रविवार, 18 फ़रवरी 2018

Ruby Gemstone Manik Ratan Jyotish

मित्रों माणिक सब रत्नों का राजा माना गया है। इसके बारे में एक धारणा यह है कि माणिक की दलाली में हीरे मिलते हैं। कहने का मतलब यह रत्न अनमोल है। यह रत्न सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे सूर्य के कमजोर व पत्रिकानुसार स्थिति जानकर धारण करने का विधान है। 
कीमत में इसका कोई मोल नहीं है, इसकी क्वॉलिटी पारदर्शिता व कलर पर निर्भर करता है इसका मूल्य। सबसे उत्तम बर्मा का माणिक माना गया है। यह अनार के दाने-सा दिखने वाला गुलाबी आभा वाला रत्न बहुमूल्य है। इसकी कीमत वजन के हिसाब से होती है। यह बैंकॉक का भी मिलता है; लेकि
न कीमत सिर्प बर्मा की ही अधिक होती है। बाकी 100 रु. से 500 रु. कैरेट तक में मिल जाता है, लेकिन बर्मा माणिक की कीमत 1000 रु. कैरेट से आगे होती है। एक कैरेट 200 मिली का होता है व पक्की रत्ती 180 मिली की होती है।माणिक को मोती के साथ पहन सकते हैं और पुखराज के साथ
 भी पहन सकते हैं। मोती के साथ पहनने से पूर्णिमा नाम का योग बनता है। जबकि माणिक व पुखराज प्रशासनिक क्षेत्र में उत्तम सफलता का कारक होता है। माणिक व मूंगा भी पहन सकते हैं, ऐसा जातक प्रभावशाली व कोई प्रशासनिक क्षेत्र में सफलता पाता है। इसे पुखराज, मूंगा के साथ भी पहना जा सकता है। पन्ना व माणिक भी पहन सकते है, इसके पहनने से बुधादित्य योग बनता है। जो पहनने वाले को दिमागी कार्यों में सफल बनाता है।मनुष्य की सहज प्रकृति है कि वह हमेशा सुख में जीना चाहता है परंतु विधि के विधान के अनुसार धरती पर ईश्वर भी जन्म लेकर आता है तो ग्रहों की चाल के अनुसार उसे भी सुख-दुःख सहना पड़ता है। हम अपने जीवन में आने वाले दुःखों को कम करने अथवा उनसे बचने हेतु उपाय चाहते हैं। उपाय के तौर पर अपनी कुण्डली की जांच करवाते हैं और ज्योतिषशास्त्राr की सलाह से पूजा करवाते हैं, ग्रह शांति करवाते हैं अथवा रत्न धारण करते हैं। रत्न पहनने के बाद कई बार परेशानियां भी आती हैं अथवा कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इस स्थिति में ज्योतिषशास्त्राr के ऊपर विश्वास डोलने लगता है। जबकि हो सकता है कि । माणिक यहां से आपने खरीदा वहां से आपको नकली या घटीया रतन दिया हो या फिर कुंडली के हिसाब से आपको माफिक ना करता हो आपका रत्न सही नहीं हो। वास्तव में रत्न खरीदते समय काफी समझदारी से काम लेना चाहिए क्योंकि असली और नकली रत्नों में काफी समानता रहती है जिससे गोरखधंधा के आप शिकार हो सकते हैं। रत्न अपरिचित स्थान से नहीं खरीदना चाहिए। रत्न खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्ति विश्वसनीय एवं रत्नों का जानकार हो। रत्न खरीदने से पहले बाजार भाव का पता कर लेना इससे रत्न की सत्यता और मूल्य का वास्तविक अनुमान भी मिल जाता है। रत्न अगर टूटा हुआ हो  तो कभी नहीं खरीदना चाहिए। इन रत्नों का प्रभाव कम होता है और कुछ स्थितियों में प्रतिकूल परिणाम भी देता  होता है।  