गुरुवार, 16 मार्च 2017

ज्योतिष या ठगी का धंधा ज्योतिष वैज्ञानिक समाज का बहुत बड़ा सहारा बन सकते हैं किंतु फ्रॉड लोग उन लोगों तक समाज को पहुँचने ही नहीं देते इससे टूट रहे हैं सम्बन्ध बिखर रहे हैं परिवार ,चौपट हो रहा है व्यापार ,बढ़ रहे हैं अपराध और हो रहे हैं जीवनशास्त्र की जीवन में बहुत बड़ी भूमिका होती है जो जीवन और संबंधों को सँभाले रखती है किंतु पाखंडी लोग इतने आडंबर करते हैं कि ज्योतिष वैज्ञानिकों तक लोगों को पहुँचने ही नहीं देते हैं बीच में ही लूट ले्ते इसलिए ऐसी सभी प्रकार की घुसपैठ ज्योतिष एवं वास्तु आदि में रोकने के लिए अब भविष्य बताने वाले फर्जी लोगोंपर लगाम लगनी चाहीये पहले आयुर्वेद में भी डिग्रियों का प्रावधान नहीं था किंतु अब है !उसी प्रकार ज्योतिष के नाम पर आज करोड़ों अरबों का धंधा हो रहा है अयोग्य ज्योतिषी भविष्य का भय दिखाकर लूट रहे हैं लोगों को फैला रहे हैं अंध विश्वास इतने बड़े कारोबार को सरकार ने हवा में छोड़ रखा है आखिर क्योंसमझ से परे हैहमारे यहाँ उन हैरान परेशान लोगों के फोन आते हैं उन महिलाओं के फोन आते हैं जिन्होंने घर से चोरी करके पैसा दे रखा होता है ज्योतिषियों को ,कई ने तो अपनी ज्वैलरी तक बेच दी होती है ऐसे ही चक्करों में ,कई ने अपने पति या पत्नी के बशीकरण आदि के लिए ऐसे पाखंडों का सहारा लिया हुआ होता है जिससे इन पाखंडियों के द्वारा दी गई ऊटपटाँग चीजें अपने पति या पत्नी को खिला रखी होती हैं जिनसे गंभीर बीमारियाँ भुगत रहे होते हैं लोग किंतु आज वो किसी से कहने लायक भी नहीं होते कई महिलाओं के मन में उनके पति के चरित्र पर संशय पैदा करके कि उसके किसी और से सम्बन्ध हैं और जब वो किसी से जुड़ सकता है तो तुम क्यों नहीं ऐसे तर्कों को हवा देकर खुद जुड़ जाते हैं उनसे ज्योतिषी लोग और खा जाते हैं उनकी मेहनत की की सारी संपत्ति ऐसी छल कपट से इकठ्ठा की गई अकूत संपत्ति ये उड़ाते हैं टीवी और अखवारों में दिए जा रहे भारी भरकम विज्ञापनों में मित्रो एक दिन एक टीवी चैनल पर 20 मिनट बोलने का खर्च हजारों में देना होता है कई लोग तो एक ही दिन में कई कई चैनलों पर वर्षों से करते चले आ रहे हैं बकवास आखिर क्या हैं इनकी आय के स्रोत कहाँ से और कैसे आता है ये धन जो टीवी चैनलों को देते हैं ये लोग ईमानदारी पूर्वक ऐसे धन का संग्रह कर पाना कठिन लगता है और यदि हो भी तो अपनी खून पसीने की कमाई कोई यूँ ही क्यों नष्ट करेगा वो भी केवल वो दैनिक राशिफल और कालसर्पदोष बताने के लिए जो सौ प्रतिशत झूठ होते हैं जिनका शास्त्रों में कहीं उल्लेख नहीं है वैसे भी जब रोज कोई ग्रह नहीं बदलता तो इनका राशिफल कैसे बदल जाता है वो भी अलग अलग चैनलों पर एक ही राशि का फल अलग अलग बताया जा रहा होता है कई बार तो एक ही चैनल पर लोग अलग अलग लोग बक रहे होते हैं एक ही राशि का अलग अलग भविष्य कई तो ऐसे बकते हैं कि कोई शराबी इतनी जल्दी गालियाँ नहीं दे सकता जैसे वो राशिफल बक देते हैं ।