आचार्य राजेश (ज्योतिष,वास्तु , रत्न , तंत्र, और यन्त्र विशेषज्ञ ) जन्म कुंडली के द्वारा , विद्या, कारोबार, विवाह, संतान सुख, विदेश-यात्रा, लाभ-हानि, गृह-क्लेश , गुप्त- शत्रु , कर्ज से मुक्ति, सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक ,पारिवारिक विषयों पर वैदिक व लाल किताबकिताब के उपाय ओर और महाकाली के आशीर्वाद से प्राप्त करें07597718725-०9414481324 नोट रत्नों का हमारा wholesale का कारोबार है असली और लैव टैस्ट रत्न भी मंगवा सकते है
सोमवार, 10 अक्टूबर 2016
मित्रों ज्योतिष एक विज्ञान है परन्तु इस विज्ञान का इस्तेमाल एक विज्ञानिक ही कर सकता है जिसने इस ज्योतिष विज्ञान पर कुछ शोध किया हो इसके सिद्धान्तो के बारे मे स्वयं अनुभव किया हो कहने का तात्पर्य सिर्फ़ इतना है कि पुस्तकीय सिद्धान्त जब प्रयोगिक तौर पर अनुभव मे आते है तभी सिद्धन्तो के मूल की जानकारी होती है ! ज्योतिष के बारे में लोगो में अलग अलग धारणाये है जैसे लोग इसे ज्ञान, शास्र, विद्या, हुनर या एक कला के रूप में जानते है होता ये है की अधिकांशतः ज्योतिषी सिर्फ़ साधारण तौर पर कुछ पुस्तकीय ज्ञान के आधार पर ही फ़लदेश करते है और फ़लदेश गलत साबित हो जाता है कारण सिर्फ़ इतना है कि यदि थोडा सा गहन अध्यन किया गया होता तो फ़लादेश गलत साबित नही होता एक जातक एक ज्योतिषी से सलाह लेता है ज्योतिषी सिर्फ़ दशम भाव मे स्थित एक कारक ग्रह देखता है जिसकी दशा प्रारम्भ होने वाली थी ! ज्योतिषी ने फ़लादेश किया कि आने वाले छः माह के दौरान नौकरी मे पदोन्नति, व्यापार मे तरक्की या लाभ प्राप्त होगा ! समय बीतता गया जातक के जीवन मे कोई शुभ बदलाव होने के बजाय, उसे हानि हुई ! एक फ़लादेश गलत साबित होता है कुछ ज्योतिष को दोष देते है कुछ ज्योतिषी को ! आखिर दोषी है कौन ज्योतिष या ज्योतिषी ! वास्तव मे अगर गहन मन्थन किया जाये तो ना ज्योतिष दोषी है ना ही ज्योतिषी ! हां ज्योतिषी का इतना कसूर है कि उसने सिर्फ़ किताबी ज्ञान का इस्तेमाल किया जब कि पुस्तकीय सिद्धन्तों की गहराई समझने की आवश्यकता है उन्हे अनुभव मे लाने से पूर्व प्रयोगात्मक रूप से ग्रह, राशि एवम नक्षत्र का वास्तविक एवम तत्कालिक स्वभाव एवम गुण का अध्यन करना चाहिये था इसी तरह अन्य मामलों में ज्योतिषी भविष्यवाणी करते हैं कि समय बुरा चल रह है दुर्घटना हो सकती है आप अस्पताल में भर्ती हो सकते है ! शादी हो सकती है ! तलाक होगी ! अपनी नौकरी खो सकते हैं ! लेकिन यह कभी नहीं हुआ, भविष्यवाणी गलत हो गयी इन सभी मामलों में ज्योतिषी सहित सब हैरान रह गये परन्तु ज्योतिषी अभी भी सफ़ाई देते है कि विपरीत राज योग के कारण ऐसा हुआ आदि आदि यदि ज्योतिषी ग्रह राशियों एवम नक्षत्रों के गुण स्वभाव का गहन अध्यन करने के साथ साथ वैदिक ज्योतिष के सिधन्तो का