आचार्य राजेश (ज्योतिष,वास्तु , रत्न , तंत्र, और यन्त्र विशेषज्ञ ) जन्म कुंडली के द्वारा , विद्या, कारोबार, विवाह, संतान सुख, विदेश-यात्रा, लाभ-हानि, गृह-क्लेश , गुप्त- शत्रु , कर्ज से मुक्ति, सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक ,पारिवारिक विषयों पर वैदिक व लाल किताबकिताब के उपाय ओर और महाकाली के आशीर्वाद से प्राप्त करें07597718725-०9414481324 नोट रत्नों का हमारा wholesale का कारोबार है असली और लैव टैस्ट रत्न भी मंगवा सकते है
रविवार, 4 जून 2017
आओ ज्योतिष सीखे ग्रुप से वैदिक ज्योतिष वैदिक ज्योतिष भारतीय ज्योतिष ग्रहों के प्रभाव पर, प्राचीन भारतीय ऋषियों और संतों द्वारा प्राप्त ज्ञान पर आधारित एक प्राचीन विज्ञान है | यह विज्ञान पश्चिमी खगोलविदों और ज्योतिषो के पैदा होने के भी काफी लम्बे समय से पहले भारत में विकसित कर लिया गया था | १५०० ई.पू. ही इसकी जड़ों ने वेदों में कदम रख लिया था | .ज्योतिष की कार्यप्रणली हम सभी जानते है की वैदिक ज्योतिष का सम्बन्ध १२ घर १२ राशियाँ और नौ ग्रहों से है, लेकिन में यहाँ पर ज्योतिष की कार्यप्रणली के बारे में चर्चा करना चाहता हूँ ! चलो जानने की कोशिश करते है की ज्योतिष किन सिद्धांतो पर कार्य करता है और इसके पीछे छिपे क्या तथ्य है तथा लाखों लोग इस विज्ञानं से किस प्रकार जुड़े हुए है ! जहाँ तक में समझता हूँ ज्योतिष एक ऐसी कार्य प्रणली है जिसके द्वारा मनुष्यों को अपने पिछले जन्मो के कर्मो का फल प्राप्त होता है ! अच्छे कर्मो का अच्छा फल तथा बुरे कर्मो का बुरा फल ! मान लो यदि आपने अपने पिछले जन्म में अच्छे कर्म किये है तो इस जन्म में आप एक सुखी जीवन व्यतीत करेंगे ! कम परिश्रम से भी अधिक फल की प्राप्ति करेंगे, परन्तु यदि आपने यदि अपने पिछले जन्म में सिर्फ बुरे ही बुरे कर्म किये है तो अगला जन्म आपके बुरे कर्मो का फल देगा ! पूरा जीवन दुःख और परेशानियों से भरा और अधिक से अधिक महनत करने पर भी फल की प्रति नहीं होगी ! और यही कारण है की लाखों लोग जीवन भर संघर्ष करने पर भी कुछ प्राप्त नहीं कर पाते और दूसरी तरफ कम परिश्रमी लोग अपने जीवन में बैठे बीठाय बहुत कुछ हांसिल कर लेते है!
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