रविवार, 12 अगस्त 2018

जन्म कुंडली का तीसरा भाव

मित्रों तीन की संख्या अशुभ मानीजाती है। तीन आदमी एक साथ किसी काम के लिए नही जाते। कोई वस्तु लेनी देनी हो तो तीन की संख्या में नही देते यों तो शास्त्रीय ज्योतिष में भी तीसरे भाव को बहुत शुभ भावों की श्रेणी में नही रखा गया है; किन्तु लाल किताबकार ने तो इसे बहुत ही अशुभ कहा है।

इस घर का रंग है खूनी, असर होता भी है खूनी। मित्रों तीसरे भाव का कारक ग्रह मंगलहै,औरहमारेज्योतिष की सभी पद्धतियों के अनुसार भी मंगल ही तीसरे घर का कारक है,यहां पर राशि का मालिक बुध है,लेकिन इस घर पर मंगल का ज्यादा अधिकार होने के कारण बुध यहां अच्छे फ़ल का नहीं माना गया है। शायद इस्का कारण यह है कि मंगल का प्रभाव बुध में बहुत कमी या कमजोरी कर देता है।

तीसरे घर से हम व्यक्ति का जिम्मेदार होना या अपने फ़र्ज को निभाना इसकी मात्रा का अंदाजा लगा सकते है,व्यक्ति में कितना शौर्य या कितनी बहादुरी है उसका पता भी इसी भाव से लगता है,यह भात ध्यान रखने योग्य है,कि यहां व्यक्ति की बहादुरी से मतलब है कि वह दूसरे लोगों की कहां तक सहायता कर पाता है और दूसरे लोगों के बर्ताव में वो कहां तक अपनी बहादुरी को प्रकट कर सकता है।

तीसरे घर का संबन्ध हमारे मकान के अन्दर रखे आराम के सामान से भी है,यानी यहां पर शुभ ग्रह होने से व्यक्ति के घर में आराम के साधन काफ़ी मात्रा में होंगे,यदि अशुभ ग्रह यहां बैठा हुआ है तो उसके आराम के साधनों में कमी आ जायेगी,तीसरा घर महारी शारीरिक तौर पर जाग्रत अवस्था का घर है,यानी हममें किसी काम को लेकर कितना उत्साह स्फ़ूर्ति है या उत्साह कितना मंदा है,इसका सम्बन्ध भी इसी घर से है,यही घर नजर का असर यानी हमारी द्रिष्टि में किस प्रकार की शक्ति है,इस बात का कारक है,इससे नजर लग जाने का मतलब नहीं है,इसका अर्थ केवल इतना है कि किसी व्यक्ति की नजरों की शक्ति किस हद तक प्रभावशाली रहती है,यही घर चोरी बीमारी का स्थान भी है,कुछ हद तक हमारी दूसरों के साथ शत्रुता का संबंध भी इसी घर से है।

यह घर हमारे जीवन में भाग्य के चढाव व गिरावट को भी दर्शाता है,यानी किस्मत के क्षेत्र में हम किस हद तक ऊंचे जा सकते है,नीचे गिर सकते है या किस्मत के क्षेत्र में हम वहीं खडे रह जायेंगे,दिशा के अनुसार यह घर दक्षिण दिशा का कारक है,दक्षिण दिशा का कारक इसलिये माना गया है,कि इस घर का कारक ग्रह मंगल जहां बहुत शक्तिशाली है वहीं वह दक्षिण दिशा का भी कारक है। इसलिये तीसरे घर में मेष वृश्चिक या मकर राशि में बैठा मंगल बहुत ही शुभ होता है,और यदि व्यक्ति के मकान का दरवाजा दक्षिण की ओर हो तो इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं पडता है।

इस घर का संबन्ध हमारे घर के अन्दर रखे हथियारों से भी है,जैसे तलवार पिस्तौल आदि,यदि यहां पर कोई बहुत शुभ ग्रह हो तो घर में जिसकी तेज धार न हो या टूटे हुये हथियार का रखना अशुभ फ़ल देता है,कुंडली का तीसरा घर इस बात को भी दर्शाता है कि उस व्यक्ति के दूसरे रिस्तेदार या मित्र धन या आर्थिक दशा के अनुसार किस हैसियत के होंगे,यदि यहां पर कोई शुभ ग्रह हो जैसे मंगल यहां पर अच्छी हालत मे हो तो उसके भाइयों की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी।

