सोमवार, 15 दिसंबर 2025

ब्रह्मांडीय रश्मियों का रहस्य: ज्योतिष, भौतिकी और डीएनए का अद्भुत संगम

 

ब्रह्मांडीय रश्मियों का रहस्य: ज्योतिष, भौतिकी और डीएनए का अद्भुत संगम

(एक शोधपरक वैज्ञानिक विश्लेषण)

— आचार्य राजेश कुमार —

​जब मैंने ज्योतिष पर अपना शोध शुरू किया, तो मेरे सामने सवाल यह नहीं था कि "ग्रह क्या फल देंगे?" बल्कि सवाल यह था कि "ग्रह फल कैसे देते हैं?"

क्या यह कोई जादू है? नहीं। मेरा शोध कहता है कि यह 'ध्वनि, प्रकाश और चेतना' का विशुद्ध विज्ञान है।

1. आरंभ: प्रकाश से पहले 'शब्द' (Sound precedes Light)

​सृष्टि के निर्माण को समझने के लिए हमें थोड़ा और पीछे जाना होगा।

हमारे वेदों में लिखा है— "नाद ब्रह्म" (ध्वनि ही ईश्वर है)। बाइबल में भी लिखा है— "In the beginning was the Word" (आरंभ में शब्द था)।

​विज्ञान भी मानता है कि 'बिग बैंग' (महाविस्फोट) से पहले एक महा-शून्य था। सबसे पहले एक 'कंपन' (Vibration/Sound) हुआ।

जब ध्वनि की तरंगें आपस में टकराईं, तो उस घर्षण (Friction) से 'ऊष्मा' पैदा हुई और उसी ऊष्मा से 'प्रकाश' (Light) का जन्म हुआ।

  • ज्योतिषीय अर्थ: इसीलिए 'मंत्र' (Sound) ग्रहों के 'रत्नों' (Light) से भी ज्यादा शक्तिशाली माने जाते हैं। रत्न केवल प्रकाश (Light) को ठीक करते हैं, लेकिन मंत्र उस स्रोत (Sound) को ठीक करते हैं जहाँ से प्रकाश पैदा हुआ है।

2. भचक्र का विज्ञान: 360 डिग्री का 'कॉस्मिक योनि' (The Cosmic Womb)

​जब ध्वनि से 'प्रकाश' उत्पन्न हुआ, तो उसे एक दिशा चाहिए थी।

हमारा ब्रह्मांड (भचक्र) 360 डिग्री का एक गोला है। ऋषियों ने इसे 12 भागों में बांटा। यह विभाजन काल्पनिक नहीं, बल्कि एक 'फिल्टर' है।

​यहाँ एक गहरा रहस्य है। विज्ञान में प्रिज्म का आकार 'त्रिकोण' होता है और तंत्र शास्त्र में त्रिकोण को 'योनि' (शक्ति) माना गया है।

यह भचक्र 'प्रकृति का गर्भगृह' है। जब मुख्य 'श्वेत ऊर्जा' इस 'योनि रूपी प्रिज्म' से गुजरती है, तो वह 7 रंगों में बंटकर सृष्टि बनाती है।

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3. 1 से 6 तक का सफर: रंग और किरणों का विज्ञान (The Color Evolution)

​जैसे ही प्रकाश प्रिज्म (राशियों) से गुजरा, उसने अलग-अलग रंग लिए और हमारा शरीर बना:

