगल ग्रह से होता है। इसलिए इस भाव का राहू अशुभ फल देता है। जातक अदालती मामलों में बेकार में पैसे खर्च करता है।परिवारिक जीवन भी प्रतिकूलता से प्रभावित होता है। यदि मंगल ग्रह शुभ हो  तो जातक को घनी भी वनाता हैं अष्टम भाव काअशुभ राहु का  धोखा अक्सर किये जाने वाले कामो से देखने को मिलते है,पहले आशा लगी रहती बस है कि इस काम को करने के बाद बहुत लाभ होगा और एक समय ऐसा आता है कि पूरी मेहनत भी लग चुकी होती है पास का धन भी चला गया होता है पता चलता है कि काम का मूल्य ही समाप्त हो चुका है,इसी प्रकार का धोखा अधिकतर मंत्र तंत्र और यंत्र बनाने वाले अद्भुत चीजो का व्यापार करने वाले शमशान सिद्धि का प्रयोग करने वाले भी करते है जब राहु का स्थान किसी के अष्टम मे होता है या अष्टम का स्वामी किसी प्रकार से राहु केतु शनि के घेरे मे होता है तो वह इन्ही लोगो के द्वारा धोखा खाने वाला माना जाता है यह कारण दशा के अन्दर भी देखा जाता है जैसे धनेश और राहु की दशा मे या अष्टमेश और राहु की दशा मे इसी प्रकार की धोखे वाली बात होती देखी जाती है.अक्सर इसी प्रकार के धोखे शीलहरण के लिये स्त्रियों मे भी देखे जाते है जब भी कोई अपनी रसभरी बातो को कहता है या अपने प्रेम जाल मे ले जाने के लिये चौथे भाव या बारहवे भाव की बातो को प्रदर्शित करता है तो उन्हे समझ लेना चाहिये कि उनके लिये कोई बडा धोखा केवल उनके शील को हरने के लिये किया जा रहा है,इस धोखे के बाद उनका मन मस्तिष्क और ईश्वरीय शक्तिओं से भरोसा उठना भी माना जा सकता है,इस भाव का धोखा उन लोगो के लिये भी दिक्कत देने वाला होता है जो डाक्टरी काम करते है वह अपने धोखे के अन्दर आकर किसी बीमारी को समझ कर कोई दवाई दे देते है और उस दवाई को देने के बाद मरीज बजाय बीमारी से ठीक होने के ऊपर का रास्ता पकड लेता है। यही बात इन्जीनियर का काम करने वाले लोगो के साथ भी होता है वह धोखे मे आकर अपनी रिपेयर करने वाली चीज मे या तो अधिक वोल्टेज की सप्लाई देकर उसे बजाय ठीक करने के फ़ूंक देते है या सोफ़्टवेयर को गलत रूप से डालकर पूरे प्रोग्राम ही समाप्त कर लेते है मित्रों कालपुरुष की कुंडली में वृश्चिक राशि बनती हैइस राशि वाला जातक विष जैसी वस्तुओं को आराम से सेवन कर सकता है,और मृत्यु भी इसी प्रकार के कारकों से होती है,उसके बोलने पर गालियों का समिश्रण होता है,मतलब जो भी बात करता है वह बिच्छू के जहर जैसी लगती है,अगर गुरु या कोई सौम्य ग्रह सहायता में नही है तो अक्सर इस प्रकार के लोग शमशान के कारकों के लिये मशहूर हो जाते है,राहु खून की बीमारियां और इन्फ़ेक्सन भी देता है,जैसे मंगल नीच के साथ अगर राहु अष्टम है तो जातक को लो ब्लड प्रेसर की बीमारी होगी,वही बात अगर उच्च के मंगल के साथ युति है तो हाई ब्लड प्रेसर की बीमारी होगी,और मंगल राहु के साथ गुरु भी कन्या राशि के साथ या छठे भाव के मालिक के साथ मिल गया है तो शुगर की बीमारी भी साथ में होगी. अष्टम भाव में राहु गुप्त विद्या गूढ ज्ञान के लिये वह अपने को आगे रखता है,बाहरी लोगों से और पराशक्तियों के प्रति उसे विश्वास होता है,अपने खुद के परिवार के लिये आफ़तें और शंकाये पैदा करता रहता है.
राहु को दवाइयों के रूप में भी माना जाता है,जो दवाइयां शरीर में एल्कोहल की मात्रा को बनाती है और जो दवाइयां दर्द आदि से छुटकारा देती है वे राहु की श्रेणी में आती है.
राहु की आशंका कभी कभी बहुत बडा कार्य कर जाती है जैसे कि अपना प्रभाव फ़ैलाने के लिये कोई झूठी अफ़वाह फ़ैला कर अपना काम बना ले जाना राहु को कचडा अगर माना जाये तो यह राहु कबाडी का काम करने वाले लोगों को और मौत को पेशा के रूप में अपनाने वाले लोगों के लिये भी माना जाना जाता है। इस राहु का कारण अगर व्यक्ति स्थान या नाम के लिये लिया जाता है तो आम आदमी के अन्दर भय का वातावरण पैदा करने के लिये और डरने के लिये भी माना जाता है। जाति से इस राहु का प्रभाव मुस्लिम जाति के लिये भी माना जाता है जो लोग खतरनाक स्थानों में निवास करते है,समुदाय बनाकर हत्या और डराकर राज करने वाले लोगों के लिये भी यह राहु अपने अनुसार कार्य करने वाला माना जाता है। जो लोग दक्षिण पश्चिम दिशा में घर के संडास को बना लेते है उनकी कुंडली में राहु इस राशि में किसी न किसी प्रकार से आकस्मिक हादसे देने का कारक बन जाता है। इस राशि में राहु के होने से केतु का स्थान धन की राशि में होना वास्तविक है,केतु का स्थान धन की राशि में होने से नकारात्मक प्रभाव भी माना जाता है,साथ ही इस राशि में राहु के होने से भोजन आदि के लिये भी सहायक साधनों का इन्तजाम करना पडता है। या तो भोजन को किसी अन्य व्यक्ति की सहायता से खाना पडता है या भोजन के लिये अलग से चम्मच या इसी प्रकार के औजारों से भोजन करना पडता है,दाहिने अंग में लकवा जैसी बीमारी को पैदा करने के लिये इसी राहु का असर माना जाता है। जननांगो में इन्फ़ेक्सन जैसी बीमारियों के लिये भी इसी राहु को दोषी ठहराया जाता है। बायो गैस प्लांट भी इसी स्थान की उत्पत्ति मानी गयी है,साथ ही शमशानी कार्य करना और शमशान आदि की देखभाल करना नगर पालिका जैसे कार्य करना आदि भी इसी राशि के राहु की देन मानी जाती है।आचार्य राजेश

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