मित्रो पंचवा भाव पणकर (शर्त कर) होता है। यह मिलाजुला शुभाशुभ भाव माना जाता है।
इस भाव से जातक के जीवन की सफलता असफलता का विचार किया जाता है। इसी से जातक का भविष्य जाना जाता है। पंचम भाव का स्वामी सूर्य और कारक वही गुरु को बनाया गया क्यों की सूर्य रुपी प्रकाश द्वारा ही हम पंचम रुपी विद्या ग्रहण करते हैं और इसके संतान कारक होने का कारण भी यही है के संतान ही अपने माता पिता का नाम रौशन करती है ,इसे प्रॉडक्शन हाउस भी कह सकते हैं। इंसान क्या पैदा करता है, वह इसी भाव से आएगा। इसमें शिष्य, पुत्र और पेटेंट वाली खोजें तक शामिल हो सकती हैं। ईमानदारी से की गई रिसर्च भी इसी से देखी जाएगी। ईमानदारी से मेरा अर्थ है ऐसी रिसर्च जिससे विद्यार्थी अथवा विषय के लिए कुछ नया निकलकर आ रहा हो। इसके अलावा आनन्दपूर्ण सृजन, सुखी बच्चे, सफलता, निवेश, जीवन का आनन्द, सत्कर्म जैसे बिंदुओं को जानने के लिए इस भाव को देखना इसी पंचम से हर व्यक्ति की मानसिकता भी देखी जाती है तो उन कारकों की पोजीशन के अनुसार ही हम कोई निर्णय ले सकते हैं ! ्कुंडली का पांचवा भाव बहुत मत्वपूर्ण भाव होता है क्योकि यह लग्नेश के मित्र का भाव होता है टलग्नेश ने बहुत बड़ी जिम्मेदारी पंश्मेश को दी है इसको त्रिकोनाधिपति भी कहते हैइस भाव की सबसे बड़ी खसियत यह है यह भाव सभी शुभ भावो और अच्छे भावो से सही प्लेसमेंट रखता है
यह भाव लगन से 5 है
2 भाव से 4 है
7 भाव से 11 है
9 भाव से 9 है
और
11 भाव से 7 है
अच्छे भावो से यह और भी अच्छा हो जाता है
अगर आपका यह भाव खराब हो जाय आपका तीन पिलर में से एक पिलर टूट जायगा
जिस पर आपका पूरा लगन खड़ा हैलग्नेश यानी आप को संतान इस भाव से ही प्राप्त होती है
आपकी संतान कैसी होगी वो आपके नाम को यश देगी या आपके नाम पर कलंक लगा देगी यह चीज़ इस भाव से जानी जा सकती है
इस भाव से आपका ज्ञान आपकी हाई एजुकेशन कैसी होगी आपको पढ़ाई लिखाई का सुख मिलेगा या नही आप पर मा सरस्वती कितनी मेहरबान है इस भाव से पता चल जाता है
कुंडली मे यह भाव मझबूत हो इंसान खूब पड़ा लिखा होता है उसकी बुद्धि बहुत तेज होती है वो हर चीज़ को बहुत जल्दी समझ लेता है
इस भाव से आपका पेट के बारे में भी जाना जाता है आपकी पाचन शक्ति कितनी मझबूत है इंसान के पेट से होने वाली बीमारिया भी इस भाव से देखी जाती है
कयह भाव अच्छा हो इंसान को धन की भी अच्छी प्राप्ति होती है ऐसा इंसान अपने काम मे बहुत बड़ी कामियाबी हासिल करता है्कुंडली का चौथा भाव जनता का प्यार है5 भाव जनता का धन होता है पब्लिक रिलेशनशिप से।उसको धन मिलता हैसट्टा शेयर मार्कीट से इंसान को बहुत फायदा होता है अगर यह भाव बहुत अच्छा होगाइस भाव से आपके प्रेम सम्वन्ध भी देखे जाते है इंसान का प्रेम विवाह होगा और वो कितने लोगों के साथ अपने प्रेम संबंध रखता हैकुंडली मे यह भाव अगर अच्छा हुआ आप जीवन मे जल्दी सफलता पा सकते है क्योकि पिछले जन्मो के अच्छे कर्म होने की वजह से आप जल्दी ही किसी चीज़ को हासिल कर लेते हैसंतान आपकी आज्ञाकारी होगी आपके सुख और दुख में आपके साथ चलेगीअगर कुंडली का भाव भावेश और कारक खराब हुआ आपकी पढ़ाई पूरी नही हो पाएगी आप विद्या के क्षेत्र में पीछे रह जाओगेआपकी संतान नही होगी अगर हुई तो आपको उसका सुख नही मिल पाएगा वो आपको बीच मे ही छोड़कर चली जायेगी आपके दुखो में वो आपका साथ नही देगीआपके पिछले जन्मों के पुन्य नष्ट हो जायँगे और इस जीवन मे आपको बहुत संघर्ष करना होगापाचवें घर से शरीर के अंगों में दिल, रीढ की हड्डी का विचार किया जाता है.इस भाव से ईश्वरीय ज्ञान देखा जाता है. किसी व्यक्ति की ईश्वर पर कितनी श्रद्धा है. इसकी जानकारी पंचम घर से ही प्राप्त होती है. पंचम घर से नाटक, फिल्म, कलाकार, तथा फिल्म उद्योग (film industry) से जुड़े विषयों को भीदेखा जाता है. तीसरे घर से तीसरा भाव होता है इस कारण इस घर से भाई-बन्धुओं की छोटी यात्राओं का आंकलन किया जाता है. जीवनसाथी से लाभ, पिता की धार्मिक आस्था, पिता की विदेश यात्रा, कोर्ट-कचहरी के फैसले के विषय में भी यही घर जानकारी देता है. यह स्थान छठे घर से बारहवां स्थान है जिसके कारण प्रतियोगिता कि भावना कमी करता है. नौकरी में बदलाव, उधार लिये गये ऋण की हानि भी दर्शाता है.घर में रसोईघर को पंचम भाव का स्थान माना जाता है.
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