  • 1. मेष (The Spark - गहरा लाल रंग):
    • मूल: ध्वनि से जन्मी पहली अग्नि।
    • रंग: गहरा लाल (Deep Red).
    • विज्ञान: स्पेक्ट्रम में लाल रंग की तरंग सबसे लंबी होती है। सृष्टि की शुरुआत के लिए 'धमाके' और 'गर्मी' चाहिए थी। यह मंगल की ऊर्जा है।
  • 2. वृषभ (Solidification - चमकीला श्वेत रंग):
    • रंग: चमकीला श्वेत/प्रिज्म रंग.
    • विज्ञान: धमाके के बाद ऊर्जा ठंडी होकर 'पदार्थ' (Matter) बनती है। शुक्र का यह रंग सौंदर्य और आकार का प्रतीक है।
  • 3. मिथुन (Vibration - हरा रंग):
    • रंग: तोतिया हरा (Green).
    • विज्ञान: हरा रंग संतुलन (Balance) का है। यहाँ 'वायु तत्व' यानी जुड़ाव (Communication) शुरू हुआ।
  • 4. कर्क (Liquification - दूधिया/पर्ल रंग):
    • रंग: दूधिया सफेद (Milky White).
    • विज्ञान: जीवन को 'जल' चाहिए। यहाँ ऊर्जा पिघलकर 'भावना' (मन) बन गई।
  • 5. सिंह (Centralization - सुनहरा/नारंगी रंग):
    • रंग: सुनहरा नारंगी (Golden Orange).
    • विज्ञान: शरीर को चलाने के लिए 'नाभिक' (आत्मा) बना। यह सूर्य का तेज है।
  • 6. कन्या (Analysis - चितकबरा रंग):
    • रंग: मिश्रित हरा/भूरा.
    • विज्ञान: पृथ्वी तत्व का वह रूप जो व्यवस्था (Management) संभालता है।


4. मंगल का गहरा विज्ञान: मेष से वृश्चिक तक (खून और गर्मी)

​अक्सर लोग पूछते हैं कि मंगल को दो राशियां क्यों मिलीं? इसे रक्त (Blood) से समझिए:

  • मेष (जीवित रक्त): मंगल का रंग लाल है और खून भी लाल है। जब तक खून में 'गर्मी' (Heat) है, तब तक वह 'मेष' है (जीवन)।
  • वृश्चिक (ठंडा रक्त): जब खून से गर्मी निकल जाती है और वह 'पानी' बन जाता है, तो वह 'वृश्चिक' (Watery Mars) में बदल जाता है। इसीलिए मेष 'जीवन' है और वृश्चिक 'मृत्यु या बदलाव' है।

5. मीन राशि (बैंगनी किरण) और 'उल्टे प्रिज्म' का चमत्कार

​यह यात्रा मीन पर खत्म क्यों हुई?

  • रंग: बैंगनी (Violet).
  • विज्ञान: मीन राशि 'उल्टा प्रिज्म' (Inverted Prism) है। न्यूटन ने सिद्ध किया था कि उल्टा प्रिज्म रंगों को वापस 'सफेद रोशनी' में बदल देता है।
  • ​मीन राशि में हमारे सारे रंग (कर्म) वापस मिलकर 'मोक्ष' (White Light) बन जाते हैं।


6. सबसे सूक्ष्म रहस्य: क्वांटम दृष्टि और श्वास

  • क्वांटम दृष्टि: देखने वाले के नजरिए से दृश्य बदल जाता है। शनि को 'डर' से देखोगे तो जहर, 'न्याय' से देखोगे तो दवा।
  • श्वास ही एंटेना है:
    • दाहिना स्वर: सूर्य/मंगल की किरणें खींचता है।
    • बायां स्वर: चंद्र/बुध की किरणें खींचता है।

निष्कर्ष

​ज्योतिष अंधविश्वास नहीं है। यह ध्वनि (Sound), प्रकाश (Light) और चेतना (Consciousness) का अद्भुत संगम है। पहले 'शब्द' था, फिर 'प्रकाश' आया और अंत में हम बने।

​इस विषय पर मेरा शोध अनंत है। शेष अद्भुत रहस्य अगले लेखों में।

सत्यमेव जयते।

आचार्य राजेश कुमार

(हनुमानगढ़, राजस्थान)

पाठकों से प्रश्न:

क्या आपने कभी महसूस किया है कि किसी मंत्र के जाप (ध्वनि) से आपके शरीर की ऊर्जा (प्रकाश) बदल गई हो? अपने अनुभव कमेंट में जरूर साझा करें।

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