समझ में नहीं आता है यह जानकारी जानकारी ज्योतिष की है या एंटरटेनमेंट करने की अरे भाई साहब कुछ तो ज्योतिष की लाज रखो क्यों इसकी लुटिया डुबोने पर लगे हो इसी प्रकार यंत्र तंत्र ताबीजों के धंधों में भारी फ्रॉड है यंत्र तंत्र ताबीज बनाने की जो विधियाँ हैं वो इतनी कठिन होती हैं कि वो बनाना हर किसी के बश की बात नहीं है और बाजारों में तो वो उपलब्ध हो ही नहीं सकते सौ प्रतिशत असंभव क्योंकि देवी देवता किसी तांत्रिक के गुलाम नहीं होते कि उसके ताबीज में बँधे चले जाएँगे और जो जो काम तांत्रिक बताकर भेजेगा वो देवी देवता लोग करने लगेंगे क्या अंधेर है ये शास्त्र विद्याओं का मजाक नहीं तो क्या हैहोली चली गयी आगे नवरात्र उसके बाद दिवाली आ रही है यंत्र तंत्र ताबीजों के धंधों में अभी से कमर कस कर तैयार हो रहे हैं लोग मित्रों इसका मतलब ये भी नहीं कि यंत्र तंत्र ताबीजों की विधा गलत है किंतु जिन तपस्वी साधकों के पास ऐसी साधना है उनके बनाए हुए यंत्र तंत्र ताबीजों में अद्भुत शक्ति होती है किंतु वे लोग दुर्लभ हैं !उनकी कृपा को पैसों से नहीं खरीदा जा सकता ज्योतिष के द्वारा हमें उसके जीवन पर रिसर्च करना होता है और खोजना होता है कि ये व्यक्ति जीवन के किस क्षेत्र में कितना सफल हो सकता है उसी के अनुरूप सलाह दे दी जाती है साथ ही ये भी ध्यान रखना होता है इनका काम भी हो जाए और बहम भी न पड़ने पाए साथ उपाय भी इतने महँगे और कठिन न हों कि सामने वाला कर ही न सके कुलमिलाकर सभी प्रकार से समाज के सुख दुखों में मित्र भावना से जुड़कर ही स्व हो सकता है यहाँ तक कि वास्तु जैसे विषयों में भी घरों में इसी प्रकार की बड़ी बड़ी समस्याएँ होते देखी जाती हैं किंतु घर वालों को पता नहीं लग पाता है , जबकि वास्तु स्पेशलिस्ट या वास्तु एक्सपर्ट टाइप के लोग प्रायः ज्योतिष वास्तु आदि पढ़े लिखे तो होते नहीं हैं ये केवक कुछ नग नगीने यंत्र तंत्र ताबीज पेंडुलम आदि बेचने के लिए कुछ देर बकवास करना इनकी मजबूरी होती है वहाँ शास्त्रीय वास्तु विद्या की तो कोई संभावना ही नहीं होती है ऐसे फ्रॉड लोग भोली भाली जनता को वास्तुशास्त्र के नाम पर अपने ही चक्करों में उलझाए लूटते रहते हैं वास्तुशास्त्र वैज्ञानिको ज्योतिष जैसे गंभीर विषय को सँवार कर फलित करने की सारी जिम्मेदारी केवल ज्योतिष वैज्ञानिकों की ही नहीं है आम समाज को इसमें सहयोग करने की आवश्यकता है ।कई बार जन्म पत्रियाँ गलत होती हैं या कम्प्यूटर से बनी हुई होती हैं उनमें उतनी शुद्धता न होने के कारण वो पूर्ण विश्वनीय नहीं होती हैं कई बार जिसकी जन्मपत्री लोग दिखाते हैं किन्तु दोष उसमें नहीं होता दोष घर के किसी अन्य सदस्य की कुण्डली या वास्तु आदि का होता है जिसे भुगत वो रहा होता है ऐसी परिस्थिति में उन सारी चीजों की गहन जाँच करनी होगी ,उसका खर्च भी अधिक आएगा और समय भी अधिक लगेगा ये स्वाभाविक है किन्तु जो लोग अज्ञान,कंजूसी या चालाकी