सोमवार, 12 जून 2017

आओ ज्योतिष सीखें पूरी ज्‍योतिष नौ ग्रहों, बारह राशियों, सत्ताईस नक्षत्रों और बारह भावों पर टिकी हुई है। सारे भविष्‍यफल का मूल आधार इनका आपस में संयोग है। नौ ग्रह इस प्रकार हैं - ग्रहअन्‍य नामअंग्रेजी नामसूर्यरविसनचंद्रसोममूनमंगलकुजमार्सबुध मरकरीगुरूबृहस्‍पतिज्‍यूपिटरशुक्रभार्गववीनसशनिमंदसैटर्नराहु नॉर्थ नोडकेतु साउथ नोड आधुनिक खगोल विज्ञान (एस्‍ट्रोनॉमी) के हिसाब से सूर्य तारा और चन्‍द्रमा उपग्रह है, लेकिन भारतीय ज्‍योतिष में इन्‍हें ग्रहों में शामिल किया गया है। राहु और केतु गणितीय बिन्‍दु मात्र हैं और इन्‍हें भी भारतीय ज्‍योतिष में ग्रह का दर्जा हासिल है।  भारतीय ज्‍योतिष पृथ्‍वी को केन्द्र में मानकर चलती है। राशिचक्र वह वृत्त है जिसपर नौ ग्रह घूमते हुए मालूम होते हैं। इस राशिचक्र को अगर बारह भागों में बांटा जाये, तो हर एक भाग को एक राशि कहते हैं। इसी तरह जब राशिचक्र को सत्‍ताईस भागों में बांटा जाता है, तब हर एक भाग को नक्षत्र कहते हैं। हम नक्षत्रों की चर्चा आने वाले समय में करेंगे।  एक वृत्त को गणित में 360 कलाओं (डिग्री) में बाँटा जाता है। इसलिए एक राशि, जो राशिचक्र का बारहवाँ भाग है, 30 कलाओं की हुई। फ़िलहाल ज़्यादा गणित में जाने की बजाय बस इतना जानना काफी होगा कि हर राशि 30 कलाओं की होती है। आज आप ग्रह के नाम अच्छी तरह सेयाद कर ले   ग्रह       अन्‍य नाम          अंग्रेजी नाम सूर्य       रवि              सन चंद्र      सोम               मून मंगल    कुज               मार्स बुध                       मरकरी गुरू     बृहस्‍पति            ज्‍यूपिटर शुक्र     भार्गव              वीनस शनि     मंद                सैटर्न राहु     नॉर्थ                नोड केतु     साउथ               नो्: ग्रह       अन्‍य नाम          अंग्रेजी नाम सूर्य       रवि              सन चंद्र      सोम               मून मंगल    कुज               मार्स बुध                       मरकरी गुरू     बृहस्‍पति            ज्‍यूपिटर शुक्र     भार्गव              वीनस शनि     मंद                सैटर्न राहु     नॉर्थ                नोड केतु     साउथ               नोड

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