अध्यन करें तो सत प्रतिशत शुद्ध फ़लादेश या भविष्यवाणी की जा सकती है हमारी ज्योतिषी पुस्तकों मेभी किसी ग्रह को लेकर या योग को लेकर अलग अलग मत है सो यह सव अनुभव से ही आता है दुसरा यह फला ग्रह यहा वैठा है तो यह फल वहा वैठा तो यह फल या फला राशी वाले लाल रंग के कपङे पहने या कन्या राशी वालो का आज का दिन खराव है मित्रो मे राशीयो को नकार नही रहा सिरफ ईतना कहना चाहता हु ज्योतिष वहुँत वङी देन है जो हमे हमारे श्रृषीयो मुनीयो ने हमे दी ईसे हमे ओर उपर लेकर जाऐ यह राशीयो के हाल पङकर ईसे वौना मत वनाऐ मित्रो राम ओर रावण की राशीया ऐक थी कृश्न ओर कंस की भी ऐक ने मारा ओर ऐक मरा यह घटना ऐक साथ घटी माया वती ओर मुलायम सिंहा ऐक के गले मे हार दुसरा वैसे ही हारा मे यह मेरे अपने विचार है मेरा किसे से कोई वैर नही ना ही विरोघ आचार्य राजेश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कर्म फल और ईश्वर
परमात्मा हमारे/मनुष्यों के कर्मों का फल स्वयं देने नहीं आता। वह ऐसी परिस्थिति और संयोग बनाता है, जहाँ मनुष्य को फल मिल जाता है। यूं कहें कि ...
-
https://youtu.be/hb9Ouf_rST4 मित्रों आज बात करेंगे बुध और शनि की युति जब एक ही भाव में एक साथ हो या किसी भी तरह की युति बन रही है, तो कल क्य...
-
लक्ष्मी योग शुभ ग्रह बुध और शुक्र की युति से बनने वाला योग है।बुध बुद्धि-विवेक, हास्य का कारक है तो शुक्र सौंदर्य, भोग विलास कारक है।अब ये द...
-
जब किसी के जीवन में अचानक परेशानियां आने लगे, कोई काम होते-होते रूक जाए। लगातार कोई न कोई संकट, बीमारी बनी रहे तो समझना चाहिए कि उसकी कुंडली...
-
दशम भाव ज्योतिष भाव कुडंली का सबसे सक्रिय भाव है| इसे कर्म भाव से जाना जाता है क्यूंकि ये भाव हमारे समस्त कर्मों का भाव है| जीवन में हम सब क...
-
https://youtu.be/I6Yabw27fJ0 मंगल और राहूजब राहु और मंगल एक ही भाव में युति बनाते हैं, तो वह मंगल राहु अंगारक योग कहलाता है। मंगल ऊर्जा का स...
-
मालव्य योग को यदि लक्ष्मी योगों का शिरोमणी कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं। मालव्य योग की प्रशंसा सभी ज्योतिष ग्रन्थों में की गई है। यह योग शुक्...
-
https://youtu.be/9VwaX00qRcw ये सच है कि हर रत्न इस धरती पर मौजूद हर व्यक्ति को शोभा नहीं देता है. इसे पहनने के लिए ज्योतिष की सलाह आवश्यक ह...
-
-
आचार्य राजेश ईस बार मलमास 15 दिसंबर से आरंभ हो रहा है जो 14 जनवरी 2018तक रहेगा। मलमास के चलते दिसंबर के महीने में अब केवल 5 दिन और विवाह मुह...
-
मित्रों आज वात करते हैं फिरोजा रतन की ग्रहों के प्रभाव को वल देने के लिए या फिर उन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए ज्योतिष विज्ञान द्वारा विभि...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें