आचार्य राजेश (ज्योतिष,वास्तु , रत्न , तंत्र, और यन्त्र विशेषज्ञ ) जन्म कुंडली के द्वारा , विद्या, कारोबार, विवाह, संतान सुख, विदेश-यात्रा, लाभ-हानि, गृह-क्लेश , गुप्त- शत्रु , कर्ज से मुक्ति, सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक ,पारिवारिक विषयों पर वैदिक व लाल किताबकिताब के उपाय ओर और महाकाली के आशीर्वाद से प्राप्त करें07597718725-०9414481324 नोट रत्नों का हमारा wholesale का कारोबार है असली और लैव टैस्ट रत्न भी मंगवा सकते है
गुरुवार, 30 अगस्त 2018
क्या मैं राजनीति में जा सकती हूं?
एक जातिका का प्रश्न है कि वह क्या राजनीति में जा सकती है ?
सभी को पता है कि राजनीति का कारक ग्रह सूर्य है,कुंडली में सूर्य को देखना बहुत जरूरी है। जातिका की कुण्डली तुला लगन और तुला ही राशि की है। लगनेश शुक्र का स्थान राहु के साथ कर्क राशि में लगन से दसवें भाव में है। कर्क राशि का स्वभाव जलीय कारणों के लिये जाना जाता है,कर्क राशि का राहु अगर शुक्र के साथ है तो वह जनता के लिये मनोरंजन का कारक जरूर बनता है,साथ ही जातिका के अन्दर एक भाव जो अधिक बलवती होता है कि वह लगातार मीडिया के सामने आकर सबके सामने प्रदर्शित हो,उसे ऊंचे स्थानों में रहने का हवाई यात्रायें करने का खुशबू और कन्डीसन्ड स्थानों में रहने की विशेष उत्कंठा मिलती है। शुक्र से बारहवें भाव में सप्तमेश और द्वितीयेश मंगल के साथ लाभेश सूर्य है,साथ में भाग्येश और व्ययेश बुध भी सूर्य और मंगल के साथ है। सूर्य का भाग्येश के साथ होना जातिका को राजनीति के लिये प्रेरित तो करता है,और राजकीय लोगों से मेल मिलाप भी रखता है,लेकिन शुक्र के साथ राहु होने से और कर्क का राहु होने से जातिका के दिमाग में सभी स्थानों में चमक दमक देखने की आदत है,शुक्र जब राहु के साथ हो और धन भाव का स्वामी और पति के स्थान का स्वामी मंगल बारहवें भाव में हो तो जातिका के लिये केवल खर्चा करने के लिये ही माना जा सकता है। सूर्य से शुक्र राहु का दूसरा होना जो भी राजनीति लोग होंगे उसे मनोरंजन के साधन के रूप में ग्रहण करेंगे,उसके बल पर अपने स्वार्थ की पूर्ति करेंगे और बदले में उसे कोई भ्रम में देने वाली बात को दे देंगे। जातिका के लिये सूर्य तभी अपनी गति को प्रकट करना माना जाता है जब उसके दिमाग से अपने को दिखाने वाली भावना को छोडा जा सके। बुध और मंगल की युति से सोफ़्ट और हार्ड की लडाई हो जाती है,बातों के अन्दर तीखापन आ जाता है,बातो को घुमाकर कहना बात की पुष्टि तकनीकी कारणों से प्रयोग करने की आदत होना,कमन्यूकेशन के साधनो को सोफ़्टवेयर आदि की जानकारी होना,आदि माना जा सकता है। जातिका का गुरु शनि दोनो ही बारहवें भाव में है,जातिका का स्वभाव भी धर्मी है,वह राजनीति में जाने के लिये अपनी धर्मी नीति को बेअसर नही कर सकती है। जातिका के नाना के लिये भी माना जा सकता है कि उन्होने सरकारी तकनीकी क्षेत्र को सही समझा था,लेकिन जातिका के पिता से राजनीति के कारण ही या उसी प्रकार के कारणॊं से हमेशा षडाष्टक योग बना रहा आदि बातें जानी जा सकती है। वर्तमान में गुरु का गोचर जन्म के गुरु के साथ चल रहा है,बुध लाभ भाव में है,और बुध की राजनीति से जातिका को राजनीति में पद प्राप्त करने का समय चल रहा है। जातिका को राजनीति में जाना हितकर भी होगा।
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