रविवार, 19 अगस्त 2018

आठवां भाव 8) अष्टम भाव

आठवां भाव बीमारी और मृत्यु का भाव माना गया है। लाल किताब में इसे मुकाम फानी ,मौत अदल और न्याय का घर कहा गया है।

आठवें भाव का स्वामी मंगल है। कारक शनि और मंगल दोनों है। इसीलिए इसे शनि और मंगल की साजी गद्दी कहा गया है। अष्टम भाव में कर्म और फल का न्याय चन्द्रमा करता है। उसके न्याय में माफ़ी या दया के लिए नही है।जन्मकुंडली में फलादेश करते हुए कुंडली का आठवा भाव और शनि दोनों ही बड़े महत्वपूर्ण माने जाते हैं। कुंडली में अष्टम भाव को आयु का स्थान माना जाता है (कुछ विद्वान इसे मत्यु का स्थान समझते हैं, जो कि गलत हैआठवां भाव मौत का घर माना जाता है,मौत भी आठ प्रकार की मानी जाती है,पहली मौत अपमान के रूप से मानी जाती है,दूसरी मौत शरीर के नाश से मानी जाती है,तीसरी मौत निसन्तान रहने या केवल पुत्री के रहने पर मानी जाती है,चौथी मौत घर बार छोड कर गुमनाम जिन्दगी जीने की मानी जाती है,पांचवीं मौत आत्मा के विरुद्ध काम करने की मानी जाती है,छठी मौत सामयिक रूप से घर बार टत्यागने के कारण मानी जाती है,सातवीं मौत अपने कार्यों से अपने को बरबाद करने से मानी जाती है,और आठवीं मौत जीवन पर्यन्त शमशानी सेवा से मानी जाती ,मौत को ऐसे ही देखें  मरना तो हमें एक दिन होगा ही वा‌स्तव में मृत्यु का स्थान 7वां है।) आठवें भाव जैसा प्रभाव शनि ग्रह का भी है, इसी लिए शनि को इस स्थान का कारक कहा गया है। आठवां स्थान और शनि दोनों ही अचानक आने वाली मुसीबत, प्राकृतिक आपदा, अग्नि, जल, वायु या किसी भी प्रकार की आकस्मिक दुर्घटना, कारागार, यानी जेल, बड़े संकट, शरीर कष्ट की सूचना देते हैं। आठवें स्थान को दुःख भाव या पाप भाव के रूप में देखा जाता हैकुंडली का 8 भाव हमको यह बता देता है इस इंसान की आयु ईश्वर ने कितनी निर्धारित कर रखी है और यह इंसान इस पृथ्वी पर कितने साल जीवित रहेगा इसके लिए 8 भाव और उसके कारक शनि को देखा जाता है कुंडली का 8 भाव आपके नाभि से नीचे के स्थान को भी बताता है वो कितने हष्ट पुष्ट है कुंडली का 8 भाव इंसान को एक अदभुत सोच और परिलोकिक ज्ञान भी देता है इंट्यूशन पावर भी यही से मिलती है इंसान किसी भी चीज़ को बहुत गहराई से सोचकर उस चीज़ पर मंथन करता है कुंडली का 2 भाव का स्वामी या पंचम भाव का स्वामी अगर 8 भाव में हो इंसान किसी न किसी चीज़ पर रिसर्च कर लेता है 8 भाव का स्वामी अगर 8 में हो या पंचमेश का सम्बन्ध 8 भाव से 8 भाव के स्वामी और कारक शनि से हो जाय ऐसा इंसान एक दिन बहुत बड़ा तपस्वी या ऐसी बीमारियों को भी ठीक करने वाला बन जाता है जिसका इलाज बड़े से बड़े डॉक्टर के पास नहीं होता किसी भी चीज़ को बहुत गहराई से समझने के लिए 8 भाव का मझबूत होना भी बहुत जरुरी होता है जब यह भाव कुंडली में बहुत मझबूत होता है इंसान पारिवारिक बंधन और सब रिश्तों से हटकर कुछ अलग करता है वो इस दुनिया के लिए एक मिसाल बनकर भी दिखा सकता है यह भाव समुंद्री यात्राओं का भी भाव होता है और कई बड़ी बड़ी समुंद्री यात्रा का विचार भी इस भाव से किया जाता है 8 भाव से इंसान को गड़ा धन भी प्राप्त होता है वो ज्ञान के रूप में भी हो सकता है अलौकिक शक्तियों के रूप में भी हो सकता है और कुछ इंसान जीवन में ऐसा कर जाय जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की है उस तरह का भी हो सकता है जिसका 8 भाव बहुत ज्यादा मजबूत हो और उस पर उस भाव के स्वामी की दशा हो ऐसा इंसान जो बोलेगा वो सच हो जायेगा 8 भाव से रहस्मयी ताक़त निकलकर वाणी स्थान को देखती है जो की उसके मुह से निकली बात को सच कर देती है कुंडली में इस भाव से बड़ी बड़ी तपस्या की जा सकती है कोई बड़ा रिसर्च किया जा सकता है और जीवन में मॉनव समाज की कोई बड़ा अविष्कार करके भी दिया जा सकता है यह भाव अगर बहुत ही ज्यादा मजबूत हो तो इंसान एक अच्छा ज्योतिषी एक अच्छा साइंटिस्टएक अच्छा तांत्रिक या फिर इस दुनिया से भी जो बाहर एक दुनिया है उसको समझ सकता है ऐसा इंसानमें ईश्वर की दी हुई शक्तियां होती है पर उसको योग और साध्ना से जगाना पड़ता है अगर यह भाव खराब होगा आपकी आयु कम हो जाएगी आपको गुप्त रोग बवासीर के रोग और काफी गुप्त रोगों से झुंझना पड़ जाएगा आपके घर चोरी डकैती पड़ जायगी परिवार और समाज से आपका बहिष्कार हो जायेगा आप किसी एक चीज़ के पीछे पागल हो जाओगे और कुछ समझ नहीं आयेगा आपको मानसिक परेशानी हो जायेगी काम कुछ बचेगा नहीं और ठोकरे खाओगेआपके बड़े बड़े नशे की लत लग जाएगी और जीवन एकांत में ही खत्म हो जायेगा अब भाव भवेश और कारक कैसे है तभी इस भाव के बारे में आप अच्छे से जान सकते है कुंडली का कोई भी भाव कभी खराब नहीं होते है बस उसकी कुछ सिडिफ्फक्ट होते है इसलिए कुंडली में सभी भावो में कुछ न कुछ छुपा है हमें समझने की जरुरत है


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