आचार्य राजेश (ज्योतिष,वास्तु , रत्न , तंत्र, और यन्त्र विशेषज्ञ ) जन्म कुंडली के द्वारा , विद्या, कारोबार, विवाह, संतान सुख, विदेश-यात्रा, लाभ-हानि, गृह-क्लेश , गुप्त- शत्रु , कर्ज से मुक्ति, सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक ,पारिवारिक विषयों पर वैदिक व लाल किताबकिताब के उपाय ओर और महाकाली के आशीर्वाद से प्राप्त करें07597718725-०9414481324 नोट रत्नों का हमारा wholesale का कारोबार है असली और लैव टैस्ट रत्न भी मंगवा सकते है
शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2016
मंगल को लेकर कई तरह की वाते व अंघविश्वास फेले है या फैलाऐ है अव कुछ मित्र पुछते 28 साल के वाद क्या मंगल दोष मंगल का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है ? बहुत जिसका उत्तर बड़े धैर्य से समझने की जरुरत है ग्रहों की भी अपनी एक उम्र है और इसका तालमेल एक सुलझा हुआज्योतिष ही बैठा सकता है , नहीं तो बातें गड्ड-मड्ड हो जाती है। हर ग्रह की परिपक्व होने की एक उम्र होती है उस निश्चित समय के बाद वो अपना बुरा प्रभाव कुछ हद्द तक कम कर देता है यानि उग्रता कम हो जाती है। जैसे--- बृहस्पति 15से 20की उम्र को अपने दखल में लेता है , यही वक्त है जब शिक्षा ग्रहण का महत्वपूर्ण समय होता है। { यहाँ ये तर्क कि शिक्षा ग्रहण की कोई उम्र नहीं होती बेमानी है } आप समझिए इस तथ्य को कि शिक्षा का यही समय महत्वपूर्ण होता है। बाकी ज्यादा उम्र में सभी नहीं पढ़ते कोई कोई जिसकी ग्रह दशा इजाजत देती है वही बुढ़ापे में पढाई करते हैं। सूर्य का समय 22 साल की उम्र का। चन्द्रमा का समय है 24साल का वक्फा यानि ये peak टाइम कहलाता है। शुक्र का समय 25 से 27. मंगल का समय 28 से 31peak समय 28. का कहलाता है। बुध का समय 31 से 34peak समय 32 शनि 36 से 39peak समय 36 राहु 42 से 47peak समय 42का केतु का परिपक्व होने का समय 48 से 54peak 48का यानि यहाँ ग्रहो की जो उम्र लिखी हुई है उस उम्र के बाद ग्रह अपनी उग्रता खोता है अपने बुरे फल को देने में कमी आ जाती है। अब यहाँ इस तथ्य को ध्यान दे कि जिस ग्रह की जो उम्र यहाँ दी हुई है उसी दौरान विंशोत्तरी महादशा के के अनुसार उसी ग्रह की दशा-अन्तर्दशा आ जाए तो ग्रहो का अच्छा बुरा फल दोनों तीब्रता से मिलता है। अब लौटे मंगल की तरफ , जै एक ख़ास उम्र के बाद ग्रह परिपक्व होते हैं , यानि एक इंसान जब 40 की उम्र के बाद परिपक्व होता है तो बच्चो जैसी गलतियाँ नहीं करता , इसी तरह एक ख़ास उम्र के बाद ग्रह भी समझदार होते हैं , अब इसे जरा दूसरे तरीके से देखे कि एक बीस साल का लड़का जितना उग्र होगा तीस साल वाला उतना उग्र नहीं हो सकता और मंगल उग्रता का ही मुख्य ग्रह है , इसलिए जिनकी कुण्डली में मांगलिक दोष का सचमुच प्रभाव है वो 28 साल की उम्र के बाद विवाह करे तो मंगल का बुरा फल उनको कुछ कम मिलता है , इसे यूँ समझे कि चौबीस साल की उम्र का लड़का अगर मार कर सर फोड़ देगा तो -तीस साल वाला मारने को उठेगा मगर गालियाँ देकर ही शांत हो जाएगा , हाँ यहाँ एक बात है -मंगल के बुरे प्रभाव की वजह से शारीरिक हिंसा में ही कमी आएगी -अगर मंगल सचमुच बुरा फल देने वाला है तो - गालीगलौज और झगड़ा होता रहेगा सिर्फ शारीरिक हिंसा में कमी आएगी - अब कुंडली का गुरु अच्छा है तो और कमी आएगी -शनि मजबूत है तो झगड़ा होगा। मंगल का 28 के बाद मूल रूप से हिंसक होना कम हो जाता है मंगल की तासीर को समझे मंगल जोश का कारक है उतेजना का कारक है जव आदमी मेच्योर होता होता जाता है तो जोश के साथ होश भी आता है खुन की गर्मी नरम होने लगती है मित्रो मेरी यही कोशिश रहती है कि आप को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान मिले ताकि आप अन्घविश्वास से रहित जीवन जीये आचार्य राजेश 09414481324 07597718725
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