शनिवार, 18 मार्च 2017

गुण मिलान या कुंडली मिलान आज के कंप्यूटर के युग में बहुत सामान्य की बात हो गयी है हर दूसरा जातक अपने कंप्यूटर पर सॉफ्टवेर के माध्यम से कुंडली मिलान कर बोल देता है की इनके तो 28 गुण मिल गए या 33 गुण मिल गए अब विवाह में कोई व्यवधान नहीं आएगा आगे बात की जा सकती है मंगल दोष को भी अधिकतर ज्योतिष के सॉफ्टवेर बता ही देते है भकुट और नाडी दोष के बारे में भी सभी सॉफ्टवेर में दिया ही होता है एसे में जातक अपने आप में ही संतुष्ट हो जाता है ये अवस्था तब है जब गुण 26 से ऊपर मिले होते है इसके विपरीत यदि कभी 12या 14गुण मिलते है तो जातक आपनी ही बात से पलट जाते है हम कुंडली मिलान को विशेष महत्त्व ही नहीं देते कुंडली कुछ नहीं होती सिर्फ अपनी सोच है एसे में क्या तत्व दर्शन जातक को अपने पार्टनर का सही चुनाव देने में संभव है तो तो आंशिक रूप से खुद को ही छलावा देना हुआ गणितीय आकडे तो हर सॉफ्टवेर से आसानी से निकल आते है कुंडली मिलान इतना आसान नहीं होता जितना की एक जातक समझता है हर विषय को गंभीरता से जब तक न लिया जाये सही उत्तर मिलना आसान नहीं होते एसे में विवाह तो हो जाते है पर कितने समय तक चलेगे ये अपने आप में प्रश्न चिन्ह बन जाता है वाहिक बंधन जीवन का सबसे महत्वपूर्ण बंधन है। विवाह प्यार और स्नेह पर अधारित एक संस्था है। यह वह पवित्र बंधन है, जिसपर पूरे परिवार का भविष्य निर्भर करता है। समान्यत: कुंडली में अष्ट कुट एवं मांगलिक दोष ही देखा जाता है, लेकिन यह जान लेना अनिवार्य है कि कुंडली मिलान की अपेक्षा कुंडली की मूल संरचना अति महत्वपूर्ण है। एक व्यक्ति में बाहरी आकर्षण तो हो सकता है, लेकिन भीरत से वह पत्थर हृदय वाला और स्वार्थी भी हो सकता है, जाहिर है कि कुंडली की विस्तृत व्याख्या अनिवार्य मानी जाती है। कुंडली के बारह भावों में सप्तम भाव दांपत्य का है, इस भाव के अलावे आयु, भाग्य, संतान, सुख, कर्म, स्थान का पूर्णत: विश्लेषण एक सीमा में अनिवार्य है। नवमांश कुंडली सप्तांश, चतुर्विशांश, सप्तविशांश के अलावा रोग के लिए त्रिशांश कुंडली भी देखी जाती है। लड़कों के लिए शुक्र एवं लड़कियों के लिए गुरु कारक ग्रह है, इसकी स्थिति देखना अनिवार्य है। पुन: गुरु से सप्तम, चंद्र से सप्तम एवं सप्तम भाव के अधिपति की शुभ स्थिति देखी जाती है। शुक्र जो की व्यक्तिगत जीवन का करक है उसकी स्थिति देखे. मांगलिक होने पर मंगल की शक्ति भी देखे, कई बार मांगलिक होने पर भी मंगल का बुरा असर नहीं पड़ता क्यूंकि मंगल बलहीन होता है. . संतान भाव की स्थिति और सम्बंधित ग्रहों का अध्ययन भी अलग से करें . विवाह स्थान और सम्बंधित ग्रहों का अध्ययन करे. कुंडली में मौजूद अच्छे योगो का अध्ययन भी करे. दोनों की कुंडली में मौजूद बुरे योगों का अध्ययन भी करें और उसका समाधान निकाले. लग्न की स्थिति का भी पूरा अध्ययन जरुरी है. इसी के साथ चन्द्र कुंडली, नवमांश कुंडली आदि का अध्ययन भी जरुरी है. अतः किसी भी निष्कर्ष पर ऐसे ही मत पहुचे, अच्छे रिश्तो को ऐसे ही मत छोड़ दीजिये. याद रखे –स्वगृही, मित्रगृही या उच्च हो उसे शुभ ग्रह कहते हैं और कारक और अकारक को भी देखना चाहिए आजकल शादी में सिर्फ लड़की का रूप-रंग ही देखा जाता है, जबकि सामान्य कद-काठी और रूप-रंग के बच्चे भी यदि अत्यंत भाग्यशाली हुए, तो घर की स्थिति उत्तरोत्तर अच्छी होती जाती है और घर में चार चांद लग जाते हैं। कई मामलों में मांगलिक दोष भी भंग हो जाता है, लेकिन उसे मांगलिक मान लिया जाता है और शादियां कट जाती हैं।