सोमवार, 29 जनवरी 2018

मित्रो आप मे से वहुँत से मित्रमुझे फोन पर ज्योतिष की कितावो के वारे मे पुछते है तो सोचा आज आप को कुछ अच्छी books की जानकारीदेदु जो आप के काम आऐ ऐसी books के बारे में जानकारी देने का प्रयास कर रहा हूं, जो किसी भी प्रशिक्षु ज्‍योतिषी एवं ज्योतिष में रूचि रखने वाले किसी भी प्राणी को अवश्‍य पढ़नी चाहिए। इन सभी पुस्‍तकों को मैंने बार बार पढ़ा है और आज भी पढ़ता रहता हूं। हर बार किसी नए कोण से कोई नई बात उभरकर सामने आती है। ऐसे में आप भी इन पुस्‍तकों को पढ़ें, तो इस क्षेत्र में अच्‍छा ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। बहुत बार नए ज्‍योतिषियों के सामने यह समस्‍या होती है कि कौनसी पुस्‍तक पढ़ें और कौनसी छोड़ें। आज ज्‍योतिष के क्षेत्र में पुस्‍तकों के सैकड़ों टाइटल मिल जाएंगे, लेकिन सटीक रूप से कौनसी पुस्‍तक आपको जानकारी दे सकती है, इस जानकारी का अभाव है। ऐसे में मेरी लाइब्रेरी का यह विवरण आपके जरूर काम आ सकता है। फण्‍डामेंटल प्रिंसीपल ऑफ एस्‍ट्रोलॉजी – इस किताब का हिन्‍दी अनुवाद भी बाजार में आ चुका है। काटवे की देव विचार माला – इसमें सत्रह छोटी पॉकेट साइज पुस्‍तकें शामिल हैं। पहले यह आउट ऑफ प्रिंट हो गई थी अब इसका रीप्रिंट वर्जन बाजार में आ चुका है। लाल किताब (Lal Kitab)- लेखक पंडित रामचंद्र शास्‍त्री, कालका वाले। भवन भास्‍कर (Bhawan Bhaskar)- यह किताब आउट ऑफ प्रिंट हो चुकी है, किसी एक व्‍यक्ति के पास उपलब्‍ध हो तो वह अन्‍य पाठकों को फोटो प्रति करके उपलब्‍ध करा सकता है, पहले यह गीताप्रेस गोरखपुर से प्रकाशित होती थी। कुछ स्‍टॉलों पर अब भी मिल सकती है। (इस किताब का नया प्रिंट फिर से बाजार में आ चुका है। गीताप्रेस ने ही पुन: प्रकाशित किया है।) ज्‍योतिष रत्‍नाकर– देवीनन्‍दन सिंह की लिखी यह पुस्‍तक ज्‍योतिष आठ धाराओं में बांटकर सिखाती है। यह अपने आप में पूर्ण पुस्‍तक है लघु पाराशरी टीकाकार मेजर एसजी खोत – यह पुस्‍तक हर कहीं उपलब्‍ध नहीं है, लेकिन मिल सकती है, लघु पाराशरी सिद्धांतों को समझने के लिए यह अल्‍टीमेट पुस्‍तक है। फलित ज्‍योतिष रेडीरेकनर- शौकिया और प्रमाणिक ज्‍योतिष के पाठकों के लिए यह पुस्‍तक महल की बहुत अच्‍छी किताब है। इसे पढ़कर आप अपनी कुण्‍डली का फौरी तौर पर विश्‍लेषण कर सकते हैं। अच्‍छी बात यह है कि इस पुस्‍तक में नेगेटिव प्‍वाइंट बहुत कम हैं। एस्‍ट्रो सीक्रेट्स यह पुस्‍तक केवल अंग्रेजी में ही उपलब्‍ध है। अगर इसका कोई हिन्‍दी संस्‍करण आया भी है तो मुझे उसकी जानकारी नहीं है। मेरी सलाह है कि इसे अंग्रेजी में ही पढ़ा जाए तो बेहतर