गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

सामान्यतयः लग्न लगभग दो घंटे तक एक ही रहती है फिर भी जिस तरह दो व्यक्तियों के अंगूठे का निशान , आँखोँ के रैटीना की डिजायन या हृदय की धड़कन एक जैसी नहीं हो सकती ठीक उसी तरह कभी भी दो व्यक्तियों की जन्मकुंडली एक जैसी नहीं हो सकती है l यहाँ तक कि एक ही स्थान पर एक ही माँ से जन्म लेने वाले दो जुड़वाँ बच्चो की जन्मकुंडली भी एक जैसी नहीं हो सकती है क्योकि स्थूल रूप से देखने पर लग्न कुण्डली, चन्द्र कुण्डली, नवमांश कुण्डली, चलित कुण्डली तो एक जैसी ही दिखती है किन्तु जब कुण्डली के विस्तृत विश्लेषण की बात आती है तो विद्या के लिये चतुर्विशांश, बलाबल के लिये सप्तविशांश, अरिष्ट गणना के लिये त्रिविशांश, सुख कि गणना के लिये षोडशांश आदि कुंडलियाँ बनानी पड़ती है, जो कि एक ही लग्न में लगभग हर 2 मिनट बाद बदलती रहती है I अन्य अधिक बारीक़ गणना की स्थिती में प्रत्येक 3 सेकेंड के अन्तराल पर कुंडलियों का सूक्ष्म विश्लेषण बदलता रहता है I ऐसी स्थिती में यह आवश्यक हो जाता है कि जन्म के सही समय की गणना सटीकता से की जाये ।अव राशी फल ईस लिऐ भी वोगस हो जाता है जेसा मैने पहले भी कहा है 6 अरव की आवादी पुरे विश्व की है 12 राशीया अव 50 करोङ के लग भग ऐक राशी के लोग जिसमे वच्चे वुढे जवान ओर ईसमे भी सभी अलग अलग काम घन्घे वाले तो राशी फल संभव ही नही कोई भी समझदार जातक राशीफल को वोगस ही कहेगा हा गोचर से हम देश काल मे होने वाले घटना से संबंध का अनुमान लगाया जा सकता है

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