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शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2016
मित्रो दिपावाली दीयो के विना अघुरी है दियो वेचने वाले से तोलमोल मत करे ऐक गरीव थोङा पैसा ज्यादा भी ले तो कोई फर्क नही पङेगा दोस्तो दियो को पँच तत्व व गृहो से क्यामेल है आऐ देखते है दीया मिटृटी से वनता है यानी तत्व पृथ्वी ओर मिटृटी को शुक्र गृह से भी जोडा गया मिटृटी को मथा जाता है पानी के साथ तत्व पानी ओर गृह चन्द्र ओर मिटृटी को मथने वाला कुम्हार यानी शनी यहा मेहनत होगी वहा शनी का ही माना जा सकता है दीयो का अकार वुघ का माना जा सकता है दीयो को पकने के लिऐ आग की जरुरत होगी यानी मंगल ओर अग्नी तत्व आग को जलाने के लिऐ लकङी यानी शनीआग को जलने के लिऐ हवा यानी आक्सीजन की जरुरता होगी यानी वृहस्पती दीयो के अन्दर खाली स्थान यानी अकाश तत्व पकने के वाद दीयो का लाल होना यानी मंगल ओर कही से काला होना राहु ओर तेल सरसो का ङाले शनी देसी घी ङाले तो शुक्र ओर राहु जव दीयो को जलाते है तो प्रकाश यानी सुरज गृह वात्ती केतु गृह दीयो से उठने वाला घुँआ राहु दीये तले अन्घेरा राहु ओर शनी घर लक्ष्मी दीये जगाऐ तो यह वेटी जगाऐ तो वुघ घरवाली जगाऐ तो शुक्र मंगल कार्य मे मंगल ओर घर्म कार्य मे गुरु गृह अव आप देखे दीयो को पाँच तत्व ओर नो गृह का साथ है आचार्य राजेश
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