इसीलिए जब भी रत्न पहनना हो तो किसी अच्छे रतन विशेषज्ञ को कुंडली दिखाकर ही पहनेसूर्य का प्रत्येक कुंडली में विशेष महत्व है तथा किसी कुंडली में सूर्य का बल, स्वभाव और स्थिति कुंडली से मिलने वाले शुभ या अशुभ परिणामों पर बहुत प्रभाव डाल सकती है। सूर्य के बल के बारे में चर्चा करें तो विभिन्न कुंडली में सूर्य का बल भिन्न भिन्न होता है जैसे किसी कुंडली में सूर्य बलवान होते हैं तो किसी में निर्बल जबकि किसी अन्य कुंडली में सूर्य का बल सामान्य हो सकता है। किसी कुंडली में सूर्य के बल को निर्धारित करने के लिय बहुत से तथ्यों का पूर्ण निरीक्षण आवश्यक है हालांकि कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि कुंडली में सूर्य की किसी राशि विशेष में स्थिति ही सूर्य के कुंडली में बल को निर्धारित करती है जबकि वास्तविकता में किसी भी ग्रह का किसी कुंडली में बल निर्धारित करने के लिए अनेक प्रकार के तथ्यों का अध्ययन करना आवश्यक है। विभिन्न कारणों के चलते यदि सूर्य किसी कुंडली में निर्बल रह जाते हैं तो ऐसी स्थिति में सूर्य उस कुंडली तथा जातक के लिए अपनी सामान्य और विशिष्ट विशेषताओं के साथ जुड़े फल देने में पूर्णतया सक्षम नहीं रह पाते जिसके कारण जातक को अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में कुंडली में निर्बल सूर्य को ज्योतिष के कुछ उपायों के माध्यम से अतिरिक्त उर्जा प्रदान की जाती है जिससे सूर्य कुंडली में बलवान हो जायें तथा जातक को लाभ प्राप्त हो सकें। सूर्य को किसी कुंडली में अतिरिक्त उर्जा प्रदान करने के उपायों में से उत्तम उपाय है सूर्य का रत्न माणिक्य धारण करना जिसे धारण करने के पश्चात धारक को सूर्य के बलवान होने के कारण लाभ प्राप्त होने आरंभ हो जाते हैं।माणिक्य रत्न सूर्य की उर्जा तरंगों को अपनी उपरी सतह से आकर्षित करके अपनी निचली सतह से धारक के शरीर में स्थानांतरित कर देता है जिसके चलते जातक के आभामंडल में सूर्य का प्रभाव पहले की तुलना में बलवान हो जाता है तथा इस प्रकार सूर्य अपना कार्य अधिक बलवान रूप से करना आरंभ कर देते हैं। यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि सूर्य का रत्न माणिक्य किसी कुंडली में सूर्य को केवल अतिरिक्त बल प्रदान कर सकता है तथा माणिक्य किसी कुंडली में सूर्य के शुभ या अशुभ स्वभाव पर कोई प्रभाव नहीं डालता। इस प्रकार यदि किसी कुंडली में सूर्य शुभ हैं तो माणिक्य धारण करने से ऐसे शुभ सूर्य को अतिरिक्त बल प्राप्त हो जायेगा जिसके कारण जातक को सूर्य से प्राप्त होने वाले लाभ अधिक हो जायेंगें जबकि यही सूर्य यदि किसी जातक की कुंडली में अशुभ है तो सूर्य का रत्न धारण करने से ऐसे अशुभ सूर्य को और अधिक बल प्राप्त हो जायेगा जिसके चलते ऐसा अशुभ सूर्य जातक को और भी अधिक हानि पहुंचा सकता है। इस लिए सूर्य का रत्न माणिक्य केवल उन जातकों को पहनना चाहिये जिनकी कुंडली में सूर्य शुभ रूप से कारक  र्हैं तथा ऐसे जातकों को सूर्य का रत्न कदापि नहीं धारण करना चाहिये जिनकी कुंडली में सूर्य अशुभ रूप से कार्य कर रहें जिस तरह सेटेलाईट से बदलते मौसम कीजानकारी मौसम वैज्ञानिकों को समय से पहले मिल जाती है ठीक उसी तरह सूर्य के रत्न माणिक्य में यह खूबी है कि यह आने वाली संकट की सूचना पहले दे देता है।मानक्य के विषय में मान्यता है कि जो व्यक्ति इसे धारण करता है वह अगर गंभीर रूप बीमार होने वाला होता है तो इसका रंग फीका हो जाता है। अगर व्यक्ति की मृत्यु होने वाली होती है तो करीब तीन महीने पहले से माणिक्य का रंग सफेद या फीका  होने लग जाता है।माणिक्य में रक्त संबंधी रोगों को दूर करने की क्षमता है। तपेदिक से पीड़ित व्यक्ति अगर इसे धारण करे तो चिकित्सा का लाभ तेजी से प्राप्त होता है।