है। प्रोफेसर केएस कृष्‍णामूर्ति के शिष्‍य के. शबुंगम की लिखी यह पुस्‍तक केपी एस्‍ट्रोलॉजी को समझने की एक नई दिशा देती है। तीन सौ महत्‍वपूर्ण योग- योगायोगों के बारे में बीवी रमन ने अपनी खुद की सोच रखी और प्राचीन योगों में से भी तीन सौ ऐसे योग निकालकर उनका संग्रह पेश किया कि बहुत से जातकों की कुण्‍डली में ये योग मिल जाते हैं। इन योगों के फलादेश भी बहुत कुछ सटीक पड़ते हैं। इसे जरूर पढ़ना चाहिए। ज्योतिष की कुछ अन्य महत्वपूर्ण पुस्तकें (Astrology books की ऐक लिस्ट भारतीय ज्‍योतिष : नेमीचंद शास्‍त्री ज्‍योतिष रत्‍नाकर : देवकीनन्‍दन सिंह प्रिडिक्टिव स्‍टेलर एस्‍ट्रोलॉजी : केएस कृष्‍णामूर्ति काटवे सीरीज : देव विचार माला की सभी 17 किताबें अध्‍यात्‍म ज्‍योतिष : हेमवंता नेमासा काटवे योग विचार : हेमवंता नेमासा काटवे 300 महत्‍वपूर्ण योग : बीवी रमन भद्रबाहु संहिता : नेमीचंद्र शास्‍त्री मंत्र विद्या : करणीदान सेठिया लाल किताब : रामेश्‍वरचंद्र शास्‍त्री कालका वाले समरांगण सूत्रधार : भवन निवेश हॉरेरी एस्‍ट्रोलॉजी : केएस कृष्‍णामूर्ति कास्टिंग द होरोस्‍कोप : केएस कृष्‍णामूर्ति फलित ज्‍योतिष रेडीरेकनर : तिलक राज तिलक नवमांशा इन एस्‍ट्रोलॉजी : चंदूलाल एस पटेल उपचारीय ज्‍योतिष : के के पाठक सचित्र ज्‍योतिष शिक्षा : बाबूलाल ठाकुर भाग दो, चार, छह, आठ ज्‍योतिष कौमुदी बॉडी लैंग्‍वेज : एलन पीज द प्रोगेस्‍ड होरोस्‍कोप : एलन लियो जातक निर्णय : बीवी रमन नक्षत्र फल : के टी शुभाकरन दोनों भाग लघुपाराशरी : टीकाकार मेजर एसजी खोत न्‍यू टैक्‍नीक्‍स ऑफ प्रिंडिक्‍शन : एचआर शेषाद्री अय्यर भवन भास्‍कर : गीताप्रेस गोरखपुर भुवन दीपक : डॉ शुकदेव चतुर्वेदी गोचर विचार : जगन्‍नाथ भसीन वास्‍तुमुक्‍तावली : मास्‍टर खेलाड़ीलाल ज्‍योतिष बोध : पंडित धरणीधर शास्‍त्री प्रश्‍न चंद्रप्रकाश : चंद्रदत्‍त पंत हस्‍तरेखा विश्‍वकोष : हरिदत्‍त शर्मा मण्‍डेन एस्‍ट्रोलॉजी : मानिकचंद जैन राहू केतू : मानिकचंद जैन सत्‍य सिद्धांत ज्‍योतिष : प्रभुलाल शर्मा व्‍यापार रत्‍न : पंडित हरदेव शर्मा त्रिवेदी अर्घ मार्तण्‍ड : पंडित मुकुल वल्‍लभ मिश्र लघुपाराशरी एवं मध्‍य पाराशरी : पंडित केदारदत्‍त जोशी सर्वार्थ चिंतामणि : खेमराज श्रीकृष्‍णदास आकृति से रोग की पहचान : लुई कुने रमल नवरत्‍न : खेमराज श्रीकृष्‍णदास सुगम वैदिक ज्‍योतिष बुक ऑफ नक्षत्राज : प्राश त्रिवेदी सुनहरी किताब इसके साथ ही ज्‍योतिषियों को मोटीवेशनल मैनेजमेंट, साइकोलॉजी और स्‍वास्‍थ्‍य से संबंधित पुस्‍तकों का भी अध्‍ययन करना चाहिए।आचार्य राजेश

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