आचार्य राजेश (ज्योतिष,वास्तु , रत्न , तंत्र, और यन्त्र विशेषज्ञ ) जन्म कुंडली के द्वारा , विद्या, कारोबार, विवाह, संतान सुख, विदेश-यात्रा, लाभ-हानि, गृह-क्लेश , गुप्त- शत्रु , कर्ज से मुक्ति, सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक ,पारिवारिक विषयों पर वैदिक व लाल किताबकिताब के उपाय ओर और महाकाली के आशीर्वाद से प्राप्त करें07597718725-०9414481324 नोट रत्नों का हमारा wholesale का कारोबार है असली और लैव टैस्ट रत्न भी मंगवा सकते है
शनिवार, 2 मार्च 2019
Lottery , शेयर-सट्टा व लॉटरी से धनार्जन कैसे करें?https://youtu.be/5QlK8Oa_lmk
https://youtu.be/5QlK8Oa_lmkप्रायः हर व्यक्ति यह चाहता है कि उसे अचानक भारी धन-लाभ हो, चाहे वह किसी भी प्रकार से हो। इस अचानक लाभ के लिए व्यक्ति अपनी जमापूँजी को भी लॉटरी, रेस, सट्टा आदि में लगा देते हैं। सृजनात्मक होना श्रम मांगता है, लंबा चिंतन और प्रतिभा मांगता है, जीवन भर की साधना मांगता है। तब अंत में धन पैदा होगा। धन के विरोधी सरल तरकीब निकालते हैं। जुआ खेल, सट्टा खेल, लाटरी निकाल कर ज्यादा पाने की कोशिश करते हैं।इस तरह अपनी परिश्रम से कमाई हुई दौलत को बर्बाद करना सर्वथा अनुचित है। यह भी जान लेना जरूरी है कि वास्तव में आपके भाग्य में आकस्मिक धन-लाभ प्राप्त होना है या नहीं। मित्रों लाभ को प्राप्त करने के लिये दो कारण संसार में चलते है एक मेहनत करने के बाद किये गये कार्यों की एवज में लाभ का प्राप्त करना और दूसरा बिना मेहनत करने के दिमाग को प्रयोग करने के बाद धन को प्राप्त करने की क्रिया को करना। हानि के कारण दोनो ही पक्षों को देखने को मिलते है जैसे मेहनत करने के बाद जब फ़ल लेने का समय हुआ तो कार्य का मूल्य ही समाप्त हो गया,अथवा बना हुआ कार्य खराब हो गया,साथ ही बुद्धि को अपनाने के बाद जब धन को प्राप्त करने का समय आया तो अचानक धन बजाय आने के चला भी गया। शेयर बाजार कमोडिटी वाले काम पूंजी बाजार वाले काम बुद्धि वाले काम है,यह काम धन के उतार चढाव से सम्बन्ध रखते है,जैसे हमेशा के लिये जिन्स बाजार से उपार्जन करने के लिये वस्तु के बढने के समय उसे खरीद लिया जाता है और वस्तु के घटने के समय उसे अच्छे दामों मे बेच दिया जाता है,अर्थशास्त्र का नियम ह्रासमान तुष्टिगुण नियम,वस्तु का बढ्ना यानी कीमत का घटना और वस्तु का घटना यानी कीमत क बढना जिन्स के बाजार में देखा जाता है। यह कार्य शनि के मार्गी वाले स्थानों और जातकों के लिये देखा जाता है। लेकिन शेयर बाजार में भी प्रतिस्पर्धा के कारण बनने का समय खोजा जाता है,यह कार्य बुध पर निर्भर करता है,कुंडली में बुध जितना बलवान होगा उसके अन्दर समय और प्रतिस्पर्धा को जोडने घटाने की बुद्धि अच्छी होगी वह अपने समय कारण और स्थान के साथ जलवायु वाले कारणों से पता रखेगा कि उसका शेयर को खरीदने और बेचने का समय कब आयेगा। अक्सर यह कार्य वही लोग कर पाते है जो धनु कन्या और मकर के मंगल से पूर्ति होते है और उनकी कुंडली में बुध स्वतंत्र होता है,यानी सूर्य के साथ होने पर अस्त नही होता,कुंडली में वक्री है तो मार्गी में फ़ायदा देने वाला और मार्गी है तो वक्री होने में फ़ायदा देने वाला होगा है। शनि मेहनत करने का ग्रह है यह दो प्रकार से मेहनत को करवाता है,एक शरीर से मेहनत करवाने वाले को मार्गी शनि के नाम से जाना जाता है और बुद्धि से काम करने वाले को वक्री शनि के रूप मे जाना जाता है। इस शनि के बारे में आप पीछे की पोस्ट को पढ सकते है। ज्योतिष से