शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2016

मिट्टी दीया मुरता नू मिट्टी दा खुमार है मिट्टी दीया टेरीया ते वैठा सांसार है मिट्टी दा व्यपार सारा ते मिट्टी कारोवार है हर वंदे दी इको पिछे वस ऐनी तकरार है काला गोरा जात पात सव मिट्टी दा अंहकार है मिट्टी जो मिट गई उस मिट्टी नु सलाम है जिते जी जो ना मिटी वो मिट्टी ही वेकार है

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

🔬 भाग-6: ब्रह्मांडीय शरीर रचना (Cosmic Anatomy)

🔬 भाग-6: ब्रह्मांडीय शरीर रचना (Cosmic Anatomy) ​(अस्तित्व का कवच, ग्रहों का एंटीना और मौन संवाद) ​ — एक शोधपरक चिंतन: आचार्य राजेश कुमार...