तीसरा घर व्यक्ति की माया के बाहर जाने का रास्ता है,यह ठीक है कि बारहवां घर हमारे खर्चे का घर है,लेकिन तीसरा घर भी अशुभ होने की हालत में पैसे का नुकसान होने से गहरा सम्बन्ध है,इसलिये इसे चोरी होने का घर भी कहा जाता है,तीसरे घर से ही हम बहन भाई आदि की स्थिति के बारे में जान सकते है,,किंतु इसके अलावा साले बहनोई के बारे में जानने के लिये भी सहायक होता है,उदाहरण के तौर पर राहु साले का कारक है,यदि राहु तीसरे घर में हो तो हमारे अपने साले के साथ संबन्ध अच्छे रह सकते है,या उससे किसी न किसी प्रकार से लाभ हो सकता है।

तीसरे घर को मैदाने जंग और लेन देन का घर भी कहा जाता है,इसका वास्तविक मतलब है कि हमारे जीवन में लडाई झगडे की मात्रा कैसी होगी,या उसमें हमारी स्थिति कैसी होगी,इसका पता चलता है,इसी तरह से पैसे के संबन्ध में जो हमारा दूसरों से लेन देन होगा उसके शुभ या अशुभ असर को भी तीसरे घर से ही देखा जा सकता है।

तीसरे घर को वक्त आखिरी या दुनिया से हमारा नाता खत्म होना यानी मौत से भी कुछ सम्बन्ध है,हालांकि मौत का घर आठवां माना गया है,लेकिन तीसरा घर चूंकि मौत की स्थिति को दर्शाता है,और मौत से पहले के समय पर रोशनी डालता है,इसीलिये इसका सम्बन्ध मौत से भी है,इसी तरह यह घर फ़लदार पौधों वृक्षों का भी कारक है,यदि यहां पर शुभ ग्रह हों तो घर में फ़लदार पौधों का होना अच्छा फ़ल देता है,लेकिन यदि यह घर खराब हो तो घर में फ़्लदार पौधे लगाना अशुभ फ़ल देगा।

हमारे शरीर के अंगों में यह भाव हमारे बाजुओं का कारक है,और बाजू ही हमारी शक्ति या दूसरों के साथ लडाई झगडे आदि में काम आने वाले अंग हैं,इसके अलावा आंख की पलकें हमारा जिगर तथा हमारे शरीर में खून की मात्रा तथा खून के दोषों का पता भी तीसरे भाव से लगता है,हमारी उम्र के लिहाज से इस घर का संबन्ध हमारी जवानी की उम्र से भी है,यदि यहां शुभ ग्रह हों तो हम जवानी के समय में अपने जीवन में ज्यादा उन्नति कर सकते हैं,लेकिन यदि अशुभ ग्रह हो तोजवानी के समय में हमारी मेहनत का फ़ल हमें नहीं मिल पाता है,इसी तरह हम अपने भाइयों दोस्तों या रिस्तेदारों से जो कुछ भी प्राप्त करते है इस घर का इस बात से भी बहुत गहरा संबन्ध है। तीसरे घर में शनि ग्रह ग्रहफ़ल का होगा,लेकिन दौलत के सम्बन्ध में राशिफ़ल का होगा।तीसरे भाव से कुण्डली के बारे में जानने हेतु जातक के इस भाव में किस ग्रह की युति है और किस भाव से इसका संबंध आ रहा है इन सभी बातों को समझना आवश्यक होता है,यदि तीसरा भाव मजबूत हो और किसी अच्छे ग्रह के प्रभाव में हो तो ऎसी स्थिति में जातक परिश्रम करने से अपने जीवन काल में अपने भाईयों, दोस्तों की सहायता भी खूब पाता है. अपनी मेहन और साहस से जातक खूब सफलताएं पाता है. लोगों का पूर्ण सहयोग भी जातक को ऊंचाईयां छूने में मददगार होता है.मर्थकों के सहयोग से सफलतायें प्राप्त करते हैं, जबकि दूसरी ओर यदि जातक की कुंडली में तीसरे भाव पर अशुभ बुरे ग्रहों का प्रभाव हो तो ऐसे व्यक्ति अपने जीवन काल में अपने भाईयों तथा दोस्तों के कारण बार-बार हानि उठाते हैं तथा इनके दोस्त या भाई इनके साथ बहुत जरुरत के समय पर विश्वासघात भी कर सकते हैं.रीर के कुछ हिस्सों तथा श्वास लेने की प्रणाली को भी दर्शाता है तथा इस भाव पर किसी बुरे ग्रह का प्रभाव कुंडली धारक को मस्तिष्क संबंधित रोगों अथवा श्व्सन संबंधित रोगों से पीड़ित कर सकता है।का तृतीय भाव यदि राहु केतु से प्रभावित हो तो जातक संतान रूप में अपने घर में ज्येष्ठ या अनुज होता है. साथ ही उसमें भाव में राहु और केतु का प्रभाव पड़ने से परेशानी भी आती है. यह संबंधों में तनाव को भी ला सकता है. तीसरा भाव उच्चता लिए हो तो स्वाभिमान में बल आता है जातक को लोगों का सामना करने की हिम्मत मिलती है.

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