लाटरी सट्टा और जुआ का भाव पंचम है,इस भाव को बुद्धि का भाव माना जाता है साथ ही इससे नगद में धन देने वाला भाव छठा है और और हमेशा के लिये लाभ देने वाला भाव तीसरा है। अगर इन भावों पर राहु अपना असर दे रहा है,तो लाभ की मात्राअनिश्चित मानी जाती है,लाभ भारी मात्रा में भी हो सकता है,और हानि भी भारी मात्रा में हो सकती है। लेकिन कुंडली में राहु अगर शुक्र या गुरु से अपनी युति जीवन के कारक भावों में बनाकर बैठा है तो लाभ की निश्चितता को माना जा सकता है। इस प्रकार की युति के कारणों मे भी अगर गुरु राहु के साथ मिलकर शुक्र से भी युति बनाकर बैठा है,तो जातक का दिमाग चमक दमक में अधिक चला जाता है और जो भी वह कमाता है उसे छिपाने के लिये उन रास्तों को अपना लेता है जहां पर सरकारी या नीच हरकत रखने वाले लोग उसके धन को किसी न किसी कारण हडप कर लेते है। केतु का प्रभाव भी लाटरी सट्टा और जुआ पर अधिक देखा जाता है,केतु अगर कमन्यूकेशन के कारक भावों में है या किसी प्रकार से तीसरे सातवें या ग्यारहवें भाव से युति बनाता है तो व्यक्ति किसी व्यक्ति की सहायता से टेलीफ़ोन से इन्टरनेट से या सूचना के माध्यम से यह कार्य कर सकता है,अगर केतु सूर्य के साथ युति लेता है तो सरकारी लाटरी या स्कीमो से धन को कमाने वाला होता है,केतु बुध से युति लेता है तो व्यक्ति का रुझान खेल कूद वाले सट्टों से माना जाता है राहु का सम्बन्ध दूसरे और पांचवें स्थान पर होने पर जातक को सट्टा लाटरी और शेयर बाजार से धन कमाने का बहुत शौक होता है,राहु के साथ बुध हो तो वह सट्टा लाटरी कमेटी जुआ शेयर आदि की तरफ़ बहुत ही लगाव रखता है,अधिकतर मामलों में देखा गया है कि इस प्रकार का जातक निफ़्टी और आई.टी. वाले शेयर की तरफ़ अपना झुकाव रखता है। अगर इसी बीच में जातक का गोचर से बुध अस्त हो जाये तो वह उपरोक्त कारणों से लुट कर सडक पर आजाता है,और इसी कारण से जातक को दरिद्रता का जीवन जीना पडता है,उसके जितने भी सम्बन्धी होते है,वे भी उससे परेशान हो जाते है,और वह अगर किसी प्रकार से घर में प्रवेश करने की कोशिश करता है,तो वे आशंकाओं से घिर जाते है।,केतु का असर अगर शुक्र पर होता है तो जातक कानूनी कार्यों से बचकर अनैतिक रूप से चलने वाले जुआ या विदेशी जुआ खानों से धन प्राप्त करने की बात देखी जाती है,लेकिन यह धन अक्सर सरकार या सम्बन्धित लोगों के प्रति अक्समात खर्च होने का कारण भी बनता है। केतु का शुक्र पर असर होने के कारण जातक का दिमाग अगर औरतों के प्रति या सजने संवरने के प्रति चला जाता है अपनी शान शौकत को दिखाने के अहम में चला जाता है अथवा अपने को कबूतरबाजी के कार्यों में ले जाता है तो धन के कारण दूर चले जाते है। जिसकी लगन में गुरु राहु नवे भाव में शुक्र होता है उनके लिये लक्ष्मी अपना स्थान केवल घर की स्त्री की इज्जत करने से और बढ जाती है,अगर जातक किसी प्रकार से विदेशी लोगो और बाहर की स्त्रियों में अपने मन को लगा लेता है तो उसके लिये पहले लक्ष्मी अपना स्थान तो देती है लेकिन अक्समात ही जातक को कंगाल कर जाती है। मंगल का स्थान अगर दसवें भाव में कन्या राशि में हो और शनि का स्थान छठे स्थान में हो और शनि अगर वक्री हो तो जातक अपनी बुद्धि से धन की तकनीक को प्रयोग करने के बाद अथाह धन को प्राप्त करने वाला होता है लेकिन इस ग्रह युति के जातक को वक्री शनि के समय तथा बुध के अस्त होने और वक्री होने के समय अपने धन को इन कारणों में प्रयोग नही करना चाहिये।
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