के कारण उस पर लगने वाला खर्च वहन नहीं करना चाहते हैं इसका मतलब यह नहीं होता है कि हम अपनी श्रद्धा से जो चाहें सो दें पंडित जी वो लेंगे और पंडित जी मेहनत पूरी करेंगे किन्तु ऐसा कभी नहीं होता है ज्योतिषी के साथ जैसा व्यवहार आप करेंगे ज्योतिषी भी वैसा ही व्यवहार आपके साथ करेगा ये कभी नहीं सोचना चाहिए कि ज्योतिषी यदि विद्वान है तो वो तो हमारा भाग्य सही सही बताएगा ही उसे परिश्रम चाहें जितना करना पड़े ये भ्रम है जैसे बिजली किसी जगह चाहें जितनी हो किन्तु जितने बाड का बल्व लगा होता है प्रकाश उतना ही होता है ।इसी प्रकार से समुद्र में पानी चाहे जितना हो किन्तु पानी उतना ही देता है जितना बड़ा बर्तन होगा ठीक इसी प्रकार से कोई ज्योतिषी विद्वान चाहे जितना हो और किसी से सम्बन्ध चाहे जितने अच्छे हों किन्तु जितना आपका धन लगता है उतना ही ज्योतिषी का मन लगता है यदि धन नहीं तो मन नहीं, हाँ ,जैसे और जितनी चिकनी चुपड़ी बातें आप करके चले आओगे उतनी ही चिकनी चुपड़ी बातें करके ज्योतिषी लोग आपको प्रेम पूर्वक भेज देंगे यदि आप सोचते हैं कि मैंने चतुराई से काम निकाल लिया तो ज्योतिषी सोचता है कि मैंने परन्तु पैसे कम देने में आप भले सफल हो गए हों किन्तु जिस काम के लिए आप ज्योतिषी के पास गए थे वो काम आप बिलकुल बिगाड़ कर चले आए हो लेकर कई लोग अपनी समस्याओं से निपटने के लिए ज्योतिष पर उतना विश्वास नहीं कर पाते हैं जितना अन्य माध्यमों पर जैसे कोई बीमार है तो डाक्टर जाँच पर जाँच बताते जाएँगे इलाज पर इलाज बदलते जाएँगे उसमें धन खर्च करने में उतनी दिक्कत नहीं होती है किन्तु ज्योतिष विद्वान यदि उस हिसाब से समस्या की जड़ तक पहुँचना चाहे तो काम बढ़ जाएगा जिसका खर्च भी बढ़ेगा जिसके लिए लोग तैयार नहीं होते ऐसी परिस्थिति में ज्योतिषी भी उस कठिन परिश्रम से बचते हुए उतने में ही जो कुछ संभव हो पता है वो बता कर अपना पीछा छुड़ा लेता है ऐसे लोग बाद में सोचते हैं कि भविष्यवाणी गलत हो गई जो गलत है। मेरी तो सलाह ऐसे लोगों को है कि आधी अधूरी श्रद्धा लेकर किसी ज्योतिष वैज्ञानिक के पास जाना क्यों आखिर कोई विद्वान किसी के घर बुलाने तो जाता नहीं है कि हमें दिखा लो अपनी कुंडली ! दोस्त यह कुछ बातें जो मैंने लिखी है मुझे कुछ सच्चाई लगी इसमें जो मैंने लिख दिया आपको इसमें कुछ गलत लगता है तो माफी चाहता हूं यह मेरे अपने विचार है सो जरूरी नहीं है कि सभी इससे सहमत हो आज बस इतना ही आचार्य राजेश मित्रों कोई भी सवाल जवाब करना हो तो सीधा मेरे नंबरों पर करें WhatsApp पर Facebook या Messenger पर सवाल ना करें आपकी कोई भी जिज्ञासा है तो सीधा फोन पर बात करें 09414481324 07597718725

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कर्म फल और ईश्वर

परमात्मा हमारे/मनुष्यों के कर्मों का फल स्वयं देने नहीं आता। वह ऐसी परिस्थिति और संयोग बनाता है, जहाँ मनुष्य को फल मिल जाता है। यूं कहें कि ...