अगर किसी व्यक्ति को ब्लड प्रेशर या मधुमेह की समस्या है तो ऐसे हालातों में यह रत्न फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा पीठ दर्द, कान से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी इस रत्न को धारण कर किया जा सकता है।,इस रत्न का हमारी आखों, हड्डियों और यश पर सीधा असर होता हैब्रह्मांड की आत्मा कहे जाने वाले सूर्य की खूबियों से लैस माणिक रत्न सिलेब्रिटीज को आप अक्सर पहने देखेंगे। कुछ लोग इसे धार्मिक मान्यताओं के चलते पहनते हैं तो कुछ इसको जिंदगी में सफलता पाने के मकसद सेमाणिक रत्न पहने हुए व्यक्ति को उनके जीवन में नाम, प्रसिद्धि, लोकप्रियता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। माणिक रत्न निजी जीवन में रचनात्मकता और आत्मविश्वास उत्पन्न करता है।इस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि यह पत्थर पहनने से सकारात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है, जो संबंधों में खुशी, प्रेम और सद्भाव को बढ़ाता है।जो व्यक्ति व्यवसायिक समस्याओं का सामना कर रहे है, उन्हें इस पत्थर को पहनना चाहिए क्योंकि यह इस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि इस रत्न को पहनने से जीवन में भाग्य और धन आमंत्रित होता है।यह कम रक्तचाप, अनियमित दिल की धड़कन या ध्रुमपान, पक्षाघात और सामान्य दुर्बलता का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है।यह रत्न राजनीति और जो उच्च कार्यालय या उच्च पदों में सफलता प्राप्त करने के लिए यहां फिर से वता दूं माणिक्य रत्न का इस्तेमाल कुंडली दिखाने के बाद करें.यहां पर इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि विभिन्न जातकों के लिए माणिक्य के भिन्न भिन्न रंग उपयुक्त हो सकते हैं जैसे किसी को हल्के गुलाबी रंग का माणिक्य अच्छे फल देता है जबकि किसी अन्य को गहरे लाल रंग का माणिक्य अच्छे फल देता हैइसलिए माणिक्य के रंग का चुनाव केवल अपने ज्योतिषी के परामर्श अनुसार ही करना चाहिए तथा अपनी इच्छा से ही किसी भी रंग का माणिक्य धारण नहीं कर लेना चाहिये क्योंकि ऐसा करने से ऐसा माणिक्य लाभ की अपेक्षा हानि भी दे क्या है 
अपने ज्योतिषी द्वारा सुझाये गये माणिक्य के भार पर भी विशेष ध्यान दें तथा इस रत्न का उतना ही भार धारण करें जितना आपके ज्योतिषी के द्वारा बताया गया हो क्योंकि अपनी इच्छा से माणिक्य का भार बदलने से कई बार यह रत्न आपको उचित लाभ नहीं दे पाता जबकि कई बार ऐसी स्थिति में आपका माणिक्य आपको हानि भी पहुंचा सकता है।
शुक्लपक्ष के प्रथम रविवार के दिन सूर्य उदय के पश्चात् अपने दाये हाथ की अनामिका में धारण करे!माणिक्य को धारण करने के पश्चात सामान्यतया 3 से 6 मास की अवधि में एक बार अच्छी प्रकार से साफ कर लेना चाहिए क्योंकि ऐसा न करने पर आपके रत्न पर जमी धूल इसे सूर्य की उर्जा तरंगों को आपके शरीर में स्थानांतरित करने में बाधा उपस्थित कर सकती है जिससे आपका रत्न पूर्ण रूप से आपको लाभ प्रदान नहीं कर पाता।यदि आप जानना चाहते है की आपकी कुंडली के अनुसार आपको माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए या नहीं तो आप अपनी जन्म तारिक, जन्म समय और जन्म स्थान मुझे  फोन करे या आप रतन मंगवान चाहते हैं तो भी हमसे असली ओर लैव टैस्ट मंगवा सकते हैं 07597718725-09414481324क

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