किसी भी कुंडली में हर ग्रह भाव राशि की एक विशेष अवस्था होती है जो जातक की जीवन की प्रकृति का निर्माण करती है एसे में दो जातको की कुंडली को देख कर उसके सामान्य और असामान्य क्रम को देखना और जीवन की अवस्था में बदलव पर दोनों के स्थायित्व को देखने का क्रम ही कुंडली मिलान होता है चंद्र की अवस्था का आकलन ही 36 गुणों में अभिव्यक्त किया गया है जो सही मायेने में सही भी है चंद्र जातक के मन का कारक है चंद्र की विशिष्ट अवस्थाओ के आधार पर दो कुंडलियो में गुण दोषों को देखा जाता है ये सामान्य रूप से बहुत हद तक सही भी है ज्योतिष में मंगल को भी विवाह के समय विशेष रूप से देखा जाता है मंगल के अच्छा होने पर विघ्न कम आते है एसा माना गया है जबकि वास्तविकता कितनी है ये अनुभवी जन ही जानते है इस क्रम में कुछ एसे विषयों को जोड़ना चाहुगा जिसको सामान्य जन नहीं जानते और न ही विवाह के समय उतना विचार करते है जातक की कुंडली में सप्तम भाव जीवन साथी बसका होता है इसके स्वामी का अस्त होना क्रूर ग्रह सूर्य के साथ होना, राहू या केतु के साथ होना सप्तम भाव पर गुरु या शुक्र की द्रष्टि न होना, मंगल या शनि की द्रष्टि होना जातक के वैवाहिक जीवन में नीरसता लाता है हमारे ज्योतिषीय जीवन में अनेकानेक विचित्र अनुभव होते रहे हैं। कुछ महानुभाव ऐसे भी आते हैं, जो कहते हैं कि मेरी कन्या के लिए एक अच्छा रिश्ता आया है। कृपा करके कुण्डली मिला दें। वर-कन्या की कुण्डली मिलाने से उनका आशय केवल इतना होता है कि आप गुण मिलान कर दें,बाकी वेस्वयंनिपटालेगे ये पूरी तरह हास्यपद बात होने के साथ ही उनके अल्पज्ञान का प्रदर्शन भी है।किंतु गांव-गिरांव और कस्बाई इलाकों में महानुभाव पंडितों ने अपने पेशेवर अन्दाज के कारण लोगों को भ्रम में डाला और मेट्रो शहरों के सिलेब्रिट्री ज्योतिर्विदों ने अंधाधुंध कमाई के चक्कर में सच को सामने आने ही नहीं दिया। केवल गुण मिलान के कारण लाखों दाम्पत्य जीवन पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं। छत्तीस गुणों में से कम से कम सोलह गुण मिल गए और वर-कन्या का आंख मूंदकर विवाह सम्पन्न करा दिया जाता है। भोगते तो बेचारे वे हैं जो अब शादी के वचन में व`घ गयै। जन्मकुंडली मिलान करने के पुरा समय लगना चाहिए यदि ज्योतिषाचार्य आपको पांच मिनट में कुंडली मिलान करके दे देते हैं तो यह चिंता का विषय है | सबसे पहले जन्म लग्न से जातक जातिका के चरित्र का पता चलता है | चरित्र सबसे पहले हैं बाकी चीजें बाद की हैं | लग्न के बाद राशी और फिर होरा चक्र देखा जाता है | मांगलिक दोष है या नहीं यह सुनने में आसान लगता है परन्तु कई बार गलती से मांगलिक की अमांगलिक से शादी करवा दी जाती है | मांगलिक योग की तीव्रता में यदि 70 से अधिक अंकों का फर्क हो तो कुंडली मिलान उत्तम नहीं है | जन्मकुंडली का पांचवां घर यह बता सकता है कि भावी पति / पत्नी के भविष्य में संतान सुख है या नहीं | इस पर विचार वे लोग कर सकते हैं जो शादी केवल संतान की इच्छा से करना चाहते हैं | कई बार वंश को आगे बढाने के लिए दुबारा शादी की जाती है | आज भी कुछ लोग ऐसे मिलते हैं जो संतान सुख से वंचित हैं और रजामंदी से दुसरे विवाह के लिए प्रयासरत रहते हैं | अजीब लगेगा परन्तु यह सुनिश्चित कर लें कि एक से अधिक विवाह का योग तो नहीं है ? आयु का विचार ज्योतिष में निषिद्ध है परन्तु मैं मानता हूँ कि यदि कुछ ऐसा दिखाई दे तो संकेत अवश्य दिया जा सकता है | अब मिलान की बारी आती है | कुंडली मिलान करते समय ऊपर लिखे सभी सिद्धांत यदि ध्यान में रखे जाएँ तो उत्त्तम जीवन साथी आपको अवश्य मिलेगा | मैं दावे से कह सकता हूँ कि उपरोक्त बातें सुनिश्चित करने के बाद तलाक जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है | यदि हर व्यक्ति ज्योतिष के नियमों का पालन करता है तो आने वाले समय में वैवाहिक समस्याओं पर किसी अदालत में कोई केस नहीं बचेगा |आचार्य राजेश paid service 09414481324 07597718725

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