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गुरुवार, 22 दिसंबर 2016
बुध का भेद जब कुंडली मुकम्मल हो और खाना नं १ का अक्षर देकर हर तरह से बात समाप्त हो चुकी हो, तो बुध का सारा भेद या स्वभाव देखने के लिए नीचे का असूल काम में आयगा। हर ग्रह की शक्ति को उस खाना के नं से गुना करे। ९ ग्रहों का जोड़ करे। ९ से भाग करे। बाकि बचा देखे ० बचे तो बुध का स्वभाव कुंडली के खाना नं ५ में बैठे ग्रह की तरह होगा। याने बुध के खाली ढांचे में राहु-केतु पकडे गये। याने जब बुध की शक्ति सिफर हो तो उस कुंडली में राहु केतु का असर दुसरे ग्रह पर न होगा। मगर राहु-केतु का जाती असर जरूर होगा। क्योंकि बुध में राहु-केतु का जाती असर शामिल गिनती है सिवाय बुध खाना नं ४ के। राहु घडी की चाबी तो केतु घडी का कुत्ता है। दोनों को चलता गुरु ही है। मगर घूमते बुध के दायरे में है। गर खाना ५ खाली तो जिस घर में और जैसा सूरज, वैसा ही बुध का फल होगा। अगर जो शेष बचे तो उस से सम्बंधित ग्रह कुंडली में जहाँ बैठा हो उसकी शक्ति तथा स्वभाव का बुध होगा। यह स्वभाव बुध का अपना स्वभाव होगा जैसा की शनि का स्वयं का स्वभाव राहु - केतु - शनि के पहले या बाद के घरो में होने का है। मसलन : बृहस्पति खाना नं ४ में उच्च है। बृहस्पति की शक्ति ९ ग्रहो में ६/९ है - गुना किया ४ गुणा ६/९ = २ ४ / ९ सूर्य खाना नं ३ में : ३ गुणा ९/९ = २ ७ / ९ चन्द्र खाना नं ६ ६ गुणा ८/९ शुक्र खाना नं ५ ५ गुणा ७/९ मंगल खाना नं ५ बुध खाना नं ३ शनि खाना नं १ २ राहु खाना नं २ केतु खाना नं ८ सब ९ ग्रहो को गुणा कर के जोडे। मसलन जोड़ आया २ १ ९ / ९ = २ ४ + ३/९ पूरे हिस्से छोड़ दे यानी ३/९ ही जो बचा लेना है। ३/९ शक्ति तो शनि की है. अब शनि खाना नं १ २ में बैठा था तो यह बुध का स्वभाव हुआ। याने बुध जो खाना नं ३ में बैठा है वो खाना नं 1 में बैठे शनि के स्वभाव का है। शनि का स्वभाव देखे : पहले राहु फिर केतु फिर अंत में शनि है। ऐसे में शनि का अपना प्रभाव मंदा होता है। इस लिए जब बुध का समय होगा तब शनि दो गुना मंदा होगा। क्योंकि बुध शनि दोनों ही खराब स्वाभाव के है। बुध का स्वभाव जिस ग्रह से मिलता हो उपाय उस ग्रह दोनों को मिला कर करना होगा। खाना नं ३ या ९ के लिए लोहे की लाल गोली ले पर अगर बुध नेक स्वाभाव हो तो शीशे की गोली ले और उस रंग को शामिल करे जो ऊपर की तरह से ग्रह आया। खाना नं १२ के बुध के लिए नष्ट ग्रह वाले की मदद का इलाज या केतु ( कुत्ता रंग बिरंगा या काल सफ़ेद पर लाल रंग न हो ) कायम करना शुभ होगा। असल में बुध खली खलाव (जगह), सफ़ेद कागज़, शीशा और फिटकरी होगा। जब उस पर जरा भी मैल या किसी और ग्रह का ताल्लुक हुआ तो उसकी गोलाई का ठिकाना मालूम करना वैसा ही मुश्किल होगा जैसा की जमीन का धुरी माप लेना। इसलिए उस की जांच पूरी कर लेना जरूरी होगा। बहरहाल बुध नं ३ या ९ या कही और का मंदा प्रभाव उस साल या उस समय नेक होगा जिसमे की वो स्वयं अपने स्वभाव के उसूल पर नेक हो जावे, मगर जन्म के पहले साल या पहले मास उसका हिरा जहर से खाली न होगा। अगर होगा तो जन्म मरण का झगडा ही समाप्त होगा। सूर्य और मंगल के मुकाबले में बुध का फल गायब। या ससूर्य मंगल नेक के समय अपना आधा समय चुप होगा फिर भी छुपी शरारत जरूर करता होगा। मंगल नेह है ही वही जिसमे सूर्य हो। और वो सूर्य के साथ चुप होगा। सूर्य रेखा और चन्द्र रेखा दिल को मिलने त्रिकोण मंगल बद को असर देगी जिस का प्रभाव दिल की शक्ति पर होगा चाहे बुरी तरफ ही क्यों न हो। बहरहाल दिल की शक्ति अधिक होगी।
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